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अररिया : लॉकडाउन में अस्पताल नहीं पहुंचने के कारण नवजात की मौत

फारबिसगंज अनुमंडल क्षेत्र के अररहा में पैसे के अभाव में एक नवजात की मौत हो गई. लोगों ने स्वास्थ्य विभाग पर इसका ठीकरा फोड़ा.

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Published : Apr 24, 2020, 12:18 AM IST

अररिया: फारबिसगंज अनुमंडल क्षेत्र के अररहा में पैसे की तंगी और साधन विहीन एक महादलित परिवार में दो दिन पूर्व जन्मे नवजात शिशु की मौत हो जाने का मामला प्रकाश में आया है. घटना के संबंध में पीड़िता नीलम ऋषिदेव की सास सुजनी देवी ने बताया कि उसकी बहु गर्भवती थी. लॉकडाउन और पैसे के अभाव के कारण वह उसे अस्पताल नहीं ले जा सकी और घर पर ही बच्ची का जन्म हुआ, लेकिन दो दिन के बाद उसकी मौत हो गई.

घटना से पूरा परिवार चिंतित है. वहीं, पीड़िता का रो रोकर बुरा हाल है. अररहा पंचायत के मुखिया अरुण कुमार यादव ने बताया कि इसकी जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग को लेनी चाहिए.

स्वास्थ्यकर्मियों पर लापरवाही का आरोप

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने हर गांव और पंचायत में आशा व एएनएम के रूप में स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति की है. इसके बावजूद ऐसी घटना सामने आने का मतलब है विभाग लापरवाह है. इस घटना से ये साफ पता चलता है कि ग्रामीण क्षेत्र में कार्यरत आशा व एएनएम अपने काम के प्रति सजग नहीं हैं.

अधिकारी ने कुछ भी कहने से किया मना

बताया जा रहा है कि इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग के भी कान खड़े हो गए हैं. वहीं, इस घटना के सम्बंध में जब फारबिसगंज विकास पदाधिकारी अमित आनंद से जानना चाहा तो उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार करते हुए कहा कि जानकारी मिली पर इस सम्बंध में पदाधिकारी ही बता पाएंगे. जबकि अनुमण्डल पदाधिकारी से भी इस बाबत फोन से बात करने की कोशिश की गई तो संपर्क स्थापित नहीं हो पाया.

अररिया: फारबिसगंज अनुमंडल क्षेत्र के अररहा में पैसे की तंगी और साधन विहीन एक महादलित परिवार में दो दिन पूर्व जन्मे नवजात शिशु की मौत हो जाने का मामला प्रकाश में आया है. घटना के संबंध में पीड़िता नीलम ऋषिदेव की सास सुजनी देवी ने बताया कि उसकी बहु गर्भवती थी. लॉकडाउन और पैसे के अभाव के कारण वह उसे अस्पताल नहीं ले जा सकी और घर पर ही बच्ची का जन्म हुआ, लेकिन दो दिन के बाद उसकी मौत हो गई.

घटना से पूरा परिवार चिंतित है. वहीं, पीड़िता का रो रोकर बुरा हाल है. अररहा पंचायत के मुखिया अरुण कुमार यादव ने बताया कि इसकी जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग को लेनी चाहिए.

स्वास्थ्यकर्मियों पर लापरवाही का आरोप

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने हर गांव और पंचायत में आशा व एएनएम के रूप में स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति की है. इसके बावजूद ऐसी घटना सामने आने का मतलब है विभाग लापरवाह है. इस घटना से ये साफ पता चलता है कि ग्रामीण क्षेत्र में कार्यरत आशा व एएनएम अपने काम के प्रति सजग नहीं हैं.

अधिकारी ने कुछ भी कहने से किया मना

बताया जा रहा है कि इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग के भी कान खड़े हो गए हैं. वहीं, इस घटना के सम्बंध में जब फारबिसगंज विकास पदाधिकारी अमित आनंद से जानना चाहा तो उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार करते हुए कहा कि जानकारी मिली पर इस सम्बंध में पदाधिकारी ही बता पाएंगे. जबकि अनुमण्डल पदाधिकारी से भी इस बाबत फोन से बात करने की कोशिश की गई तो संपर्क स्थापित नहीं हो पाया.

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