बांका: अंगक्षेत्र का प्रसिद्ध शक्तिपीठ तिलडीहा दुर्गा मंदिर में महाअष्टमी के मौके पर मां का दर्शन करने के लिए आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा (Maha Ashtami Puja in Tildiha). रविवार को निशा पूजा के साथ ही आम श्रद्धालुओं के लिए मां का पट खोल दिया गया. साेमवार अल सुबह तीन बजे से ही डलिया चढ़ाने का सिलसिला शुरू हो गया. सूर्योदय होने से पहले मंदिर से करीब दो किलोमीटर दूरी तक तिलडीहा बगीचा के आगे खेल मैदान तक लंबी कतारें लग गई. डलिया चढ़ाने का सिलसिला शाम के छह बजे तक चलता रहा. इस बीच कतार में खड़ी कई महिला श्रद्धालु मूर्छित होकर गिर पड़ी. अस्थाई स्वास्थ्य केंद्र में जांच के बाद एंबुलेंस से सीएचसी में भर्ती कराया गया.
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कई राजनेता भी पहुंचे दर्शन के लिएः प्रशासनिक पदाधिकारियों के अलावे कई राजनेता भी माथा टेकने तिलडीहा पहुंचे. महाअष्टमी पर मां से आशीष लिया. इस क्रम में तिलडीहा पहुंचे उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओमप्रकाश घोष, भागलपुर मेडिकल कालेज के अधीक्षक डॉ असीम दास, तारापुर विधायक राजीव कुमार, बेलहर विधायक मनोज यादव सहित अन्य ने बताया कि मां की महिमा अपरंपार है. लोगों की आस्था स्वतः खींच लाती है. बांका के अलावे मुंगेर, भागलपुर, गोड्डा, देवघर इत्यादि जगहों से आने वाले श्रद्धालुओं ने बताया कि मां का दर्शन करने लिए सुबह चार बजे से कतार में लगे हैं. करीब चार घंटे तक लगातार खड़े रहने के बाद दर्शन संभव हो पाया (Durga Puja 2022).
बच्चे और महिलाएं गुम हो गईं थीः महाअष्टमी पर उमड़ी जनसैलाव में कई बच्चे और बुजुर्ग महिलाएं गुम हो गईं. हलांकि एनाउंसमेंट के बाद स्वजनों से मिल सके. इसके अलावे कई लोगों ने पर्स चोरी होने की बात कही. वहीं तिलडीहा मेला ड्यूटी में तैनात शंभुगज सीओ अशोक कुमार सिंह एवं कुछ पुलिस जवानों की कार्यशैली से श्रद्धालुओं में आक्रोश दिखाई पड़ा. दरअसल सीओ की ड्यूटी बदुआ नदी के समीप ड्राप गेट पर लगी थी. जो भी श्रद्धालु आवाजाही कर रहे थे उसपर सीओ डंडे भाज रहे थे. इस क्रम में सीओ के व्यवहार पर कई श्रद्धालु भड़क गए. हलांकि बाद में सीओ ने बीपी अधिक होने की बात कह भूल स्वीकार की.
मेला प्रभारी ने सीओ को चेतायाः "लोग आस्था के साथ मंदिर आते हैं. श्रद्धालुओं की आस्था पर ठेस नहीं पहुंचे, इसका हमेशा खयाल रखें"- माधव कुमार, एडीएम सह मेला प्रभारी, बांका
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मंत्री की गाड़ी पर थी पाबंदीः तिलडीहा में सुरक्षा व्यवस्था अन्य वर्षों से काफी सख्त थी. मंदिर परिसर में एंबुलेंस, अग्निशमन वाहन छोड़ सभी वाहनों पर पाबंदी थी. यहां तक कि प्रशासनिक पदाधिकारियों, मंत्री और विधायकों की गाड़ी को अंदर लाने पर भी पाबंदी थी. मंदिर के मुख्य पुजारी श्याम आचार्य ने बताया कि नवमी को पाठाबलि मंगलवार को एक बजे से शुरु होगा. यहां करीब 10 हजार से अधिक बलि दी जाती है.