अररियाः जिले के रानीगंज में एक पुत्री ने पीपीई किट पहन कर कोरोना पॉजिटिव अपनी मां को दफन किया. चार दिन पहले ही पिता की मौत कोरोना के कारण हुई थी. मृतक की बड़ी बेटी सोनी कुमारी ने अपने मां के शव को गड्ढे में डालकर अंतिम संस्कार किया. इस दौरान दूर से देख रहे गांव वालों के आंसू नहीं थम रहे थे. बता दें कि पिता और मां के इलाज में काफी पैसे खर्च हो गए थे, इस कारण बच्चों के पास विधि-विधान के साथ अंतिम संस्कार करने के लिए पैसे नहीं थे.
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कोरोना से मौत की हुई पुष्टि
बता दें कि कोरोना संक्रमित होने की वजह से पति-पत्नी की मौत चार दिनों के अंतराल में हो गई. रानीगंज प्रखंड क्षेत्र के बिशनपुर पंचायत की यह घटना है. इसको लेकर बिशनपुर के लोगों के बीच दहशत का माहौल है. इसकी पुष्टि रानीगंज के पीएचसी प्रभारी और बिशनपुर पंचायत के मुखिया ने भी की है.
28 अप्रैल को हुई थी दोनों की जांच, पाए गए थे पॉजिटिव
बिशनपुर पंचायत अंतर्गत वार्ड 7 में 40 साल के बीरेंद्र मेहता और उनकी 32 वर्षीय पत्नी प्रियंका देवी की कोरोना जांच 28 अप्रैल को फारबिसगंज में हुई थी. जांच के बाद दोनों पॉजिटिव पाए गए थे. इसके बाद दोनों का पूर्णिया के निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था. इस बीच बीते सोमवार को इलाज के दौरान ही बीरेंद्र मेहता की मौत हो गयी. जिसका अंतिम संस्कार पूर्णिया में ही किया गया. जबकि पत्नी प्रियंका देवी की स्थिति गंभीर बनी हुई थी.
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अस्पताल जाते वक्त रास्ते में हुई मौत
पति की मौत के बाद पत्नी प्रियंका देवी की हालत काफी खराब थी. दोनों के इलाज में काफी पैसे खर्च हो गए थे. आर्थिक हालात खराब होने की वजह से परिजन प्रियंका देवी को लेकर बुधवार को घर वापस आ गए. लेकिन, गुरुवार की देर रात प्रियंका देवी की हालत बिगड़ने लगी. आनन-फानन में परिजन उसे पहले रानीगंज रेफरल अस्पताल ले गए. जहां से उसे फारबिसगंज कोविड केयर अस्पताल रेफर कर दिया गया. जहां से हालत बिगड़ने पर डॉक्टरों ने उसे मधेपुरा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया. मधेपुरा मेडिकल कॉलेज ले जाने के दौरान शुक्रवार सुबह पिपरा के पास प्रियंका कुमारी ने दम तोड़ दिया.
''बिशनपुर पंचायत के मधुलता गांव वार्ड 07 निवासी पति बीरेंद्र मेहता व पत्नी प्रियंका देवी 28 अप्रैल को एक साथ बीमार हुए थे.'' - सरोज कुमार मेहता, मुखिया, बिशनपुर पंचायत
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पीपीई किट पहनकर मां को दफनाया
शुक्रवार को प्रियंका के शव बिशनपुर गांव लाया गया. हालांकि, कोरोना संक्रमण की वजह से मौत होने के बाद गांव और समाज के लोग भी अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाए. ऐसी स्थिति में मां और बाप का साया सिर पर से उठ जाने के बाद तीन बच्चों ने मिलकर मां के अंतिम संस्कार का बीड़ा उठाया. प्रियंका की बड़ी बेटी सोनी कुमारी ने किसी तरह गड्ढा खोदा. और खुद पीपीई किट पहनकर मां के शव को दफनाकर अंतिम संस्कार किया.
गांववालों को सता रही है चिंता
प्रियंका की दो बेटियां व एक बेटे के सिर से मां व पिता का साया हमेशा के लिए छिन गया. तीनों किसके सहारे रहेंगे. अब इसकी चिंता गांव वालों को सताने लगी है. जिसकी चर्चा गांव में हर जगह हो रही है. बिशनपुर गांव में आधा दर्जन से अधिक पॉजिटिव केस हैं. इसका खुलासा जांच के बाद हुआ. इसकी जानकारी मुखिया सरोज मेहता ने भी दी है.
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