अररिया(फारबिसगंज): जिले के फारबिसगंज भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र से सटे पड़ोसी देश नेपाल में रह रहे मधेशी नागरिकों ने नेपाल सरकार के नये नागरिकता कानून का विरोध किया. इसका विरोध अब पूरे नेपाल में होने लगा है. नेपाल के स्थानीय नागरिक और मधेशी राजनीतिक दलों के नेताओं ने इसका जमकर विरोध किया.
विराटनगर में मंगलवार को मधेशी नागरिकों ने रैली निकालकर नेपाल के नये नागरिकता कानून का विरोध जताया. हजारों की संख्या में नागरिक और राजनीतिक दलों के लोगों ने सरकार के विरुद्ध नारेबाजी की.
नेपाल में रह रहे मधेशी नागरिकों ने सरकार का जमकर आलोचना करते हुए कहा कि नेपाल की सरकार भारत के साथ बेटी-रोटी के सम्बंध को समाप्त करना चाहती है, जो कभी भी नेपाली नागरिकों को मान्य नहीं होगा. इस कानून से नेपाल में महिला हिंसा बढ़ेगी. उपस्थित नेताओं ने कहा कि जब तक सरकार इस काला कानून को वापस नहीं ले लेती, तब तक इसका विरोध जारी रहेगा.
प्रदीप यादव ने संंसद में किया विरोध
नेपाल की संसद में मंगलवार को प्रतिनिधि सभा सदस्य प्रदीप यादव ने संसद में बोलते हुए कहा कि राज्य व्यवस्था समिति की तरफ से पारित नागरिकता संबंधी संशोधन विधेयक मधेश की संस्कृति और पहचान के ऊपर प्रहार है. इस विधेयक को स्वीकार नहीं किया जाएगा. संसद में बोलते हुए उन्होंने ये भी कहा है कि विधेयक की वजह से भारत-नेपाल के बीच युगों-युगों से कायम संबंध भी समाप्त हो जाएगा.
वहीं, नेपाल कम्युनिष्ट पार्टी के नेता और राष्ट्रीय सभा सदस्य रामनारायण बिडारी ने संसद में कहा कि विदेशी बहू को तत्काल नागरिकता देकर मंत्री बनाने के पक्ष में अब नेपाल सरकार नहीं है.
'मधेशी जनता विद्रोह करने के लिए तैयार हैं'
राष्ट्रीय सभा संसद में बोलते हुए सांसद बिडारी ने कहा कि कोई भी विदेशी नागरिक नेपाली नागरिक से शादी कर सकता है, लेकिन उन लोगों को अंगीकृत नागरिकता देकर अब अधिक संख्या में सरिता गिरी बनाने के पक्ष में वकालत करना ठीक नहीं है. जनता समाजवादी पार्टी के युवा नेता जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस कानून का विरोध सड़क से संसद तक जारी रहेगा. इसके लिए मधेसी जनता विद्रोह करने के लिए तैयार हैं.