औरंगाबादः लोकसभा चुनाव प्रथम चरण और लोक आस्था का महापर्व दोनों की तारीख एक होने से उहापोह की स्थिति बन गई है. चैती छठ पर्व होने से मतदान प्रतिशत भी कम होने की संभावना जताई जा रही है.
निर्वाचन आयोग ने आम चुनावों की घोषणा तो कर दी लेकिन बिहार का महापर्व माने जाने वाला त्यौहार छठ भी प्रथम चरण के मतदान वाले दिन ही है. दोनों एक साथ होने पर मतदाताओं, राजनीतिक दलों और प्रशासनिक अधिकारियों के लिए परेशानी खड़ी हो गई है.
प्रथम चरण में इन जिलों में होंगे चुनाव
11 अप्रैल को बिहार में प्रथम चरण के चुनाव होने हैं. जिसमें औरंगाबाद, जमुई, नवादा और गया शामिल हैं. छठ पर्व होने से इन जिलों मे मतदान प्रतिशत घट सकता है.
छठ मेला और मतदाता
छठ पर्व पर औरंगाबाद में चार दिवसीय सूर्यनगरी देव मेले का भी आयोजन किया जाता है. इसको लेकर अभी से तैयारियां होने लगी हैं. मेले में न सिर्फ औरंगाबाद बल्कि आस-पास के जिलों और गांवों से आए श्रध्दालु शामिल होते हैं. ऐसी स्थिति में यहां चुनाव कराना जिला प्रशासन के लिए न सिर्फ चुनौती भरा साबित होगा बल्कि मतदान प्रतिशत में खासा असर पड़ेगा. दूसरी तरफ पूरे जिले में धारा 144 लागू है, और छठ पर्व को लेकर शहर हो या गांव तकरीबन हर जगह भीड़ उमड़ती है.
जिला निर्वाचन अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस बारे में चुनाव आयोग को अवगत कराया गया है. जरूरत पड़ी तो इस मसले पर फिर से चर्चा की जाएगी. उन्होंने कहा कि मतदान और चुनाव एक साथ होने से वोटिंग प्रतिशत प्रभावित होगा इसमें कोई संदेह नहीं.