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बैंकों की हड़ताल का व्यापक असर, ATM बंद होने से लोग परेशान - अरवल में बैंक हड़ताल

फरवरी में पेश किए गए आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आईडीबीआई बैंक के अलावा दो और सरकारी बैंकों के निजीकरण का ऐलान किया था. जिसका बैंक कर्मचारी यूनियनों की ओर से लगातार विरोध किया जा रहा है. राष्ट्रीय बैंक संघ के कर्नाटक संयोजक एस.के.श्रीनिवास के अनुसार, यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स के लाखों कर्मचारी केंद्र सरकार की नीतियों के ख‍िलाफ पिछले महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं.

Bank strike in Arwal
Bank strike in Arwal
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Published : Mar 16, 2021, 3:47 PM IST

अरवल: जिले भर के तमाम सरकारी बैंकों में सोमवार और मंगलवार को ताले लटके रहे. इससे करोड़ों को लेनदेन ठप रहा. ग्राहक समय से बैंक तक तो पहुंचे. लेकिन बैंकों में ताला लगा देख बैरंग वापस लौट गए. शहर में पंजाब नेशनल बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, बैंक आफ इंडिया, केनरा बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूनियन बैंक , सेंट्रल बैंक आफ इंडिया, बैंक आफ बडौदा सहित जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में अवस्थित लगभग सभी बैंकों में हड़ताल के कारण ताला लटका रहा.

ये भी पढ़ें: 'निजीकरण समस्या का हल नहीं, देशभर में बैंक हड़ताल'

हालांकि, जिन लोगों को पैसे की अति आवश्यकता थी. ऐसे लोग एटीएम की ओर रूख किए. लेकिन वहां भी शटर बंद होने के कारण लोगों को निराशा हाथ लगी. बैंक बंद रहने के कारण लगभग 50 से 60 करोड़ रुपए का लेन देन प्रभावित रहा.

बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीयकृत बैंकों के निजीकरण की नीति का विरोध किया जा रहा है. 15-16 मार्च को बैंक कमियों ने हड़ताल का फैसला लिया. दो दिन की इस हड़ताल की वजह से बैंकों में तालाबंद कर कर्मचारी विरोध जता रहे हैं.

अरवल: जिले भर के तमाम सरकारी बैंकों में सोमवार और मंगलवार को ताले लटके रहे. इससे करोड़ों को लेनदेन ठप रहा. ग्राहक समय से बैंक तक तो पहुंचे. लेकिन बैंकों में ताला लगा देख बैरंग वापस लौट गए. शहर में पंजाब नेशनल बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, बैंक आफ इंडिया, केनरा बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूनियन बैंक , सेंट्रल बैंक आफ इंडिया, बैंक आफ बडौदा सहित जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में अवस्थित लगभग सभी बैंकों में हड़ताल के कारण ताला लटका रहा.

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हालांकि, जिन लोगों को पैसे की अति आवश्यकता थी. ऐसे लोग एटीएम की ओर रूख किए. लेकिन वहां भी शटर बंद होने के कारण लोगों को निराशा हाथ लगी. बैंक बंद रहने के कारण लगभग 50 से 60 करोड़ रुपए का लेन देन प्रभावित रहा.

बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीयकृत बैंकों के निजीकरण की नीति का विरोध किया जा रहा है. 15-16 मार्च को बैंक कमियों ने हड़ताल का फैसला लिया. दो दिन की इस हड़ताल की वजह से बैंकों में तालाबंद कर कर्मचारी विरोध जता रहे हैं.

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