अररिया: कोरोना महामारी के चलते अपनी पत्नी को खोने वाले जेडीयू विधायक अचमित ऋषिदेव ने नीतीश सरकार के साथ-साथ जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं पर गंभीर सवाल खड़े किये हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि जिले में स्वास्थ्य सुविधा बद से बदतर है. अगर अस्पताल में सुविधा बेहतर होती तो मेरी पत्नी की मौत नहीं हुई होती.
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अस्पताल में नहीं दिया गया ध्यान
दरअसल, पिछले दिनों विधायक अचमित ऋषिदेव की पत्नी मंजुला देवी की मौत सांस लेने की परेशानी के कारण हो गयी थी. पूरी कहानी बताते हुए रानीगंज विधायक अचमित ऋषिदेव ने कहा कि मैं इलाज के लिए पत्नी को लेकर सदर अस्पताल गया. वहां डॉक्टरों ने कोई खास दिलचस्पी नहीं ली और बताया कि यहां वेंटिलेटर की सुविधा नहीं है, आप बाहर ले जाएं. अस्पताल के डॉक्टरों ने मेरी पत्नी पर कोई विशेष ध्यान दिया.
'पिछले साल पीएम केयर फंड से जिले को 6 वेंटिलेटर दिये गये थे. लेकिन एक साल होने के बावजूद इसे स्वास्थ्य विभाग चालू नहीं करवा पाया. अगर वेंटिलेटर चालू होता तो मेरी पत्नी शायद जीवित होती.' :- अचमित ऋषिदेव, जदयू विधायक
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स्वास्थ्य व्यवस्था बद से बदतर
विधायक अचमित ऋषिदेव ने कहा कि जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था बद से बदतर है. यहां के पदाधिकारी भी संवेदनहीन हो गए हैं जबकि मेरी पत्नी के निधन पर स्वयं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कई एमपी-एमएलए यहां तक के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने भी फोन पर दुख प्रकट कर संवेदना जताई. लेकिन जिले के किसी पदाधिकारी ने मुझसे बात करने की जहमत तक नहीं उठाई, इस बात का अफसोस है.
'सरकार में होने के बावजूद जब मेरी पत्नी की किसी तरह की देखभाल नहीं की गई, फिर जिले में आम लोगों का इलाज कैसे हो रहा होगा इसका अंदाजा लगाना आसान है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ऐसे भ्रष्ट पदाधिकारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए'. :- अचमित ऋषिदेव, जदयू विधायक