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कलियुगी बेटों की करतूत, 95 साल के बुजुर्ग पिता को 6 साल तक कमरे में रखा बंद - बिहार में बुजुर्ग पिता को 6 साल तक कमरे में रखा बंद

भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र के जोगबनी में तीन बेटों द्वारा बुजुर्ग पिता को पिछले 6 सालों से एक कमरे में कैद कर रखने का मामला प्रकाश में आया है. समाज को शर्मसार वाली इस घटना ने लोगों के दिलों को दहला दिया है.

बुजुर्ग
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Published : Mar 10, 2021, 2:21 PM IST

अररिया: जिले से एक दिल को दहला देनेवाली घटना सामने आई है, जो काफी हैरान करने वाली है. दरअसल, जोगबनी में पुलिस की मदद से एक ऐसे बुजुर्ग को आजाद कराया गया है, जिसके अपने ही बच्चों ने 6 साल से एक कमरे में कैद कर के रखा था. 6 साल से यह बुजुर्ग पिता को सूरज की रोशनी तक नसीब नहीं हुई.

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6 साल तक कमरे में बुजुर्ग पिता को रखा कैद
पिता अपने बच्चों का भरण पोषण करने में अपने जीवन का कीमती वक्त लगा देता हैं ताकि उसके बच्चों को कोई तकलीफ न हो ओर उसके जीवन में बिना रुके खुशहाली बरकरार रहे. पिता उसे दुनिया भर के हर खुशी देने की कोशिश में अपना सुख भी त्याग देता है. ऐसे में भारत नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र जोगबनी में तीन बेटों द्वारा बुजुर्ग पिता को पिछले 6 सालों से एक कमरे में कैद कर रखने का मामला प्रकाश में आया है.

प्राथमिक उपचार को जाते बुजुर्ग पिता
प्राथमिक उपचार को जाते बुजुर्ग पिता

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स्थानीय लोगों ने पुलिस को दी सूचना
घटना जोगबनी की है, जहां सोमवार को पुलिसवालों ने वार्ड संख्या 11 बस स्टैंड स्थित एक पुराने घर से एक शख्स को आजाद कराया. इस बुजुर्ग शख्स को उसके ही तीन बच्चों ने 6 साल से एक कमरे में कैद कर के रखा था. उसके बच्चे उसे खाने-पीने के लिए भोजन-पानी तो देते थे लेकिन उसे एक बंदी तरह कैद कर के कमरे में रखते थे. उसे बाहर नहीं निकलने देते थे. एक बंद पड़े पुराने जर्जर मकान में एक 95 वर्षीय वृद्ध राधा कृष्ण साह को उनके तीन पुत्र हरेराम शाह, उपेंद्र शाह एवं राजेन्द्र शाह ने 6 वर्षों से कैद कर रखा गया था. इस शर्मसार करनेवाली घटना से पूरे शहर में सनसनी फैल गई. मानवता को शर्मसार करनेवाली इस घटना को कुछ लोग बर्दाश्त नहीं कर पाये और इसकी सूचना जोगबनी थाना पुलिस दे दी.

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बुजुर्ग को कराया गया आजाद
सूचना पाते ही जोगबनी थाना पुलिस और स्थानीय वार्ड पार्षद समेत कई लोगों की मौजूदगी में कमरे को खोल कर बुजुर्ग को निकाला गया. साथ ही बुजुर्ग को प्राथमिक उपचार के लिय भेजा गया. इस मामले को लेकर स्थानीय लोगों ने कहा की बेटों के पास पास धन की कमी नहीं है. फिर भी अपने पिता को रखने के लिए एक कमरा भी उपलब्ध नहीं कर सका. वहीं जोगबनी थानाध्यक्ष ने परिवारवालों को सख्त हिदायत देते हूए कहा है कि उपचार के बाद अपने पिता को अपने साथ रखें, अन्यथा कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

अररिया: जिले से एक दिल को दहला देनेवाली घटना सामने आई है, जो काफी हैरान करने वाली है. दरअसल, जोगबनी में पुलिस की मदद से एक ऐसे बुजुर्ग को आजाद कराया गया है, जिसके अपने ही बच्चों ने 6 साल से एक कमरे में कैद कर के रखा था. 6 साल से यह बुजुर्ग पिता को सूरज की रोशनी तक नसीब नहीं हुई.

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6 साल तक कमरे में बुजुर्ग पिता को रखा कैद
पिता अपने बच्चों का भरण पोषण करने में अपने जीवन का कीमती वक्त लगा देता हैं ताकि उसके बच्चों को कोई तकलीफ न हो ओर उसके जीवन में बिना रुके खुशहाली बरकरार रहे. पिता उसे दुनिया भर के हर खुशी देने की कोशिश में अपना सुख भी त्याग देता है. ऐसे में भारत नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र जोगबनी में तीन बेटों द्वारा बुजुर्ग पिता को पिछले 6 सालों से एक कमरे में कैद कर रखने का मामला प्रकाश में आया है.

प्राथमिक उपचार को जाते बुजुर्ग पिता
प्राथमिक उपचार को जाते बुजुर्ग पिता

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स्थानीय लोगों ने पुलिस को दी सूचना
घटना जोगबनी की है, जहां सोमवार को पुलिसवालों ने वार्ड संख्या 11 बस स्टैंड स्थित एक पुराने घर से एक शख्स को आजाद कराया. इस बुजुर्ग शख्स को उसके ही तीन बच्चों ने 6 साल से एक कमरे में कैद कर के रखा था. उसके बच्चे उसे खाने-पीने के लिए भोजन-पानी तो देते थे लेकिन उसे एक बंदी तरह कैद कर के कमरे में रखते थे. उसे बाहर नहीं निकलने देते थे. एक बंद पड़े पुराने जर्जर मकान में एक 95 वर्षीय वृद्ध राधा कृष्ण साह को उनके तीन पुत्र हरेराम शाह, उपेंद्र शाह एवं राजेन्द्र शाह ने 6 वर्षों से कैद कर रखा गया था. इस शर्मसार करनेवाली घटना से पूरे शहर में सनसनी फैल गई. मानवता को शर्मसार करनेवाली इस घटना को कुछ लोग बर्दाश्त नहीं कर पाये और इसकी सूचना जोगबनी थाना पुलिस दे दी.

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बुजुर्ग को कराया गया आजाद
सूचना पाते ही जोगबनी थाना पुलिस और स्थानीय वार्ड पार्षद समेत कई लोगों की मौजूदगी में कमरे को खोल कर बुजुर्ग को निकाला गया. साथ ही बुजुर्ग को प्राथमिक उपचार के लिय भेजा गया. इस मामले को लेकर स्थानीय लोगों ने कहा की बेटों के पास पास धन की कमी नहीं है. फिर भी अपने पिता को रखने के लिए एक कमरा भी उपलब्ध नहीं कर सका. वहीं जोगबनी थानाध्यक्ष ने परिवारवालों को सख्त हिदायत देते हूए कहा है कि उपचार के बाद अपने पिता को अपने साथ रखें, अन्यथा कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

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