पटना: बिहार के महासमर के पहले चरण के लिए बीजेपी और जेडीयू ने अपने दिग्गज नेताओं को मैदान में उतार दिया है. चुनाव प्रचार चरम पर है और एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चल रहा है. आरजेडी ने भी चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत लगा दी है.
आरजेडी ने चुनाव प्रचार में झोंकी ताकत
महागठबंधन में सबसे बड़ा दल आरजेडी पहले चरण में सबसे ज्यादा 42 , कांग्रेस 21 और वामदल 8 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं. इनमें से 20 से ज्यादा सीटों पर पिछली बार जीत दर्ज की थी. ऐसे में वर्तमान सीटों को कायम रखना और ज्यादा सीटें जीतने का दबाव भी पहले चरण में आरजेडी पर है.
सियासी सरगर्मी के बीच आरोप-प्रत्यारोप
'लोग बदलाव चाहते हैं और इसकी शुरुआत पहले चरण में वोटिंग से देखने को मिलेगी. तेजस्वी की लोकप्रियता देखकर एनडीए के नेता घबरा गए हैं और अनाप-शनाप बोल रहे हैं'- मृत्युंजय तिवारी, प्रदेश प्रवक्ता, आरजेडी
'आरजेडी चाहे लाख कोशिश कर ले, अब लालू यादव या उनके बेटे तेजस्वी पर लोग भरोसा नहीं करने वाले. तेजस्वी कई आर्थिक अपराध के मामले में आरोपी हैं. जो लोग उनकी सभा में पहुंच रहे हैं वह उन्हें वोट नहीं करने वाले'- प्रेम रंजन पटेल, प्रवक्ता, बीजेपी
आरजेडी ने नए चेहरों पर लगाया दांव
28 अक्टूबर को पहले चरण में 71 विधानसभा सीटों पर चुनाव होना हैं जिनमें महागठबंधन से 42 सीटों पर आरजेडी के उम्मीदवार मैदान में हैं. आरजेडी ने अपने कई सिटिंग एमएलए की बजाए नए चेहरों पर भरोसा किया है. 42 सीटों पर आरजेडी के उम्मीदवारों पर गौर करें तो इनमें से 16 वर्तमान विधायक हैं जिन्हें फिर से टिकट मिला है.
वर्तमान विधायकों के परिजनों को मौका
आरजेडी ने दो सीटिंग सीट पर वर्तमान विधायकों के परिजनों को मौका दिया है. अतरी विधानसभा सीट पर वर्तमान विधायक कुंती देवी के बेटे अजय देव यादव और संदेश विधानसभा सीट पर वर्तमान विधायक अरुण यादव की पत्नी किरण देवी मैदान में हैं. अब देखना ये होगा कि पहले चरण में ईवीएम रूपी ऊंट आखिर किस करवट बैठेगा.