ETV Bharat / state

कोरोना, बारिश के बाद 'भनभनिया' कीड़ों ने किसानों की तोड़ दी कमर

बांका जिले के कटोरिया प्रखंड के कई गांवों में धान की फसलों में भनभनिया कीड़े का प्रकोप तेजी से फैल रहा है. फसलों की इस महामारी के कारण किसान हरा धान काटने को मजबूर हैं. ऐसे में किसान अब मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

author img

By

Published : Oct 24, 2020, 4:58 PM IST

बांका
बांका

बांका (कटोरिया) : कोरोना, बारिश और अब फसलों में कीट ने किसानों की कमर तोड़ दी है.धान की फसलों को भनभनना कीड़े अपना निशाना बना रहे हैं. फसल की इस बीमारी ने महामारी का रुप अख्तियार कर लिया है. जिससे धान की बाली खखड़ा में तब्दील हो जा रही है.

अनाज व पुआल का हुआ संकट
भनभनिया कीड़े की वजह से पुआल बनने से पहले पौधे सूख कर सड़ जा रहे हैं. खरीफ में बांका जिला के किसानों की प्रमुख फसल धान ही है. इस वर्ष बेहतर मानसून के कारण बंपर पैदावार होने का अनुमान लगाया जा रहा था. लेकिन भनभनिया कीड़ों के हमले से किसानों की पूरी मेहनत पर पानी फिर रहा है.

पेश है रिपोर्ट

हरा धान काटने को किसान मजबूर
धान की फसल में फैली महामारी ने किसानों की नींद उड़ा दी है. पीड़ित किसान आनन-फानन में हरा धान ही काटने को मजबूर हो रहे हैं. खेतों में फूट चुकी धान की फसल को एक महीने बाद काटा जाता है. लेकिन इस महामारी से प्रभावित फसलें गिर जा रही हैं. और धान में दाना नहीं बन पा रहा है. ऐसे में किसान समय से पहले धान की फसल काट रहे हैं.

मुआवजे की मांग
किसानों के सामने भूखमरी और कर्ज की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है. किसी कीटनाशक का भी प्रभाव इस बीमारी पर नहीं पड़ रहा. क्षेत्र के पीड़ित किसानों ने जिला प्रशासन और राज्य सरकार से फसल सहायता राशि के तहत उचित मुआवजा देने की मांग की है

बांका (कटोरिया) : कोरोना, बारिश और अब फसलों में कीट ने किसानों की कमर तोड़ दी है.धान की फसलों को भनभनना कीड़े अपना निशाना बना रहे हैं. फसल की इस बीमारी ने महामारी का रुप अख्तियार कर लिया है. जिससे धान की बाली खखड़ा में तब्दील हो जा रही है.

अनाज व पुआल का हुआ संकट
भनभनिया कीड़े की वजह से पुआल बनने से पहले पौधे सूख कर सड़ जा रहे हैं. खरीफ में बांका जिला के किसानों की प्रमुख फसल धान ही है. इस वर्ष बेहतर मानसून के कारण बंपर पैदावार होने का अनुमान लगाया जा रहा था. लेकिन भनभनिया कीड़ों के हमले से किसानों की पूरी मेहनत पर पानी फिर रहा है.

पेश है रिपोर्ट

हरा धान काटने को किसान मजबूर
धान की फसल में फैली महामारी ने किसानों की नींद उड़ा दी है. पीड़ित किसान आनन-फानन में हरा धान ही काटने को मजबूर हो रहे हैं. खेतों में फूट चुकी धान की फसल को एक महीने बाद काटा जाता है. लेकिन इस महामारी से प्रभावित फसलें गिर जा रही हैं. और धान में दाना नहीं बन पा रहा है. ऐसे में किसान समय से पहले धान की फसल काट रहे हैं.

मुआवजे की मांग
किसानों के सामने भूखमरी और कर्ज की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है. किसी कीटनाशक का भी प्रभाव इस बीमारी पर नहीं पड़ रहा. क्षेत्र के पीड़ित किसानों ने जिला प्रशासन और राज्य सरकार से फसल सहायता राशि के तहत उचित मुआवजा देने की मांग की है

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.