अररिया: जोकीहाट के कसर्रा गांव के रिटायर्ड टीचर धनेश्वर प्रसाद साह का घर इन दिनों खुशियों से भरा हुआ है. इनका सॉप्टवेयर इंजिनियर बेटा प्रकाश चंद्र साह पत्नी के साथ अमेरिका से वोट डालने अपने घर आए हैं. दिलचस्प बात यह है कि इस घर के जितने भी सदस्य बाहर दूसरे प्रान्तों में रहते हैं लोकतंत्र के महापर्व को मनाने अपने घर आये हैं.
अमेरिका से आया परिवार
अमेरिका से आये प्रकाश ने बताया कि देश के प्रति हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम एक अच्छी सरकार बनाएं, उसके लिए हमें वोट देना होगा यही जिम्मेदारी मुझे अमेरिका से अपने देश और गांव खींच लाई है. उनकी पत्नी मिटू कुमारी ने बताया वोट डालना एक सुखद एहसास होगा क्योंकि ये मेरा पहला मतदान है.
मतदान नहीं तो देश की तरक्की नहीं
दूसरे बेटे देवकुन्दन ने बताया की मैं भोपाल में रहता हूं. व्यस्तता अधिक है लेकिन हम पढ़े लिखे युवा अगर मतदान से पीछे हटेंगे, तो देश कैसे तरक्की करेगा. इसलिए मैं अपनी पत्नी के साथ मतदान करने आया हूं. उनकी पत्नी काजल कहती हैं कि मेरा भी ये पहला मतदान होगा वोट डालने की बात से ही एक अलग अनुभूति का एहसास हो रहा है. महिलाओं को बढ़चढ़ कर मतदान करना चाहिए.
देश के प्रति जिम्मेदारी निभाना जरुरी
घर के बुजुर्ग और इनके पिता ने बताया मैं पेशे से शिक्षक था. अपने बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कार और देश के प्रति जिम्मेदारी भी सिखाई है. यही वजह है एक बेटा अमेरिका से, दूसरा भोपाल से, तीसरा बेटा असम से सिर्फ वोट डालने अररिया अपने गांव आया है.