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बांका: आशा कार्यकर्ता की संदेहास्पद स्थिति में मौत, लोगों में दहशत - बांका आशा कार्यकर्ता मौत

बांका में आशा कार्यकर्ता की संदेहास्पद स्थिति में मौत हो गई. चिकित्सा प्रभारी ए.के सिंहा ने बताया कि मृतक आशा पूनम कुमारी अपने काम को अपना कर्तव्य समझकर सबसे पहले पूरा करती थी.

Asha worker death
Asha worker death
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Published : Apr 15, 2021, 3:51 PM IST

बांका (चांदन): प्रखंड मुख्यालय पीएचसी की एक आशा कार्यकर्ता की संदेहास्पद स्थिति में अचानक मौत से स्वास्थ्य विभाग सहित आम लोगों में दहशत का माहौल हो गया है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही उस वक्त सामने आ गयी, जब बिना कोविड जांच के ही उसकी लाश को परिवार वालों को सौंप दिया गया.

ये भी पढ़ें: रोहतास: मानदेय की मांग को लेकर आशा कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन

कटोरिया रेफरल अस्पताल में मौत
बताया जाता है कि अपने काम के प्रति सदा ही लगन से लगी रहने वाली उत्तरी वारने पंचायत के महियासिमर निवासी गोविंद मुर्मू की पत्नी पूनम कुमारी की रात अचानक पेट दर्द की शिकायत होने पर कटोरिया रेफरल अस्पताल में मौत हो गयी. चिकित्सा प्रभारी ए.के सिंहा ने बताया कि मृतक आशा पूनम कुमारी अपने काम को अपना कर्तव्य समझकर सबसे पहले पूरा करती थी.

वैक्सीन लेने के लिए चलाया जनसंपर्क
वह उत्तरी वारने के नावाडीह से आशा के रूप में काम करती थी. उसका व्यवहार काफी मधुर था, जिससे लोग उससे प्रभावित भी होते थे. दो दिन पूर्व तक उसने अपने क्षेत्र में लोगों को कोरोना वैक्सीन लेने के लिए लगातार जनसंपर्क चलाया. जिससे काफी संख्या में लोगों ने आकर वैक्सीन भी लिया. उसका प्रसव, बंध्याकरण, टीकाकरण, पल्स पोलियो में काफी महत्वपूर्ण योगदान रहा. अपने कार्य के दौरान गर्मी और कड़ी धूप में उसे सिर में दर्द हुआ और अचानक कटोरिया के रेफरल में उसकी मृत्यु हो गई.

ये भी पढ़ें: पटना: कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए टेस्टिंग पर जोर, आशा कार्यकर्ता कर रही है जागरुक

मुआवजा देने की मांग
उसकी मौत से पूरा स्वास्थ्य विभाग सदमे में है. वहीं उसके परिवार के लोगों का भी रो-रो कर बुरा हाल है. प्रखंड के सभी आशा कार्यकर्ताओं ने इस मौत पर शोक सभा का आयोजन किया और परिवार को उचित मुआवजा देने की मांग की.

बांका (चांदन): प्रखंड मुख्यालय पीएचसी की एक आशा कार्यकर्ता की संदेहास्पद स्थिति में अचानक मौत से स्वास्थ्य विभाग सहित आम लोगों में दहशत का माहौल हो गया है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही उस वक्त सामने आ गयी, जब बिना कोविड जांच के ही उसकी लाश को परिवार वालों को सौंप दिया गया.

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कटोरिया रेफरल अस्पताल में मौत
बताया जाता है कि अपने काम के प्रति सदा ही लगन से लगी रहने वाली उत्तरी वारने पंचायत के महियासिमर निवासी गोविंद मुर्मू की पत्नी पूनम कुमारी की रात अचानक पेट दर्द की शिकायत होने पर कटोरिया रेफरल अस्पताल में मौत हो गयी. चिकित्सा प्रभारी ए.के सिंहा ने बताया कि मृतक आशा पूनम कुमारी अपने काम को अपना कर्तव्य समझकर सबसे पहले पूरा करती थी.

वैक्सीन लेने के लिए चलाया जनसंपर्क
वह उत्तरी वारने के नावाडीह से आशा के रूप में काम करती थी. उसका व्यवहार काफी मधुर था, जिससे लोग उससे प्रभावित भी होते थे. दो दिन पूर्व तक उसने अपने क्षेत्र में लोगों को कोरोना वैक्सीन लेने के लिए लगातार जनसंपर्क चलाया. जिससे काफी संख्या में लोगों ने आकर वैक्सीन भी लिया. उसका प्रसव, बंध्याकरण, टीकाकरण, पल्स पोलियो में काफी महत्वपूर्ण योगदान रहा. अपने कार्य के दौरान गर्मी और कड़ी धूप में उसे सिर में दर्द हुआ और अचानक कटोरिया के रेफरल में उसकी मृत्यु हो गई.

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मुआवजा देने की मांग
उसकी मौत से पूरा स्वास्थ्य विभाग सदमे में है. वहीं उसके परिवार के लोगों का भी रो-रो कर बुरा हाल है. प्रखंड के सभी आशा कार्यकर्ताओं ने इस मौत पर शोक सभा का आयोजन किया और परिवार को उचित मुआवजा देने की मांग की.

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