अररिया: बैंक का ऋण नहीं चुकाने पर बैंक ने सरफेसी एक्ट 2002 के तहत अररिया जिला पदाधिकारी के निर्देश पर मजिस्ट्रेट और फारबिसगंज पुलिस के सहयोग से एक घर को सील कर दिया है. मामला फारबिसगंज शहर के सिग्नेस बिहार पुराना इंडियन ऑयल कम्पाउंड का है, जहां गौतम सिंह नामक व्यक्ति के आवसीय मकान और भूमि को बैंक ऑफ बड़ोदा शाखा फारबिसगंज के द्वारा शनिवार को मजिस्ट्रेट, पुलिस पदाधिकारी की उपस्थिति में बंधिकृत संपत्ति पर भौतिक कब्जा कर लिया. वहीं, निर्धारित समय पर कर्ज नहीं चुकाने पर ऋणकर्ता वसूली के अंतिम कार्रवाई से सड़क पर आ गए हैं.
लिया था 60 लाख रुपये का ऋण
इस मामले में बैंक ऑफ बड़ौदा के शाखा प्रबंधक नवीन कुमार राय ने बताया कि गौतम सिंह पिता सुनील कुमार सिंह के द्वारा वर्ष 2018 में 60 लाख रुपये का ऋण लिया गया था, जिसमे भूमि की खरीद और मकान निर्माण शामिल था. उन्होंने बताया कि ऋण लेने के बाद बैंक की ओर से निर्धारित किस्त जमा नहीं कर रहे थे. जिसके कारण फरवरी 2020 में उनका खाता एनपीए में चला गया.
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बैंक ऑफ बड़ौदा के रीजनल ऑफिस रिकवरी हेड आनंद सागर ने कहा कि बैंक ने ऋणकर्ता को काफी समय दिया. लेकिन उनके द्वारा लोन की राशि जमा नहीं की गई. इसके बाद कार्रवाई करते हुए मकान को जब्त कर लिया गया है.
बैंक के कार्यशैली पर सवाल
वहीं, लोन लेने वाले गौतम सिंह ने बैंक के व्यवहार और कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनके द्वारा मामले को लेकर हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल किया गया है, जो लंबित है. बावजूद इसके बैंक के अधिकारी ई-ऑक्शन का बहाना बनाकर अन्य आदमी से सांठगांठ कर मकान बेचने की प्रक्रिया कर रहे हैं.