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छठ महापर्व के दिन पहले फेज का चुनाव, वोटिंग पर पड़ सकता है असर

11 अप्रैल को बिहार में प्रथम चरण के चुनाव होने हैं. जिसमें औरंगाबाद, जमुई, नवादा और गया शामिल हैं. छठ पर्व होने से इन जिलों मे मतदान प्रतिशत घट सकता है.

डीएम राहुल रंजन महिवाल
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Published : Mar 16, 2019, 1:05 PM IST

औरंगाबादः लोकसभा चुनाव प्रथम चरण और लोक आस्था का महापर्व दोनों की तारीख एक होने से उहापोह की स्थिति बन गई है. चैती छठ पर्व होने से मतदान प्रतिशत भी कम होने की संभावना जताई जा रही है.

निर्वाचन आयोग ने आम चुनावों की घोषणा तो कर दी लेकिन बिहार का महापर्व माने जाने वाला त्यौहार छठ भी प्रथम चरण के मतदान वाले दिन ही है. दोनों एक साथ होने पर मतदाताओं, राजनीतिक दलों और प्रशासनिक अधिकारियों के लिए परेशानी खड़ी हो गई है.

chhath
छठ की तैयारी

प्रथम चरण में इन जिलों में होंगे चुनाव
11 अप्रैल को बिहार में प्रथम चरण के चुनाव होने हैं. जिसमें औरंगाबाद, जमुई, नवादा और गया शामिल हैं. छठ पर्व होने से इन जिलों मे मतदान प्रतिशत घट सकता है.

छठ मेला और मतदाता
छठ पर्व पर औरंगाबाद में चार दिवसीय सूर्यनगरी देव मेले का भी आयोजन किया जाता है. इसको लेकर अभी से तैयारियां होने लगी हैं. मेले में न सिर्फ औरंगाबाद बल्कि आस-पास के जिलों और गांवों से आए श्रध्दालु शामिल होते हैं. ऐसी स्थिति में यहां चुनाव कराना जिला प्रशासन के लिए न सिर्फ चुनौती भरा साबित होगा बल्कि मतदान प्रतिशत में खासा असर पड़ेगा. दूसरी तरफ पूरे जिले में धारा 144 लागू है, और छठ पर्व को लेकर शहर हो या गांव तकरीबन हर जगह भीड़ उमड़ती है.

छठ और चुनाव प्रशासन के लिए चुनौती

जिला निर्वाचन अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस बारे में चुनाव आयोग को अवगत कराया गया है. जरूरत पड़ी तो इस मसले पर फिर से चर्चा की जाएगी. उन्होंने कहा कि मतदान और चुनाव एक साथ होने से वोटिंग प्रतिशत प्रभावित होगा इसमें कोई संदेह नहीं.

औरंगाबादः लोकसभा चुनाव प्रथम चरण और लोक आस्था का महापर्व दोनों की तारीख एक होने से उहापोह की स्थिति बन गई है. चैती छठ पर्व होने से मतदान प्रतिशत भी कम होने की संभावना जताई जा रही है.

निर्वाचन आयोग ने आम चुनावों की घोषणा तो कर दी लेकिन बिहार का महापर्व माने जाने वाला त्यौहार छठ भी प्रथम चरण के मतदान वाले दिन ही है. दोनों एक साथ होने पर मतदाताओं, राजनीतिक दलों और प्रशासनिक अधिकारियों के लिए परेशानी खड़ी हो गई है.

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छठ की तैयारी

प्रथम चरण में इन जिलों में होंगे चुनाव
11 अप्रैल को बिहार में प्रथम चरण के चुनाव होने हैं. जिसमें औरंगाबाद, जमुई, नवादा और गया शामिल हैं. छठ पर्व होने से इन जिलों मे मतदान प्रतिशत घट सकता है.

छठ मेला और मतदाता
छठ पर्व पर औरंगाबाद में चार दिवसीय सूर्यनगरी देव मेले का भी आयोजन किया जाता है. इसको लेकर अभी से तैयारियां होने लगी हैं. मेले में न सिर्फ औरंगाबाद बल्कि आस-पास के जिलों और गांवों से आए श्रध्दालु शामिल होते हैं. ऐसी स्थिति में यहां चुनाव कराना जिला प्रशासन के लिए न सिर्फ चुनौती भरा साबित होगा बल्कि मतदान प्रतिशत में खासा असर पड़ेगा. दूसरी तरफ पूरे जिले में धारा 144 लागू है, और छठ पर्व को लेकर शहर हो या गांव तकरीबन हर जगह भीड़ उमड़ती है.

छठ और चुनाव प्रशासन के लिए चुनौती

जिला निर्वाचन अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस बारे में चुनाव आयोग को अवगत कराया गया है. जरूरत पड़ी तो इस मसले पर फिर से चर्चा की जाएगी. उन्होंने कहा कि मतदान और चुनाव एक साथ होने से वोटिंग प्रतिशत प्रभावित होगा इसमें कोई संदेह नहीं.

Intro:Bih_aur_santosh_kumar_MATDAAN _YA _CHHATH_POOJA _SPECIAL_PKG
एंकर औरंगाबाद लोकसभा चुनाव प्रथम चरण और लोक आस्था का महापर्व दोनों की तारीख एक होने से बनी उहापोह की स्थिति मतदान प्रतिशत कम होने की प्रबल हुई संभावना, छठ व्रतियों को भी होगी मुश्किल , राजनीतिक दलों के साथ आम जनों ने भी निर्वाचन आयोग से चुनाव की तिथि बदलने की लगाई गुहार। औरंगाबाद से संतोष कुमार की खास रिपोर्ट-



Body:V.O.1. निर्वाचन आयोग के लोकतंत्र के महापर्व की तारीखों की घोषणा तो जरूर कर दी लेकिन निर्धारित तिथि के अनुसार प्रथम चरण की 11 अप्रैल को बिहार के गया औरंगाबाद नवादा तथा जमुई में मतदान होना है मगर उसी दिन लोक आस्था का पर्व चैती छठ का पहला अर्ध भी है ऐसे में चुनाव असर पड़ने की पूरी संभावना है खासकर औरंगाबाद जिले जिले की सूर्यनगरी देव में इस मौके पर चार दिवसीय मेले का भी आयोजन होता है जिस में तकरीबन 12 से 14 लाख छठ व्रतियों तथा श्रद्धालु यहां आते हैं ऐसी स्थिति में यहां चुनाव कराना जिला प्रशासन के लिए ना सिर्फ चुनौती भरा साबित होगा बल्कि मतदान प्रतिशत में खासा असर पड़ेगा। दूसरी तरफ पूरे जिले में धारा 144 लागू है और छठ पर्व को लेकर शहर हो या गांव तकरीबन हर जगह भीड़ उमड़रती है है ऐसे में निर्वाचन आयोग को गंभीरता से विचार करना चाहिए ।
बाइट 1 दीपक कुमार बरनवाल एसपी औरंगाबाद
V.O.2 इस बाबत जिला निर्वाचन अधिकारी से बात की गई तब उन्होंने बताया कि इसने नाले निर्णय को लेकर निर्वाचन आयोग को अवगत करा दिया गया है उन्होंने एक बार फिर इस मसले पर निर्वाचन आयोग से चर्चा करने की बात भी कही साथ ही उन्होंने भी स्वीकारा अगर उसी तिथि में मतदान होना सुनिश्चित होता है तो कभी संदेह नहीं है कि मतदान प्रतिशत घटेगा ।
बाइक 2 राहुल रंजन महिवाल - डीएम औरंगाबाद


Conclusion:बरहाल लोकतंत्र के महापर्व तथा लोक आस्था का महापर्व दोनों तिथि यदि अंतिम रूप से एक ही रह जाती है तो ना तो लोकतंत्र में सभी मतदाताओं को भागीदारी हो पाएगी और ना ही छठ के महापर्व का लोक अनंत उठा पाएंगे।
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