बांका: जिले में कुपोषण को दूर भगाने के लिए अब आंगनबाड़ी सेविका घर-घर दस्तक देकर लोगों को घरों में पोषण वाटिका तैयार करने के हुनर सिखाएगी. इसको लेकर पूरे जिले की सेविकाओं को बांका कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने प्रशिक्षण दिया.
पोषण वाटिका बनाना महत्वपूर्ण
प्रशिक्षण ग्रहण कर सेविका अपने पोषण क्षेत्र के इलाके में घर-घर जाकर और लोगों को आसपास की खाली पड़ी जमीन पर पोषण वाटिका तैयार करने को लेकर जागरुक करेगी. आईसीडीएस की डीपीओ रिफत अंसारी ने बताया कि सही पोषण से ही कुपोषण को खत्म किया जा सकता है. इसके लिए घर में पोषण वाटिका बनाना बहुत महत्वपूर्ण है.
सब्जी लगाने के लिए प्रेरित
घर में पोषण वाटिका रहने से लोगों को बिना बाहरी रसायन वाले साग सब्जी खाने को मिलेंगे. जिससे लोग स्वस्थ रहेंगे और कुपोषण भी खत्म होगा. प्रशिक्षण के दौरान कृषि विज्ञान केन्द्र के वरीय वैज्ञानिक डॉ. मुनेश्वर प्रसाद ने सेविकाओं को बताया कि घर-घर जाकर लोगों को घर में खाली पड़े प्लास्टिक में मिट्टी डालकर लौकी, करेली, भिंडी आदि सब्जी लगाने के लिए प्रेरित करें.
शरीर को मिलेगा विटामिन
इन सब्जियों में किसी भी तरह का रसायनिक खाद का प्रयोग नहीं करने के लिए प्रेरित करें. इससे तैयार हरी सब्जियों के सेवन से किसी भी तरह का साइड इफेक्ट नहीं होगा और लोगों को पूरी तरह से विटामिन से भरपूर सब्जियां खाने को मिलेंगी. खाद रहित सब्जियों के सेवन से शरीर को भरपूर विटामिन मिलता है.
क्या कहते हैं अधिकारी
आईसीडीएस के जिला समन्वयक शम्स तबरेज ने बताया कि सभी सेविका कल से घर-घर में जाकर लोगों को पोषण वाटिका बनाने के तरीके बताएंगे. इससे होने वाले फायदे की जानकारी भी लोगों को देंगी.
उन्होंने बताया कि गर्भवती और धात्री महिलाएं अगर ऐसी सब्जियों का सेवन करती हैं, तो उनमें एनीमिया की समस्या भी समाप्त होगी. साथ ही बच्चे भी स्वस्थ होंगे. महिलाएं स्वस्थ रहेंगी तो, वह अपने बच्चे को भी नियमित तरीके से स्तनपान करा पाऐगी. इससे बच्चे भी कुपोषित नहीं होंगे.