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बाढ़ राहत से वंचित लोगों ने प्रखंड मुख्यालय पर किया हंगामा, बोले- पानी ने हमें भी बर्बाद किया है

बिहार में बाढ़ के कारण कितने ही गांव बर्बाद हो गए और कितने लोगों की जान चली गई. ऐसे में मुआवजे का नहीं मिलना नाराजगी को और बढ़ा देता है. वहीं, प्रखंड प्रमुख सुशील सिंह ने बताया कि हमारी मांग को बिल्कुल भी गलत नहीं ठहराया जा सकता है.

प्रदर्शन करते ग्रामीण
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Published : Jul 20, 2019, 8:07 PM IST

अररिया: जिले के कुर्साकांटा प्रखंड को बाढ़ राहत श्रेणी से वंचित करने से नाराज ग्रामीणों प्रखंड मुख्यालय के सामने जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. ग्रामीणों की मांग था कि उनके गांव में बाढ़ के कारण काफी क्षति हुई है. इसीलिए बाढ़ राहत कोस से उन्हें वंचित नहीं किया जाए.

'बाढ़ ने हमें भी बर्बाद किया है साहब'

ग्रामीणों ने प्रखंड मुख्यालय के सामने जमकर हंगामा किया. लोगों की नाराजगी इतनी ज्यादा थी कि पदाधिकारियों के समझाने का भी कोई फायदा नहीं हुआ. उल्टा लोगों ने उन पर जमकर जुते और चप्पलों की बारिश कर दी. भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को मौके पर पहुंचना पड़ा, लेकिन भीड़ पर काबू पाना नामुमकिन हो गया.
ग्रामीणों ने बताया कि हमारा प्रखंड बाढ़ के कारण पूरी तरह प्रभावित हो गया है, फिर भी हमारे पंचायत को बाढ़ घोषित नहीं किया गया है. जिस कारण सरकार से मिलने वाली मुआवजे की राशि हमें नहीं मिल पाएगी.

प्रदर्शन करते ग्रामीण

लोगों का कहना है कि यह जिला प्रशासन और सीओ के कारण ही हुआ है. उन्होंने परीक्षण करते समय देखा था कि हालात कितने खराब हैं. बाढ़ में लगभग कितने ही गांव प्रभावित हुए हैं, ऐसे गांव को सरकार की तरफ से मुआवजा राशि प्रदान की जाती है. जिससे लोग अपने जीवन को दोबारा पटरी पर ला सकें.

हम भी मुआवजे के हकदार

बिहार में बाढ़ के कारण कितने ही गांव बर्बाद हो गए और कितने लोगों की जान चली गई. ऐसे में मुआवजे का नहीं मिलना नाराजगी को और बढ़ा देता है. वहीं, प्रखंड प्रमुख सुशील सिंह ने बताया कि हमारी मांग को बिल्कुल भी गलत नहीं ठहराया जा सकता है और हम केवल इतना ही चाहते हैं कि हमारे प्रखंड को बाढ़ ग्रस्त घोषित किया जाए.

वहीं, हगामे के बाद जिला प्रशासन के पदाधिकारी मामले की जांच में जुट गए हैं.

अररिया: जिले के कुर्साकांटा प्रखंड को बाढ़ राहत श्रेणी से वंचित करने से नाराज ग्रामीणों प्रखंड मुख्यालय के सामने जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. ग्रामीणों की मांग था कि उनके गांव में बाढ़ के कारण काफी क्षति हुई है. इसीलिए बाढ़ राहत कोस से उन्हें वंचित नहीं किया जाए.

'बाढ़ ने हमें भी बर्बाद किया है साहब'

ग्रामीणों ने प्रखंड मुख्यालय के सामने जमकर हंगामा किया. लोगों की नाराजगी इतनी ज्यादा थी कि पदाधिकारियों के समझाने का भी कोई फायदा नहीं हुआ. उल्टा लोगों ने उन पर जमकर जुते और चप्पलों की बारिश कर दी. भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को मौके पर पहुंचना पड़ा, लेकिन भीड़ पर काबू पाना नामुमकिन हो गया.
ग्रामीणों ने बताया कि हमारा प्रखंड बाढ़ के कारण पूरी तरह प्रभावित हो गया है, फिर भी हमारे पंचायत को बाढ़ घोषित नहीं किया गया है. जिस कारण सरकार से मिलने वाली मुआवजे की राशि हमें नहीं मिल पाएगी.

प्रदर्शन करते ग्रामीण

लोगों का कहना है कि यह जिला प्रशासन और सीओ के कारण ही हुआ है. उन्होंने परीक्षण करते समय देखा था कि हालात कितने खराब हैं. बाढ़ में लगभग कितने ही गांव प्रभावित हुए हैं, ऐसे गांव को सरकार की तरफ से मुआवजा राशि प्रदान की जाती है. जिससे लोग अपने जीवन को दोबारा पटरी पर ला सकें.

हम भी मुआवजे के हकदार

बिहार में बाढ़ के कारण कितने ही गांव बर्बाद हो गए और कितने लोगों की जान चली गई. ऐसे में मुआवजे का नहीं मिलना नाराजगी को और बढ़ा देता है. वहीं, प्रखंड प्रमुख सुशील सिंह ने बताया कि हमारी मांग को बिल्कुल भी गलत नहीं ठहराया जा सकता है और हम केवल इतना ही चाहते हैं कि हमारे प्रखंड को बाढ़ ग्रस्त घोषित किया जाए.

वहीं, हगामे के बाद जिला प्रशासन के पदाधिकारी मामले की जांच में जुट गए हैं.

Intro: कुर्साकाटा प्रखंड में बाढ़ राहत की मांग को लेकर हजारों ग्रामीणों ने प्रखंड का किया घेराव और हंगामा मांग है के पूरे कुर्साकाटा प्रखंड को बाढ़ ग्रस्त प्रखंड घोषित किया जाए


Body: बाढ़ राहत की मांग को लेकर ग्रामीण हजारों की संख्या में कुर्साकांटा प्रखंड मुख्यालय में ग्रामीण जमा होकर जिला प्रशासन और सीओ के खिलाफ जमकर नारेबाजी की उनका आरोप है कि बाढ़ से यह पूरा प्रखंड प्रभावित हुआ था लेकिन स्थानीय सीओ के द्वारा इसके कुछ पंचायतों को ही बाढ़ ग्रस्त घोषित किया गया है जिसकी वजह से कुछ लोगों को ही बाढ़ के मुआवजे की राशि मिल पा रही है इसी को लेकर कुर्साकाटा प्रखंड के 13 पंचायत के ग्रामीणों ने एक साथ जमा होकर प्रखंड मुख्यालय में हंगामा करना शुरू कर दिया पदाधिकारियों ने काफी समझाने की कोशिश की लेकिन उनके ऊपर जूता चप्पल फेंकना शुरू कर दिया मौके पर पुलिस ने पहुंचकर समझाने की कोशिश की लेकिन अभी तक मामला बेकाबू में है और वही प्रखंड के प्रमुख सुशील सिंह ने बताया कि हमारी मांग जायज है और पूरे प्रखंड को बाढ़ ग्रस्त घोषित किया जाए ।
बाइट - सुशील सिंह, प्रखंड प्रमुख, कुर्साकांटा प्रखंड ।


Conclusion:
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