अररिया: मंगलवार को विधानसभा में हुए हंगामे के बाद इसका असर अब जिलों में भी दिखने लगा है. भाकपा माले कल की घटना को लेकर आज धिक्कार दिवस के रूप में मनाया है.
इसको लेकर भाकपा माले ने एक भव्य जुलूस निकाला और अररिया शहर के सभी मार्गों से गुजरते हुए चांदनी चौक पहुंचे. भाकपा कार्यकर्ताओं का मानना है कि सरकार ने जो विधेयक लाया है, यह सरासर गलत है. उन्होंने बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.
जानिए क्या हैं बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक
- बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक के कानून बन जाने पर पुलिस के पास कई अधिकार होंगे, जिनका इस्तेमाल वो कर सकेगी.
- बिना वारंट के गिरफ्तार करने की शक्ति
- बिना वारंट के तलाशी लेने की शक्ति
- गिरफ्तारी के बाद की जाने वाली प्रक्रिया का अधिकार
- जघन्य अपराध करने वालों के लिए दंड की व्यवस्था
- न्यायालय द्वारा अपराध का संज्ञान लेने की प्रक्रिया
- किसी विशेष प्रतिष्ठान की सुरक्षा में तैनात अधिकारी को बिना वारंट और बिना मजिसट्रेट की अनुमति के संदिग्ध को गिरफ्तार करने का अधिकार
- राज्य में सशस्त्र बल का नाम बिहार मिलिट्री पुलिस है. सरकार इसका नाम बदलकर विशेष सशस्त्र पुलिस करना चाहती है क्योंकि किसी अन्य राज्य की पुलिस के साथ मिलिट्री शब्द नहीं जुड़ा है.