अररिया: कोरोना के डर ने लोगों के अंदर मानवता को इतना खत्म कर दिया है. लोग अब रिश्ते नाते और सामाजिकता से पीछे हट रहे हैं. महामारी में लोग मानवता भूल चुके हैं. खून के रिश्ते पराये हो जा रहे हैं. ऐसी ही एक घटना फारबिसगंज में देखने को मिली. जहां स्टेशन चौक निवासी युवक कोरोना संक्रमित होने से अस्पताल में भर्ती हो गया. पुत्र के अस्पताल में भर्ती होने के एक दिन बाद वियोग में मां ने दम तोड़ दिया. लेकिन वृद्ध महिला के मौत के बाद दो दिन तक शव घर में पड़ा रहा. स्थानीय लोगों के साथ स्वजनों ने भी कोरोना के डर से अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया.
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महिला के मौत के दूसरे दिन देर शाम को नगर परिषद कर्मियों के द्वारा सुभाष चौक की श्मशान भूमि में महिला का अंतिम संस्कार किया गया. जानकारी के अनुसार मृतक महिला का इकलौता पुत्र अशोक भगत बुधवार को कोरोना संक्रमित हो गया. सांस लेने में तकलीफ एवं रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उसे अनुमंडल अस्पताल के डेडीकेटेड कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया. परिजनों ने महिला को बेटे के संक्रमित होने की जानकारी नहीं दी. बुजुर्ग मां अपने पुत्र को खोजती रही और पुत्र के वियोग में दम तोड़ दिया.