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आदिवासियों को दिया गया समेकित कृषि प्रणाली का प्रशिक्षण, शुष्क जलवायु में बताए गए खेती के तरीके - आदिवासी समुदाय

आदिवासी समुदाय के किसानों को समेकित कृषि प्रणाली के तहत उन्नत तकनीक से खेती करने के टिप्स दिए गए. जिसमें पशु प्रबंधन से लेकर फलदार पौधे लगाने के तरीके से अवगत कराया गया.

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प्रशिक्षण प्राप्त करते किसान
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Published : Jan 30, 2020, 12:18 PM IST

Updated : Jan 30, 2020, 12:23 PM IST

बांका: सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए लगातार प्रयासरत है. इसमें कृषि विज्ञान केंद्र अहम भूमिका निभा रहा है. इसी कड़ी में कृषि विज्ञान केंद्र बांका में आदिवासी उपयोजना के तहत सौ से अधिक आदिवासी समुदाय के किसानों को पशु, उन्नत खेती और पौधा प्रबंधन को लेकर प्रशिक्षण दिया गया.

कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक सह समन्वयक डॉ. मुनेश्वर प्रसाद ने बताया कि आदिवासी उपयोजना के सभी को समेकित कृषि प्रणाली को लेकर प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इस समुदाय के किसानों को पशुओं के रखरखाव से लेकर कृषि के क्षेत्र में उन्नत तकनीक से खेती करने की जानकारी दी गई. धान, गेहूं और हरी सब्जी की फसल के साथ-साथ फलदार पौधे के बेहतर प्रबंधन के बारे में भी अवगत कराया गया.

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प्रशिक्षण प्राप्त करते किसान

मवेशी के टीकाकरण की दी गई जानकारी
वहीं, पशु वैज्ञानिक डॉ. धर्मेंद्र ने किसानों को मवेशी संबंधी परेशानियां को दूर करने के लिए किसानों को जानकारी दी. साथ ही उसके रखरखाव और टीकाकरण करने की विधि के बारे में प्रशिक्षण दिया गया.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

शुष्क जलवायु के अनुसार खेती की सलाह
कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक सह समन्वयक डॉ. मुनेश्वर प्रसाद ने बताया कि बांका की जलवायु शुष्क है. यहां आम, नींबू, अमरूद, कटहल जैसे फलदार पौधे की खेती अधिक मात्रा में की जा सकती है.

बांका: सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए लगातार प्रयासरत है. इसमें कृषि विज्ञान केंद्र अहम भूमिका निभा रहा है. इसी कड़ी में कृषि विज्ञान केंद्र बांका में आदिवासी उपयोजना के तहत सौ से अधिक आदिवासी समुदाय के किसानों को पशु, उन्नत खेती और पौधा प्रबंधन को लेकर प्रशिक्षण दिया गया.

कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक सह समन्वयक डॉ. मुनेश्वर प्रसाद ने बताया कि आदिवासी उपयोजना के सभी को समेकित कृषि प्रणाली को लेकर प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इस समुदाय के किसानों को पशुओं के रखरखाव से लेकर कृषि के क्षेत्र में उन्नत तकनीक से खेती करने की जानकारी दी गई. धान, गेहूं और हरी सब्जी की फसल के साथ-साथ फलदार पौधे के बेहतर प्रबंधन के बारे में भी अवगत कराया गया.

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प्रशिक्षण प्राप्त करते किसान

मवेशी के टीकाकरण की दी गई जानकारी
वहीं, पशु वैज्ञानिक डॉ. धर्मेंद्र ने किसानों को मवेशी संबंधी परेशानियां को दूर करने के लिए किसानों को जानकारी दी. साथ ही उसके रखरखाव और टीकाकरण करने की विधि के बारे में प्रशिक्षण दिया गया.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

शुष्क जलवायु के अनुसार खेती की सलाह
कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक सह समन्वयक डॉ. मुनेश्वर प्रसाद ने बताया कि बांका की जलवायु शुष्क है. यहां आम, नींबू, अमरूद, कटहल जैसे फलदार पौधे की खेती अधिक मात्रा में की जा सकती है.

Intro:आदिवासी समुदाय परंपरागत खेती पर ही विश्वास करते हैं। कृषि विज्ञान केंद्र बांका के सहयोग से आदिवासी समुदाय के लिए उप योजना चलाई जा रही है। इसके तहत किसानों को समेकित कृषि प्रणाली के विभिन्न अवयवों की जानकारी आदिवासी समुदाय के किसानों को प्रशिक्षण के माध्यम से दिया जा रहा है।


Body:- आदिवासी समुदाय के किसानों के लिए चलाया जा रहा है उप योजना

आदिवासी समुदाय के सौ से अधिक किसानों को दिया गया प्रशिक्षण

- समेकित कृषि प्रणाली पर दिया जा रहा है जोर

- किसानों को उन्नत तकनीक से खेती करने का दिया जा रहा है टिप्स

- पशु प्रबंधन से लेकर फलदार पौधे लगाने के तरीके से कराया जा रहा है किसानों को अवगत

- जलवायु शुष्क रहने किसान आम, नींबू, अमरूद और कटहल की कर सकते हैं खेती

बांका। सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए लगातार प्रयासरत है। समेकित कृषि प्रणाली अपना किसान अपनी आय को कैसे बढ़ाए इसको अंजाम तक पहुंचाने में कृषि विज्ञान केंद्र का अहम भूमिका निभा रही है। इसी कड़ी में कृषि विज्ञान केंद्र बांका में आदिवासी उपयोजना के तहत सौ से अधिक आदिवासी समुदाय के किसानों को समेकित कृषि प्रणाली के तहत पशु, उन्नत खेती और पौध प्रबंधन को लेकर प्रशिक्षण दिया गया।

कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक सह समन्वयक डॉ. मुनेश्वर प्रसाद ने बताया कि
आदिवासी उपयोजना के तहत आदिवासी समुदाय के किसानों को समेकित कृषि प्रणाली को लेकर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके साथ आदिवासी समुदाय के किसानों को पशुओं के रखरखाव से लेकर कृषि के क्षेत्र में उन्नत तकनीक से खेती के बारे में भी जानकारी दी गई। धान, गेहूं और सब्जी की फसल के साथ-साथ फलदार पौधे को लगाने में बेहतर प्रबंधन किस प्रकार किया जाए इसकी बारीकी से भी अवगत कराया गया।

मवेशी में टीकाकरण की दी गई जानकारी
किसानों को मवेशी संबंधी जो परेशानियां आती है उसके निवारण के लिए पशु वैज्ञानिक डॉ. धर्मेंद्र के द्वारा विस्तार पूर्वक किसानों को जानकारी दी गई। साथ ही उसके रखरखाव और टीकाकरण करने के विधि के बारे में भी प्रशिक्षण दिया गया।


Conclusion:बांका की जलवायु है शुष्क
कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक सह समन्वयक डॉ. मुनेश्वर प्रसाद ने बताया कि बांका की जलवायु शुष्क है। यहां आम, नींबू, अमरूद, कटहल जैसे फलदार पौधे की खेती अधिक मात्रा में की जा सकती है।

बाईट- डॉ. मुनेश्वर प्रसाद, वरीय वैज्ञानिक सह कृषि समन्वयक, केवीके बांका
Last Updated : Jan 30, 2020, 12:23 PM IST
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