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अररिया में रसोइया संघ ने अपनी मांगों को लेकर जुलूस निकाला, 30 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का किया ऐलान

Mid Day Meal Cook Strike In Araria: अररिया में रसोइया संघ ने अपनी मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया. उन्होंने जुलूस निकालते हुए 30 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है. संघ की महिलाओं ने जिले के नेताजी सुभाष स्टेडियम में जमा होकर धरना दिया.

Mid Day Meal Cook Strike In Araria
अररिया में रसोइया संघ ने अपनी मांगों को लेकर जुलूस निकाला
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 29, 2023, 8:24 PM IST

अररिया: बिहार में एक तरफ जहां आंगनबाड़ी सेविकाएं अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रही है. तो वहीं, प्रदेश के सरकारी स्कूलों में मध्यान भोजन रसोईया का कार्य करने वाली 25000 हजार महिलाएं भी अपने वेतन को लेकर लगातार प्रदर्शन करने लगी है. अररिया में बुधवार को रसोइया संघ द्वारा धरना दिया गया. उन्होंने अपने मानोदय बढ़ाने और 12 महीने का वेतन देने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. वहीं उन्होंने 30 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है.

नेताजी सुभाष स्टेडियम में रसोईया संघ का धरना: संघ के सदस्यों ने बताया कि वह लोग सरकारी विद्यालयों में 12 महीने मध्यान भोजन बनाने का काम करती है, लेकिन सरकार उन्हें 10 महीने का ही वेतन देती है. उसमें भी प्रति महीने 1650 रुपये ही मिलता है जो काफी कम है. उनका कहना है कि आज देश में महंगाई चरम पर है और इस स्थिति में इतने कम भत्ता में गुजारा होना मुश्किल है. उनकी मांग है कि उन्हें 12 महीने का वेतन और कम से कम 10 हजार रुपये महीने वेतन दिया जाए.

"केंद्र सरकार को शर्म आना चाहिए कि महिलाओं से दिनभर काम करा कर सरकार उन्हें सिर्फ 55रु प्रतिदिन भुगतान करती है. यह न्यूनतम मजदूरी से काफी काम है और किसी भी तरह से जायज नहीं है. पिछले 9 सालों में केंद्र ने एक रुपये का भी मानदेय में इजाफा नहीं किया है. इसलिए हमने निर्णय लिया है कि 30 नवंबर से हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जायेंगे." - कामायनी स्वामी, संघ जिला अध्यक्ष, अररिया.

वेतन नहीं बढ़ा तो होगा आंदोलन: बता दें कि इसी महीने पटना में भी रसोईया संघ ने धरना दिया था. जहां सभी रसोईया ने एक स्वर में कहा कि मानदेय में बढ़ोतरी जरूरी है. 16 सौ रुपये में भरण पोषण नहीं हो रहा है. कम से कम हमलोगों को सरकार दस हजार रुपये मासिक वेतन दें.

इसे भी पढ़े- यह कैसी सरकार, काम 12 महीना और वेतन 10 माह का, मध्यान भोजन रसोइया संघ ने पटना में भरी हुंकार

अररिया: बिहार में एक तरफ जहां आंगनबाड़ी सेविकाएं अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रही है. तो वहीं, प्रदेश के सरकारी स्कूलों में मध्यान भोजन रसोईया का कार्य करने वाली 25000 हजार महिलाएं भी अपने वेतन को लेकर लगातार प्रदर्शन करने लगी है. अररिया में बुधवार को रसोइया संघ द्वारा धरना दिया गया. उन्होंने अपने मानोदय बढ़ाने और 12 महीने का वेतन देने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. वहीं उन्होंने 30 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है.

नेताजी सुभाष स्टेडियम में रसोईया संघ का धरना: संघ के सदस्यों ने बताया कि वह लोग सरकारी विद्यालयों में 12 महीने मध्यान भोजन बनाने का काम करती है, लेकिन सरकार उन्हें 10 महीने का ही वेतन देती है. उसमें भी प्रति महीने 1650 रुपये ही मिलता है जो काफी कम है. उनका कहना है कि आज देश में महंगाई चरम पर है और इस स्थिति में इतने कम भत्ता में गुजारा होना मुश्किल है. उनकी मांग है कि उन्हें 12 महीने का वेतन और कम से कम 10 हजार रुपये महीने वेतन दिया जाए.

"केंद्र सरकार को शर्म आना चाहिए कि महिलाओं से दिनभर काम करा कर सरकार उन्हें सिर्फ 55रु प्रतिदिन भुगतान करती है. यह न्यूनतम मजदूरी से काफी काम है और किसी भी तरह से जायज नहीं है. पिछले 9 सालों में केंद्र ने एक रुपये का भी मानदेय में इजाफा नहीं किया है. इसलिए हमने निर्णय लिया है कि 30 नवंबर से हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जायेंगे." - कामायनी स्वामी, संघ जिला अध्यक्ष, अररिया.

वेतन नहीं बढ़ा तो होगा आंदोलन: बता दें कि इसी महीने पटना में भी रसोईया संघ ने धरना दिया था. जहां सभी रसोईया ने एक स्वर में कहा कि मानदेय में बढ़ोतरी जरूरी है. 16 सौ रुपये में भरण पोषण नहीं हो रहा है. कम से कम हमलोगों को सरकार दस हजार रुपये मासिक वेतन दें.

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