ETV Bharat / state

रमजान में महंगाई पर आस्था भारी, डबल दाम पर फल खरीदने को मजबूर रोजेदार - रोजेदार

रमजान के महीने में पपीता 60 रुपए किलो, तरबूज 40 से 50 रुपए किलो, केला 60 से 80 रुपए दर्जन, सेब 200 से 300 रुपए किलो, अनार 100 से 120 रुपए किलो तक बाजार में मिल रहा है.

फलों की खरीदरी करते रोजेदार
author img

By

Published : May 25, 2019, 9:27 AM IST

अररिया: रमजान के महीने में बाजार में रौनक देखने को मिलती है. इस पवित्र महीने में फलों की मांग बढ़ जाती है. हालांकि रमजान में फलों की कीमत आसमान को छू रही है. मौसमी से लेकर बेमौसमी फल भी बाजारों में उपलब्ध है. बाजार में हिन्दुस्तानी फल के अलावे सऊदी में उपजने वाले फल मिल रहे हैं. रमजान के महीने में खजूर की कीमत में भारी उछाल आया है, इसके बावजूद भी रोजेदार की पहली पसंद खजूर है. बाजार में इसकी कीमत 10000 रुपए से लेकर 5000 तक का है.

फलों की कीमतों में उछाल
बाजार में पपीता 60 रुपए किलो, तरबूज 40 से 50 रुपए किलो, केला 60 से 80 रुपए दर्जन, सेब 200 से 300 रुपए किलो, अनार 100 से 120 रुपए किलो तक मिल रहा है. इन फलों का इस्तेमाल इस पवित्र महीने में हर मुसलमान के घर में होता है. रोजेदार रोजा खोलने के समय इन फलों को खरीद कर घर लाते हैं.

फलों की खरीदारी करते रोजेदार

पहले फल किलो में खरीदते थे वो अब ग्राम में

लोगों का कहना है कि इस महीने से पहले फलों की कीमत बिल्कुल आधी थी. ये फल बाजार में आसानी से उपलब्ध थे. हालांकि मंडी में सामानों की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है, लेकिन मुख्य बाजाार,चौक चौराहो और फूटपाथ पर दुकान लगा कर बेचने वाले फल विक्रेता अन्य बाज़ारों से ज्यादा कीमत वसूलते हैं. लोग बताते हैं कि मुढ़ी, चना हलक के अंदर नहीं जा पाती है. इस मंहगाई में ग़रीब या मध्यम वर्गीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. महंगाई की मार झेल रहे रोजेदारों के अनुसार गरीब को दुनिया में जीने का हक नही है. लोगों का कहना है कि इस महीने में जो फल किलो में खरीदते थे वो अब ग्राम में खरीद कर खा रहे हैं.

अररिया: रमजान के महीने में बाजार में रौनक देखने को मिलती है. इस पवित्र महीने में फलों की मांग बढ़ जाती है. हालांकि रमजान में फलों की कीमत आसमान को छू रही है. मौसमी से लेकर बेमौसमी फल भी बाजारों में उपलब्ध है. बाजार में हिन्दुस्तानी फल के अलावे सऊदी में उपजने वाले फल मिल रहे हैं. रमजान के महीने में खजूर की कीमत में भारी उछाल आया है, इसके बावजूद भी रोजेदार की पहली पसंद खजूर है. बाजार में इसकी कीमत 10000 रुपए से लेकर 5000 तक का है.

फलों की कीमतों में उछाल
बाजार में पपीता 60 रुपए किलो, तरबूज 40 से 50 रुपए किलो, केला 60 से 80 रुपए दर्जन, सेब 200 से 300 रुपए किलो, अनार 100 से 120 रुपए किलो तक मिल रहा है. इन फलों का इस्तेमाल इस पवित्र महीने में हर मुसलमान के घर में होता है. रोजेदार रोजा खोलने के समय इन फलों को खरीद कर घर लाते हैं.

फलों की खरीदारी करते रोजेदार

पहले फल किलो में खरीदते थे वो अब ग्राम में

लोगों का कहना है कि इस महीने से पहले फलों की कीमत बिल्कुल आधी थी. ये फल बाजार में आसानी से उपलब्ध थे. हालांकि मंडी में सामानों की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है, लेकिन मुख्य बाजाार,चौक चौराहो और फूटपाथ पर दुकान लगा कर बेचने वाले फल विक्रेता अन्य बाज़ारों से ज्यादा कीमत वसूलते हैं. लोग बताते हैं कि मुढ़ी, चना हलक के अंदर नहीं जा पाती है. इस मंहगाई में ग़रीब या मध्यम वर्गीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. महंगाई की मार झेल रहे रोजेदारों के अनुसार गरीब को दुनिया में जीने का हक नही है. लोगों का कहना है कि इस महीने में जो फल किलो में खरीदते थे वो अब ग्राम में खरीद कर खा रहे हैं.

Intro:रमज़ान के महीने में महंगाई की मार झेल रहे रोज़ेदारों की राय लोगों ने कहा ग़रीब को दुनिया में जीने का हक़ नहीं। सब्ज़ी हो या फ़ल आम दिनों से डेढ़ से दुगुना ज़्यादा बताते हैं बिक्रेता। महंगाई पर आस्था भारी, फ़र्क़ इतना है कि जहां लोग इस महीने में कोई फ़ल किलो में खरीदते थे वो ग्राम में ख़रीद कर खा रहे हैं।


Body:रमज़ान के दिनों में बाज़ार में फलों की क़ीमत आसमान पर है, इस महीने में मौसमी से लेकर बेमौसमी फ़ल भी बाज़ारों में नज़र आ रहा है। हिंदुस्तान में मिलने वाले फ़ल के अलावा सऊदी में भी उपजने वाले फ़ल बाज़ार में मौजूद है। क़ीमत ज़्यादा होने के बावजूद भी रोज़ेदार की पहली पसंद है खजूर का दाम 1000 रुपए से लेकर 5000 तक के हैं, पपीता का क़ीमत 60 रुपए किलो, तरबूज 40 से 50 रुपए किलो, केला 60 से 80 रुपए दर्जन, सेब 200 से 300 रुपए किलो, अनार 100 से 120 रुपए किलो है। जिसका इस्तेमाल इस महीने में हर मुसलमान के घर में इस्तेमाल होता है। रोज़ा खोलने के वक़्त इतने फ़ल रोज़ेदार ख़रीद कर घर खाते हैं। लोग बताते हैं कि इस महीने में जो फ़ल का दाम है वो रमज़ान से पहले बिल्कुल आधा था एवं आसानी से खरीद कर खा लेते थे। फ़ल मंडी में सामानों की क़ीमत भी वही है। मेन बाज़ार चौक चैराहे पर ठेला लगा कर बेचने वाले या फ़ूट पाथ पर दुकान लगा कर बेचने वाले का अन्य बाज़ारों से और ज़्यादा होता है। लोग बताते हैं कि मुढ़ी, चना हलक के अंदर नहीं जा पाती है इस हालात में ऐसे में ग़रीब या मध्यम वर्गीय लोगों को काफ़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।


Conclusion:विसुअल फ़ल मंडी
बाइट रोज़ेदार का
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.