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अररिया: यहां के यात्री मूलभूत सुविधाओं से भी हैं महरूम, कठिनाईयों में गुजरता है सफर

यात्रियों ने बताया कि यहां उन्हें प्लेटफॉर्म पर बैठने के लिए भी सुविधा नहीं है, ना ही पीने का पानी मिलता है. यात्रियों को टिकट लेने में भी काफी दिक्कत होती है, क्योंकि ट्रेन आने के आधे घंटे पहले टिकट काउंटर खोले जाते हैं.

अररिया स्टेशन
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Published : Aug 25, 2019, 11:47 PM IST

अररिया: सीमांचल का जिला अररिया आज भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. यहां के यात्रियों को सफर करने में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है. यहां के स्टेशन पर ना तो बैठने की सुविधा है और ना ही पीने का शुद्ध पानी, लोग ऐसी स्थिति में भी सफर करने को मजबूर हैं.

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जान हथेली पर रखकर रेलवे ट्रैक पार करते यात्री

ट्रेनों में यात्रियों को होती है दिक्कत
यहां हजारों लोग रोजाना सफर करते हैं. इस दौरान ट्रेनों में भी काफी भीड़ होती है. जिसके कारण कई बार महिलाएं भी खड़े होकर यात्रा करती हैं. अररिया से चलने वाली लोकल ट्रेन हो या लंबी दूरी तय करने वाली ट्रेन, उसमें पीने का पानी, यात्रियों के लिए शौचालय, ट्रेन में साफ-सफाई, खाने के लिए पेंट्रीकार जैसी मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है.

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काम के वक्त सोता कर्मचारी

प्लेटफॉर्म पर भी नहीं है कोई सुविधा
यात्रियों ने बताया कि यहां उन्हें प्लेटफॉर्म पर बैठने के लिए भी सुविधा नहीं है, ना ही पीने का पानी मिलता है. यात्रियों को टिकट लेने में भी काफी दिक्कत होती है, क्योंकि ट्रेन आने के आधे घंटे पहले टिकट काउंटर खोले जाते हैं, जिसके कारण एक साथ लोगों की काफी भीड़ हो जाती है.

परेशानी बताते यात्री

क्या कहते हैं सांसद
वहीं, यहां के जनप्रतिनिधि अपनी पार्टी का गुणगान करने और विपक्ष को जिम्मेदार ठहराने में पीछे नहीं हटते हैं. नवनिर्वाचित सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि बहुत जल्द ही यहां के यात्रियों को सभी प्रकार की सुविधा मुहैया कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि संसद सत्र के दौरान भी उन्होंने सीमांचल में रेल की असुविधा का मुद्दा उठाया था और रेल मंत्री से मिलकर भी उन्हें यहां की समस्या से अवगत कराया है.

अररिया: सीमांचल का जिला अररिया आज भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. यहां के यात्रियों को सफर करने में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है. यहां के स्टेशन पर ना तो बैठने की सुविधा है और ना ही पीने का शुद्ध पानी, लोग ऐसी स्थिति में भी सफर करने को मजबूर हैं.

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जान हथेली पर रखकर रेलवे ट्रैक पार करते यात्री

ट्रेनों में यात्रियों को होती है दिक्कत
यहां हजारों लोग रोजाना सफर करते हैं. इस दौरान ट्रेनों में भी काफी भीड़ होती है. जिसके कारण कई बार महिलाएं भी खड़े होकर यात्रा करती हैं. अररिया से चलने वाली लोकल ट्रेन हो या लंबी दूरी तय करने वाली ट्रेन, उसमें पीने का पानी, यात्रियों के लिए शौचालय, ट्रेन में साफ-सफाई, खाने के लिए पेंट्रीकार जैसी मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है.

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काम के वक्त सोता कर्मचारी

प्लेटफॉर्म पर भी नहीं है कोई सुविधा
यात्रियों ने बताया कि यहां उन्हें प्लेटफॉर्म पर बैठने के लिए भी सुविधा नहीं है, ना ही पीने का पानी मिलता है. यात्रियों को टिकट लेने में भी काफी दिक्कत होती है, क्योंकि ट्रेन आने के आधे घंटे पहले टिकट काउंटर खोले जाते हैं, जिसके कारण एक साथ लोगों की काफी भीड़ हो जाती है.

परेशानी बताते यात्री

क्या कहते हैं सांसद
वहीं, यहां के जनप्रतिनिधि अपनी पार्टी का गुणगान करने और विपक्ष को जिम्मेदार ठहराने में पीछे नहीं हटते हैं. नवनिर्वाचित सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि बहुत जल्द ही यहां के यात्रियों को सभी प्रकार की सुविधा मुहैया कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि संसद सत्र के दौरान भी उन्होंने सीमांचल में रेल की असुविधा का मुद्दा उठाया था और रेल मंत्री से मिलकर भी उन्हें यहां की समस्या से अवगत कराया है.

Intro:आज़ादी के 70 साल बाद भी सीमांचल का यह जिला अररिया आज भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। ट्रेन से सफ़र करने वाले यात्रियों को काफ़ी ज़्यादा कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। यात्री ट्रेन के दरवाजे पर खड़े हो जान जोखिम में डाल सफर कर रहे हैं ट्रेन का शौचालय बंद, बैठने की सुविधा, खाने के लिए पैंट्रीकार नहीं। लंबी दूरी के लिए सीमांचल के अलावा कोई दूसरा ट्रेन नहीं वो भी बेवक़्त चलता है।


Body:बिहार के सीमांचल का सबसे पिछड़ा ज़िला अररिया अज़ादी के 70 साल बीत जाने के बाद भी यहां से लंबी दूरी के सफ़र को तय करने के लिए लोगों को दूसरे ज़िला या फ़िर पटना जाना पड़ता है। यहां स्टेशन से लेकर ट्रेन पर सफ़र करने के दरम्यान किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं मिलती है। जबकि हज़ारों लोग हर रोज़ दूसरे राज्य या फ़िर पड़ोस के जिला में पलायन कर मजदूरी या फ़िर उच्च शिक्षा के लिए यहां के बच्चे पुर्णिया और कटिहार जाते हैं। उस दौरान ट्रेन में काफ़ी भीड़ होता है महिलाओं को भी खड़े होकर सफ़र करना पड़ता है। अररिया से चलने वाली लोकल ट्रेन हो या लंबी दूरी तय करने वाली ट्रेन उसमें पीने का पानी, यात्रियों के लिए शौचालय, ट्रेन में साफ़ सफ़ाई, खाने के लिए पैंट्री, प्लेटफ़ॉर्म पर बैठने के लिए सुविधा, शेड, पीने का पानी, शौचालय, ट्रेन आने के आधे घंटे पहले टिकट काउंटर का खुलना इस तरह की असुविधाएं से यात्री हर रोज़ रूबरू होते हैं। पर यहां के जनप्रतिनिधि अपनी पार्टी के गुणगान व विपक्ष को ज़िम्मेदार ठहराने में कभी पीछे नहीं हटते हैं। हालांकि नवनिर्वाचित सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि बहुत जल्द यहां के ट्रेन यात्रियों के लिए सुविधा मुहैया कराई जाएगी। हमने संसद सत्र के दौरान भी सीमांचल में रेल की असुविधा पर बोला साथ ही रेल मंत्री से मिल कर भी समस्या से अवगत कराया है।


Conclusion:संबंधित विसुअल वॉइस ओवर पैकेज के साथ
बाइट यात्री
बाइट सांसद प्रदीप कुमार सिंह
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