बांका: कोरोना वायरस को लेकर हाई कोर्ट के निर्देश के बाद जिला जज बलराम दुबे ने कई आवश्यक कदम उठाए हैं. कोर्ट में कार्यरत अधिकारियों और कर्मियों की ड्यूटी रोटेशनल कर दी गई है. जिलास्तर पर कोरोना वायरस के रोकथाम की मॉनिटरिंग के लिए 12 सदस्यीय टीम गठित की गई है. जिला जज इसका स्वयं मॉनिटरिंग कर रहे हैं.
कोरोना वायरस का संक्रमण देश में लगातार बढ़ता जा रहा है. इसके मद्देनजर पटना हाई कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला जज को कई निर्देश दिए हैं. हाई कोर्ट के निर्देश को लागू कराने के लिए जिला जज बलराम दुबे ने बांका व्यवहार न्यायालय के सभी जजों और सब जजों के साथ आपात बैठक की. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए 12 सदस्यीय टीम बनाई गई है. जिससे जिले भर में संक्रमण के रोकथाम के लिए उठाए जा रहे कदम की मॉनिटरिंग की जा सके.
कोर्ट में रोटेशनल ड्यूटी शुरू
जिला जज बलराम दुबे ने बताया कि हाईकोर्ट से निर्देश मिलने के बाद बांका व्यवहार न्यायालय के सभी अधिकारियों से लेकर कर्मियों तक का रोटेशनल ड्यूटी लागू कर दिया गया है. सीमित लोग ही कोर्ट आएंगे. इसका मुख्य उद्देश्य लोगों की भीड़ एकत्रित नहीं होने देना है. डब्ल्यूएचओ के अनुसार कोरोना वायरस का संक्रमण एक दूसरे से फैलता है. वहीं, कोर्ट पूरी तरह से लॉक डाउन है. कोर्ट परिसर में सन्नाटा पसरा हुआ है. बांका व्यवहार न्यायालय के दोनों एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने 31 मार्च तक काम नहीं करने का फैसला किया है.
'गांव में पीएलबी को किया गया है तैनात'
जिला जज ने बताया कि सिविल सर्जन से निवेदन कर जेल में कैदियों की जांच के लिए 5 सदस्यीस डॉक्टरों की टीम बनाकर जेल की जांच की गई. जेल में कोई भी संक्रमित नहीं मिला है. वहीं, सचिव को कड़ा निर्देश दिया गया है कि गांव-गांव और घर-घर में जाकर कैंप करें. लोगों को कोरोना वायरस से बचने के लिए जागरूक करें. इसके लिए प्रत्येक गांव में दो-दो पीएलबी को तैनात किया गया है. साथ ही सचिव को निर्देश दिया गया है कि हर गांव में जाकर पीएलबी क्या कर रहे हैं? इसकी रिपोर्ट तैयार कर लिखित रूप से दें. गांवभर में लॉक डाउन के बाद व्यवस्था की वीडियोग्राफी करवाने का आदेश दिया जा चुका है.