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बैंकों के बाद अब डाकघर में खाता खुलवाने की होड़, सुबह 5 बजे से जूता-चप्पल से उपस्थिति

लॉकडाउन के दौरान लोगों की समस्या थमने का नाम नहीं ले रही है. आर्थिक तंगी और अनाज की कमी से जूझते लोग हर सितम सहने को तैयार हैं. यही वजह है कि बैंकों के बाद अब डाकघर के बाहर भी सुबह 5 बजे से ही खाता खुलवाने के लिए लंबी-लंबी कतारें देखी जा सकती है. सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत भेजी गई. राशि निकासी के लिए लोगों की भीड़ डाकघर के बाहर जुट रही है.

बांका
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Published : May 2, 2020, 1:51 PM IST

बांका : देश में लॉकडाउन 3.0 की घोषणा हो चुकी है, जो 3 मई से 17 मई तक लागू रहेगा. कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर पूरे देश के विभिन्न जिलों को तीन जोन में बांटा गया है. बांका जिला ऑरेंज जोन में है. यहां सरकार के द्वारा कुछ रियायतें दी गई है. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए काम करने की अनुमति दी गई है.

इसके बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को काम नहीं मिल पा रहा है. जिससे लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. अनाज की कमी से परिवार का पेट पालना भी मुश्किल हो गया है. सरकार ने विभिन्न स्कीम के तहत जरूरतमंदों के खाते में राशि भेजी है. राशि निकासी के लिए बैंकों के साथ-साथ अब डाकघरों में भी खाता खुलवाने के लिए लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई है. सुबह 5 बजे से ही लोग चप्पल और ईंट रखकर खाता खुलवाने के लिए अपना नंबर लगा रहे है.

लॉकडाउन से चरमरा गई है घर की माली स्थिति
डाकघर में खाता खुलवाने के लिए कतार में खड़ी महिला इंदु देवी बताती हैं कि घर की माली स्थिति पूरी तरह से चरमरा गई है. बच्चे खाने को मोहताज हो रहे हैं. ऐसे में डाकघर में खाता खुलवा कर सरकार द्वारा भेजी गई राशि की निकासी कर किसी तरह परिवार का गुजारा करेंगे. वहीं, कंचन देवी बताती है कि कोरोना वायरस के चलते काम बंद हो गया है. सभी लोग घर पर बैठे हैं. पैसे के साथ-साथ अनाज की भी कमी से जूझ रहे हैं. इसलिए डाकघर में खाता खुलवाने पहुंचे हैं, ताकि सरकार द्वारा दी जा रही मदद हासिल कर किसी तरह परिवार का गुजारा हो सके.

देखें पूरी रिपोर्ट

'सरकार से मांगना पड़ रहा है भीख'
जगदीश यादव ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति भयावह हो चली है. कोरोना के चलते काम बंद हो गया है, जिससे 2 जून की रोटी नसीब नहीं हो पा रहा है. बस किसी तरह गुजारा चल रहा है. किसी के माध्यम से जानकारी मिली कि सरकार मदद कर रही है. मदद प्राप्त करने के लिए सुबह 5 बजे से डाकघर के बाहर खाता खुलवाने के लिए खड़े हैं. स्थिति ऐसी आन पड़ी है अब सरकार से भी भीख मांगना पड़ रहा है. जगदीश यादव ने सरकार से आग्रह किया कि किसी तरह और रोजगार मुहैया कराया जाए, ताकि जिंदगी एक बार फिर पटरी पर दौड़ सके.

banka
डाकघर के बाहर लोगों की लगी भीड़

खाता खुलवाने के लिए जुट रही है भीड़
प्रधान डाकघर बांका के पोस्ट मास्टर घनश्याम शाह ने बताया कि लोगों को सूचना मिली है कि डाकघर के इंडियन पोस्ट पेमेंट बैंक में खाता खुलवाने से सरकार द्वारा विभिन्न मद में दी जाने वाली सहायता राशि मिलेगी. इसी को लेकर लोग बैंकों के बाहर खड़े हैं. सुबह 10 बजे से एक बार में 5 व्यक्ति को डाकघर के अंदर बुलाया जाता है. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए खाता खोला जा रहा है, जबकि पोस्ट ऑफिस के जिलेभर में 130 ब्रांच हैं. सभी जगह यह सुविधा उपलब्ध है. इसके बावजूद लोग प्रधान डाकघर बांका में भीड़ लगाए हुए हैं.

बांका : देश में लॉकडाउन 3.0 की घोषणा हो चुकी है, जो 3 मई से 17 मई तक लागू रहेगा. कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर पूरे देश के विभिन्न जिलों को तीन जोन में बांटा गया है. बांका जिला ऑरेंज जोन में है. यहां सरकार के द्वारा कुछ रियायतें दी गई है. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए काम करने की अनुमति दी गई है.

इसके बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को काम नहीं मिल पा रहा है. जिससे लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. अनाज की कमी से परिवार का पेट पालना भी मुश्किल हो गया है. सरकार ने विभिन्न स्कीम के तहत जरूरतमंदों के खाते में राशि भेजी है. राशि निकासी के लिए बैंकों के साथ-साथ अब डाकघरों में भी खाता खुलवाने के लिए लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई है. सुबह 5 बजे से ही लोग चप्पल और ईंट रखकर खाता खुलवाने के लिए अपना नंबर लगा रहे है.

लॉकडाउन से चरमरा गई है घर की माली स्थिति
डाकघर में खाता खुलवाने के लिए कतार में खड़ी महिला इंदु देवी बताती हैं कि घर की माली स्थिति पूरी तरह से चरमरा गई है. बच्चे खाने को मोहताज हो रहे हैं. ऐसे में डाकघर में खाता खुलवा कर सरकार द्वारा भेजी गई राशि की निकासी कर किसी तरह परिवार का गुजारा करेंगे. वहीं, कंचन देवी बताती है कि कोरोना वायरस के चलते काम बंद हो गया है. सभी लोग घर पर बैठे हैं. पैसे के साथ-साथ अनाज की भी कमी से जूझ रहे हैं. इसलिए डाकघर में खाता खुलवाने पहुंचे हैं, ताकि सरकार द्वारा दी जा रही मदद हासिल कर किसी तरह परिवार का गुजारा हो सके.

देखें पूरी रिपोर्ट

'सरकार से मांगना पड़ रहा है भीख'
जगदीश यादव ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति भयावह हो चली है. कोरोना के चलते काम बंद हो गया है, जिससे 2 जून की रोटी नसीब नहीं हो पा रहा है. बस किसी तरह गुजारा चल रहा है. किसी के माध्यम से जानकारी मिली कि सरकार मदद कर रही है. मदद प्राप्त करने के लिए सुबह 5 बजे से डाकघर के बाहर खाता खुलवाने के लिए खड़े हैं. स्थिति ऐसी आन पड़ी है अब सरकार से भी भीख मांगना पड़ रहा है. जगदीश यादव ने सरकार से आग्रह किया कि किसी तरह और रोजगार मुहैया कराया जाए, ताकि जिंदगी एक बार फिर पटरी पर दौड़ सके.

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डाकघर के बाहर लोगों की लगी भीड़

खाता खुलवाने के लिए जुट रही है भीड़
प्रधान डाकघर बांका के पोस्ट मास्टर घनश्याम शाह ने बताया कि लोगों को सूचना मिली है कि डाकघर के इंडियन पोस्ट पेमेंट बैंक में खाता खुलवाने से सरकार द्वारा विभिन्न मद में दी जाने वाली सहायता राशि मिलेगी. इसी को लेकर लोग बैंकों के बाहर खड़े हैं. सुबह 10 बजे से एक बार में 5 व्यक्ति को डाकघर के अंदर बुलाया जाता है. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए खाता खोला जा रहा है, जबकि पोस्ट ऑफिस के जिलेभर में 130 ब्रांच हैं. सभी जगह यह सुविधा उपलब्ध है. इसके बावजूद लोग प्रधान डाकघर बांका में भीड़ लगाए हुए हैं.

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