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32 लाख की आबादी पर भी नहीं है कोई स्त्री रोग विशेषज्ञ, संकोच से महिलाएं नहीं करा पाती हैं इलाज - crisis of lady doctor

अस्पताल के सीएस सुरेश प्रसाद ने बताया कि महिला डॉक्टर के लिए अस्पताल के वरीय अधिकारी को आवेदन दे दी गई है. दो महिला डॉक्टरों की पोस्टिंग की गई है. जब तक ड्यूटी ज्वाइन नहीं करती तब तक कुछ भी कहना संभव नहीं है.

मरीज परेशान
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Published : Jul 1, 2019, 2:38 PM IST

अररिया: सरकार लगातार स्वास्थ्य व्यवस्था पर लाखों खर्च करने की बात करती है. लेकिन, जमीनी स्तर पर यह विफल साबित हो रहा है. जिले के सदर अस्पताल में महिला डॉक्टर के नहीं होने की वजह से महिला मरीजों को काफी परेशानी हो रही है. अस्पताल में आए दिन महिला मरीज को हताश होकर वापस दूसरे अस्पताल में जाना पड़ रहा है.

इतने लाख की है आबादी
अररिया में करीब 32 लाख की आबादी है. फिर भी सरकार ने एक महिला डॉक्टर की व्यवस्था नहीं की है. स्त्री रोग होने की वजह से मरीज संकोच में पुरुष डॉक्टर से इलाज नहीं करा पाती हैं. इलाज कराने आए मरीजों को मजबूरन पूर्णिया के अस्पताल में रेफर कर दिया जाता है.

araria
सुरेश कुमार, सीएस

मरीजों की शिकायत
मरीजों का कहना है कि अस्पताल में महिला डॉक्टर नहीं होने बहुत परेशानी हो रही है. बहुत सी बीमारी पुरुष डॉक्टर नहीं पकड़ पाते हैं. उन्होंने कहा कि पिछले तीन दिन से अस्पताल का चक्कर काटना पड़ रहा है. लेकिन, डॉक्टर अब तक नदारद हैं. पदाधिकारी सिर्फ आज-कल कह कर बात को टाल देते हैं.

महिला डॉक्टर की कमी से जूझ रहा अस्पताल

चेकअप कराने में होती है परेशानी
वहीं, दूसरे मरीज ने बताया कि उनकी बहुत जल्द डिलीवरी होनी है. ऐसे में महिला डॉक्टर नहीं हैं. पुरुष डॉक्टर कहते हैं कि दो दिन में डॉक्टर आएंगी. लेकिन, अब तक नहीं आई हैं. चेकअप कराने के लिए भटकना पड़ रहा है. अस्पताल नजदीक होने के कारण लोग यहां आते हैं वर्ना, शहर से दूर जाना संभव नहीं है.

अधिकारी ने दी जानकारी
अस्पताल के सीएस सुरेश प्रसाद ने बताया कि महिला डॉक्टर के लिए अस्पताल के वरीय अधिकारी को आवेदन दे दी गई है. दो महिला डॉक्टरों की पोस्टिंग की गई है. जब तक ड्यूटी ज्वाइन नहीं करती तब तक कुछ भी कहना संभव नहीं है. फिर भी अस्पताल की पूरी कोशिश रहेगी कि जल्द से जल्द महिला डॉक्टरों की नियुक्ति की जाए.

अररिया: सरकार लगातार स्वास्थ्य व्यवस्था पर लाखों खर्च करने की बात करती है. लेकिन, जमीनी स्तर पर यह विफल साबित हो रहा है. जिले के सदर अस्पताल में महिला डॉक्टर के नहीं होने की वजह से महिला मरीजों को काफी परेशानी हो रही है. अस्पताल में आए दिन महिला मरीज को हताश होकर वापस दूसरे अस्पताल में जाना पड़ रहा है.

इतने लाख की है आबादी
अररिया में करीब 32 लाख की आबादी है. फिर भी सरकार ने एक महिला डॉक्टर की व्यवस्था नहीं की है. स्त्री रोग होने की वजह से मरीज संकोच में पुरुष डॉक्टर से इलाज नहीं करा पाती हैं. इलाज कराने आए मरीजों को मजबूरन पूर्णिया के अस्पताल में रेफर कर दिया जाता है.

araria
सुरेश कुमार, सीएस

मरीजों की शिकायत
मरीजों का कहना है कि अस्पताल में महिला डॉक्टर नहीं होने बहुत परेशानी हो रही है. बहुत सी बीमारी पुरुष डॉक्टर नहीं पकड़ पाते हैं. उन्होंने कहा कि पिछले तीन दिन से अस्पताल का चक्कर काटना पड़ रहा है. लेकिन, डॉक्टर अब तक नदारद हैं. पदाधिकारी सिर्फ आज-कल कह कर बात को टाल देते हैं.

महिला डॉक्टर की कमी से जूझ रहा अस्पताल

चेकअप कराने में होती है परेशानी
वहीं, दूसरे मरीज ने बताया कि उनकी बहुत जल्द डिलीवरी होनी है. ऐसे में महिला डॉक्टर नहीं हैं. पुरुष डॉक्टर कहते हैं कि दो दिन में डॉक्टर आएंगी. लेकिन, अब तक नहीं आई हैं. चेकअप कराने के लिए भटकना पड़ रहा है. अस्पताल नजदीक होने के कारण लोग यहां आते हैं वर्ना, शहर से दूर जाना संभव नहीं है.

अधिकारी ने दी जानकारी
अस्पताल के सीएस सुरेश प्रसाद ने बताया कि महिला डॉक्टर के लिए अस्पताल के वरीय अधिकारी को आवेदन दे दी गई है. दो महिला डॉक्टरों की पोस्टिंग की गई है. जब तक ड्यूटी ज्वाइन नहीं करती तब तक कुछ भी कहना संभव नहीं है. फिर भी अस्पताल की पूरी कोशिश रहेगी कि जल्द से जल्द महिला डॉक्टरों की नियुक्ति की जाए.

Intro:एक ओर जहां सरकार गरीबों के स्वास्थ की सुरक्षा के लिए कई प्रकार की योजनाएं चला रहे हैं तो वहीं स्वास्थ पर करोड़ों रुपए ख़र्च भी किए जा रहे पर उसका फ़ायदा कितने लोगों को मिल रहा है ये आप बिहार के सबसे पिछड़े ज़िले अररिया को देख कर अंदाज़ा लगा सकते हैं। जहां 32 लाख की आबादी वाले ज़िले में नहीं है एक भी महिला डॉक्टर, ज़्यादा इमरजेंसी है तो निजी अस्पताल में इलाज कराएं नहीं तो फ़िर पुर्णिया के लिए रेफ़र कर दिया जाता है।


Body:केंद्र सरकार के दुवारा चलाए जा रहे आयुष्मान भारत योजना, जिस पर हर साल करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं ताकि इसका लाभ हर ग़रीब हिंदुस्तानियों को मिले पर उसकी हक़ीक़त आपको जानना हो तो बिहार के अररिया ज़िले के सदर अस्पताल का है जहां इलाज के लिए घंटों मरीज़ के परिजन को इंतजार करना पड़ता है। 32 लाख की आबादी वाला यह ज़िला जहां एक भी महिला डॉक्टर नहीं है सरकार के बड़े बड़े दावे सिर्फ़ काग़ज़ों पर ही सिमट कर रह जाता है। इलाज कराने आई महिला मरीज़ बताती है कि यहां एक भी महिला डॉक्टर नहीं है जिससे बहुत परेशानी होती है, किस तरह की परेशानी है वो मर्द डॉक्टर को बता नहीं पाते हैं, हम लोग चाहते हैं कि यहां महिला डॉक्टर बैठे जिससे कि महिलाओं से संबंधित परेशानियों का सही इलाज कम रुपए के खर्च पर सही वक़्त में हो जाए। हालांकि सदर अस्पताल के सीएस सुरेश प्रसाद बताते हैं कि हमने लेटर भेज यहां महिला डॉक्टर का मांग किया था वो मांग मान कर दो महिला डॉक्टर को दिया है और वो हफ़्ते दिन के अंदर साफ़ हो जाएगा कि आ रही है या नहीं तो फ़िर दूसरे तरीके से महिला डॉक्टर का इंतजाम किया जाएगा।


Conclusion:विसुअल हॉस्पिटल बाइट इलाज कराने आई महिला बाइट सदर अस्पताल सीएस सुरेश प्रसाद
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