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अररिया भूमि अधिग्रहण घोटाला: भू-अर्जन अधिकारी बोले- कोर्ट आर्डर आने के बाद होगी कार्रवाई

अररिया में करोड़ों रुपए के भूमि अधिग्रहण घोटाले में फ्रीज किए गए 200 खातों की जानकारी सार्वजनिक करने से प्रशासन किनारा करता दिख रहा है.

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Published : Nov 19, 2019, 8:13 AM IST

अररिया भूमि अधिग्रहण घोटाला

अररिया: जिले में करोड़ों रुपए के भूमि अधिग्रहण घोटाले में फ्रीज किए गए 200 एकाउंट को प्रशासन अभी तक सार्वजनिक नहीं कर पाया है. मामला अररिया में भारत सरकार के जरिए नेपाल के समानांतर 597 किलोमीटर टू लेन बॉर्डर सड़क निर्माण का है.

यहां भूमाफिया और भू-अर्जन विभाग की मिलीभगत से भूमि की प्रकृति बदल कर कई सौ करोड़ के घोटाले का तत्कालीन जिलाधिकारी हिमांशु शर्मा ने भौतिक सत्यापन के बाद इसका पर्दाफाश किया था.

Araria
जानकारी देते आरटीआई कार्यकर्ता

बेनकाब हो सकते हैं सफेदपोश और अधिकारी
अररिया में करोड़ों रुपए के भूमि अधिग्रहण घोटाले में फ्रीज किए गए 200 खातों की जानकारी सार्वजनिक करने से प्रशासन किनारा करता दिख रहा है. एक साल से ज्यादा का समय बीतने के बाद भी प्रशासन इस ओर कुछ भी करने से कतरा रहा है. जानकारी के अनुसार अगर इन खातों के एकाउंट होल्डर्स का नाम सार्वजनिक किया गया तो कई सफेदपोश और अधिकारी बेनकाब हो जाएंगे.

पेश है रिपोर्ट

कोर्ट से आर्डर आने के बाद होगी कार्रवाई
आरटीआई कार्यकर्ता आशीष भारद्वाज ने मामले की जानकारी के लिए आरटीआई दाखिल की थी. लेकिन विभाग ने जानकारी देने में असमर्थता जाहिर की है. जिला भू-अर्जन अधिकारी मुकेश कुमार मुकुल ने बताया कि अब तक पांच करोड़ रुपए रिकवर किए गए हैं. सभी लोग कोर्ट गए हुए हैं. जब तक वहां से कोई आर्डर नहीं आता. उसपर कोई करवाई नहीं की जा सकती हैं. इसमें 74 रैयतों से 23 करोड़ रुपए को रिकवर करने का आर्डर दिया गया था. उसमें सभी लोगों ने कोर्ट की शरण ली है.

अररिया: जिले में करोड़ों रुपए के भूमि अधिग्रहण घोटाले में फ्रीज किए गए 200 एकाउंट को प्रशासन अभी तक सार्वजनिक नहीं कर पाया है. मामला अररिया में भारत सरकार के जरिए नेपाल के समानांतर 597 किलोमीटर टू लेन बॉर्डर सड़क निर्माण का है.

यहां भूमाफिया और भू-अर्जन विभाग की मिलीभगत से भूमि की प्रकृति बदल कर कई सौ करोड़ के घोटाले का तत्कालीन जिलाधिकारी हिमांशु शर्मा ने भौतिक सत्यापन के बाद इसका पर्दाफाश किया था.

Araria
जानकारी देते आरटीआई कार्यकर्ता

बेनकाब हो सकते हैं सफेदपोश और अधिकारी
अररिया में करोड़ों रुपए के भूमि अधिग्रहण घोटाले में फ्रीज किए गए 200 खातों की जानकारी सार्वजनिक करने से प्रशासन किनारा करता दिख रहा है. एक साल से ज्यादा का समय बीतने के बाद भी प्रशासन इस ओर कुछ भी करने से कतरा रहा है. जानकारी के अनुसार अगर इन खातों के एकाउंट होल्डर्स का नाम सार्वजनिक किया गया तो कई सफेदपोश और अधिकारी बेनकाब हो जाएंगे.

पेश है रिपोर्ट

कोर्ट से आर्डर आने के बाद होगी कार्रवाई
आरटीआई कार्यकर्ता आशीष भारद्वाज ने मामले की जानकारी के लिए आरटीआई दाखिल की थी. लेकिन विभाग ने जानकारी देने में असमर्थता जाहिर की है. जिला भू-अर्जन अधिकारी मुकेश कुमार मुकुल ने बताया कि अब तक पांच करोड़ रुपए रिकवर किए गए हैं. सभी लोग कोर्ट गए हुए हैं. जब तक वहां से कोई आर्डर नहीं आता. उसपर कोई करवाई नहीं की जा सकती हैं. इसमें 74 रैयतों से 23 करोड़ रुपए को रिकवर करने का आर्डर दिया गया था. उसमें सभी लोगों ने कोर्ट की शरण ली है.

Intro:करोड़ो रुपए के भूमि अधिग्रहण घोटाला में फ्रीज़ किए गए 200 एकाउंट का खुलासा प्रशासन अब तक नहीं कर रही है, मामला अररिया का है भारत सरकार के दुवारा नेपाल के समानांतर 597 किलोमीटर टू लेन बॉर्डर सड़क के निर्माण का है। भूमि माफिया और भू-अर्जन विभाग की मिलीभगत से भूमि की प्रकृति बदल कर कई सौ करोड़ के घोटाले का पर्दाफाश तत्कालीन जिला पदाधिकारी हिमांशु शर्मा ने भौतिक सत्यापन के बाद किया था।


Body:अररिया में करोड़ों रुपए के भूमि अधिग्रहण घोटाले में फ्रीज़ किए गए 200 एकाउंट का खुलासा प्रशासन नहीं कर रहा है, अगर इस एकाउंट होल्डर का नाम खुलासा हुआ तो इसमें कई सफ़ेदपोश एवं कई अधिकारी बेनक़ाब हो जाएंगे। इस बावत आरटीआई कार्यकर्ता आशीष भारद्वाज कई बार भू-अर्जन विभाग से जानकारी इकट्ठा करने का मांग किया तो विभाग ने असमर्थता जताया है। साथ ही यह भी कहा कि इसमें कई अधिकारियों की मिलीभगत से साल भर से ज़्यादा का वक़्त हो चुका है और खुलासा नहीं किया जा रहा है। हालांकि इस मसले पर ज़िला भू- अर्जन पदाधिकारी मुकेश कुमार मुकुल ने बताया कि अब तक पांच करोड़ रुपए रिकवर कर लिया गया है। सभी लोग कोर्ट गए हुए हैं जब तक वहां से कोई आर्डर नहीं आता उसपर कोई करवाई नहीं कर सकते हैं। इसमें 74 रैयतों से 23 करोड़ रुपए को रिकवर करने का आर्डर दिया गया था। उसमें सभी लोग कोर्ट के शरण लिया है।


Conclusion:संबंधित विसुअल
बाइट आरटीआई कार्यकर्ता आशीष भारद्वाज
बाइट भू-अर्जन पदाधिकारी अररिया मुकेश कुमार
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