अररिया: जिले के पलासी प्रखंड के फुलसरा गांव (Phulsara Village) के समीप भोला धार (Bhola Dhar) में पुल नहीं बनने से आवागमन पूरी तरह से ठप है. लोगों बांस की बल्लियों के सहारे आवागमन (Traffic On Bamboo) करने को मजबूर है. ग्रामीणों ने इसको लेकर विरोध प्रदर्शन किया. लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है.
यह भी पढ़ें - Flood in Bettiah: पुलिया का अप्रोच पथ बहा, अनुमंडल मुख्यालय से टूटा दर्जनों गांवों का सम्पर्क
ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि इतने वर्ष बीतने के बाद भी भोला धार पर आज तक एक छोटा सा पुल का निर्माण नहीं हो सका है. जिस कारण बांस की बल्लियों के सहारे आवागमन करने को मजबूर हैं. इससे आये दिन दुर्घटना भी होती है.
ग्रामीणों ने बताया कि रोजमर्रा के सामानों के लिए कलियागंज बाजार जाने के लिए दो किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तयकरनी पड़ती है. जबकि फुलसरा गांव से लगभग 200 मीटर की दूरी पर भोला धार स्थित है. फुलसरा गांव से भोला धार तक जाने के लिए कच्ची सड़क है. वर्षों पहले इस कच्ची सड़क में एक बार मिट्टी भराई का कार्य किया गया था. लेकिन उसके बाद से पुल को लेकर कोई भी कार्य नहीं किया गया.
स्थानीय लोगों का कहना है कि बरसात के दिनों में होने वाली शादी में इस गांव में आने वाले बारातियों के साथ ही दूल्हे को भी जूते चप्पल हाथ में लेकर आना पड़ता है. वहीं, लोगों ने जनप्रतिनिधियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि गांव में लगभग चार सौ परिवार हैं. मतदाताओं की संख्या 750 से कुछ अधिक है. लेकिन मुखिया से लेकर सांसद तक किसी ने भी इस इलाके के लोगों के मूलभूत सुविधाओं को बहाल करने का प्रयास नहीं किया.
यह भी पढ़ें -
बाढ़ पीड़ितों का दर्द: 'चूल्हा और बर्तन सब डूब गए, चार दिन से भूखे-प्यासे हैं बच्चे'
पानी-पानी जिंदगी के बीच लोगों की आंखों में पानी, पर सरकार की आंखों में पानी क्यों नहीं?