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अररियाः नेपाल ने छोड़ा पानी, कई इलाकों में घुसा नदी का जल

पिछले कई दिनों से लगातार हो रही बारिश से कोसी डैम का दबाव बढ़ गया था, जिस वजह से पानी छोड़ा गया. पानी छोड़े जाने से जिले की नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी हो गई है.

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Published : Jul 12, 2019, 10:43 AM IST

अररियाः नेपाल से छोड़े गए 650 क्यूसेक पानी से जिले की नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी हो गई है. जिससे निचले इलाकों में पानी घुसना शुरू हो गया है. लोगों में दहशत का माहौल व्याप्त हो चुका है. लोगों को एक बार फिर से अगस्त 2017 के विनाशकारी बाढ़ का डर सताने लगा है.

bakra river water
जानकारी देते ग्रामीण

कई इलाकों में घुसा पानी
दरअसल, जिले में भंगिया डायवर्सन के ऊपर से पानी का बहना शुरू हो गया है. जिससे जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर बड़े वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दी है. बकरा नदी के जलस्तर बढ़ने से अररिया के जोकीहाट प्रखंड अंतर्गत कई इलाकों में नदी का पानी घुसा गया है. पिछले कई दिनों से रुक-रुक कर लगातार हो रही बारिश से कोसी डैम का दवाब बढ़ गया था, जिसकी वजह से पानी छोड़ा गया.

bridge
टूटा हुआ पुल

डायवर्सन के बहने का भी है डर
जिला मुख्यालय से सिर्फ 12 किलोमीटर दूर स्थित भंगिया डायवर्सन पर बाढ़ का पानी चढ़ चुका है. जिस कारण जिला प्रशासन ने बड़े वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा रखी है. ताकि कोई खतरा न हो, इस पुल को अगस्त 2017 में आए विनाशकारी बाढ़ ने ढाह दिया था. जिस वजह से जोकीहाट का सम्पर्क जिला मुख्यालय से टूट चुका था. आवागमन सुचारू रूप से जारी रखने के लिए डायवर्सन बनाया गया था. अगर नेपाल से ज्यादा पानी छोड़ा गया तो लोगों को इस डायवर्सन के बहने का भी डर है.

कई इलाकों में घुसा बकरा नदी का जल

अब तक नहीं बना पिछले बाढ़ में टूटा पुल
अगस्त 2017 में टूटे पुल को दो साल बीत जाने के बाद भी बनवाया नहीं जा सका है. जिससे लोगों की परेशानी फिर बढ़ गई है. इसके लिए जोकीहाट ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और वहां के जनप्रतिनिधियों को जिम्मेदार माना है. चुनाव के वक्त वोट हांसिल करने के लिए बड़े-बड़े वादे किए गए और चुनाव खत्म होने के बाद वादे भी खत्म हो गए. जोकीहाट के तारण, काकन, डूबा, और कई निचले इलाकों में पानी घुसने लगा है. लेकिन प्रशासन के तरफ से बचाओ के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया है. यहां के ग्रामीण जिला प्रशासन और लोकल जनप्रतिनिधियों को इसका जिम्मेदार मानते हैं.

अररियाः नेपाल से छोड़े गए 650 क्यूसेक पानी से जिले की नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी हो गई है. जिससे निचले इलाकों में पानी घुसना शुरू हो गया है. लोगों में दहशत का माहौल व्याप्त हो चुका है. लोगों को एक बार फिर से अगस्त 2017 के विनाशकारी बाढ़ का डर सताने लगा है.

bakra river water
जानकारी देते ग्रामीण

कई इलाकों में घुसा पानी
दरअसल, जिले में भंगिया डायवर्सन के ऊपर से पानी का बहना शुरू हो गया है. जिससे जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर बड़े वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दी है. बकरा नदी के जलस्तर बढ़ने से अररिया के जोकीहाट प्रखंड अंतर्गत कई इलाकों में नदी का पानी घुसा गया है. पिछले कई दिनों से रुक-रुक कर लगातार हो रही बारिश से कोसी डैम का दवाब बढ़ गया था, जिसकी वजह से पानी छोड़ा गया.

bridge
टूटा हुआ पुल

डायवर्सन के बहने का भी है डर
जिला मुख्यालय से सिर्फ 12 किलोमीटर दूर स्थित भंगिया डायवर्सन पर बाढ़ का पानी चढ़ चुका है. जिस कारण जिला प्रशासन ने बड़े वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा रखी है. ताकि कोई खतरा न हो, इस पुल को अगस्त 2017 में आए विनाशकारी बाढ़ ने ढाह दिया था. जिस वजह से जोकीहाट का सम्पर्क जिला मुख्यालय से टूट चुका था. आवागमन सुचारू रूप से जारी रखने के लिए डायवर्सन बनाया गया था. अगर नेपाल से ज्यादा पानी छोड़ा गया तो लोगों को इस डायवर्सन के बहने का भी डर है.

कई इलाकों में घुसा बकरा नदी का जल

अब तक नहीं बना पिछले बाढ़ में टूटा पुल
अगस्त 2017 में टूटे पुल को दो साल बीत जाने के बाद भी बनवाया नहीं जा सका है. जिससे लोगों की परेशानी फिर बढ़ गई है. इसके लिए जोकीहाट ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और वहां के जनप्रतिनिधियों को जिम्मेदार माना है. चुनाव के वक्त वोट हांसिल करने के लिए बड़े-बड़े वादे किए गए और चुनाव खत्म होने के बाद वादे भी खत्म हो गए. जोकीहाट के तारण, काकन, डूबा, और कई निचले इलाकों में पानी घुसने लगा है. लेकिन प्रशासन के तरफ से बचाओ के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया है. यहां के ग्रामीण जिला प्रशासन और लोकल जनप्रतिनिधियों को इसका जिम्मेदार मानते हैं.

Intro:नेपाल से छोड़े गए 650 क्यूसेक पानी से नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी हो गया जिससे निचले इलाकों में पानी घुसना शुरू हो गया है, लोगों में दहशत का माहौल व्याप्त हो चुका है। एक बार फ़िर से अगस्त 2017 का विनाशकारी बाढ़ का डर सताने लगा है। ग्रामीण यहां के ज़िला प्रशासन और लोकल जनप्रतिनिधियों को बदइंतज़ामी का जिम्मेदार मानते हैं। भंगिया डायवर्सन के ऊपर से पानी बहना शुरू हो गया है जिससे ज़िला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर बड़े वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दिया गया है।


Body:अररिया के जोकीहाट प्रखंड अंतर्गत कई इलाकों में बकरा नदी के जलस्तर बढ़ने से सैलाब का पानी घुसा है, पिछले कई दिनों से रुक रुक कर लगातार हो रही बारिश से कोशी डैम का दवाब बढ़ गया था जिस वजह से पानी छोड़ा गया। ज़िला मुख्यालय से सिर्फ़ 12 किलोमीटर दूर स्थित भंगया डायवर्सन पर बाढ़ का पानी चढ़ चुका है। जिस कारण ज़िला प्रशासन के बड़े वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा रखा है ताकि कोई ख़तरा न हो, इस पुल को अगस्त 2017 में आए विनाशकारी बाढ़ ने ढाह दिया था जिस वजह से जोकीहाट का सम्पर्क ज़िला मुख्यालय से टूट चुका था और फ़िर आवागमन सुचारू रूप से जारी रखने के लिए डायवर्सन बनाया गया था जो इस बार अगर और पानी छोड़ा गया तो वो डायवर्सन भी बहने का डर लोगों को लगने लगा है। दो साल बीत जाने के बाद भी उसे बनवाया नहीं जा सका है जिससे लोगों की परेशानी फ़िर बढ़ गई है। इसके लिए जोकीहाट ग्रामीणों ने ज़िला प्रशासन एवं वहां के जनप्रतिनिधियों को ज़िम्मेदार माना है चुनाव के वक़्त वोट हांसिल करने के लिए बड़े बड़े वायदे किए गए और चुनाव ख़त्म होने के बाद भूल जाते हैं। बता दें कि जोकीहाट के तारण, काकन, डूबा, और कई निचले इलाकों में पानी घुसने लगा है पर प्रशासन के तरफ़ से बचाओ के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया है।


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