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बंगाल से कार में छिपाकर लाई जा रही थी शराब, पुलिस ने जाल बिछाकर यूं दबोचा

किशनगंज उत्पाद अधीक्षक ने गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर एक कार से भारी मात्रा में शराब बरामद किया है. वहीं इस दौरान अंधेरे का फायदा उठाकर धंधेबाज फरार हो गये.

कार में छिपाकर बंगाल से लाई जा रही शराब जब्त
कार में छिपाकर बंगाल से लाई जा रही शराब जब्त
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Published : Sep 2, 2021, 12:05 PM IST

किशनगंज: राज्य में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद शराब तस्करी का धंधा जोरों पर है. ताजा मामला किशनगंज (Kishanganj) जिले का है. जहां उत्पाद विभाग की टीम ने भारी मात्रा में विदेशी शराब (Liquor Recovered In Car) के साथ एक कार को जब्त किया है. हालांकि इस दौरान अंधेरे का फायदा उठाकर तस्कर मौके से फरार हो गया. विभाग ने किशनगंज-बहादुरगंज मुख्य सड़क के धनपुरा रंगामनी गांव के पास गुप्त सूचना के आधार ये कार्रवाई की.

इसे भी पढ़ें : नवादा: उत्पाद विभाग की टीम ने अवैध शराब भट्टी को किया नष्ट, 320 लीटर देसी शराब जब्त

उत्पाद अधीक्षक सत्तार अंसारी ने जानकारी देते हुए बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि बंगाल से शराब की तस्करी कर एक ऑल्टो कार में किशनगंज के रास्ते बिहार के अन्य जिले ले जायी जा रही है. सूचना मिलते ही उत्पाद टीम धनपुरा के पास जाल बिछाकर वाहन आने का इंतजार करने लगी. तस्कर टीम को देखते ही वाहन छोड़कर अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गया.

उत्पाद अधीक्षक सत्तार अंसारी ने जानकारी देते हुए बताया कि कार को जब्त कर लिया है. तलाशी के दौरान कार में भारी मात्रा में विदेशी शराब की बरामदगी की गई है. कार में छिपाकर शराब को रखा गया था. बता दें इन दिनों शराब तस्करों ने लिए किशनगंज तस्करी का कॉरिडोर बना हुआ है. वहीं उत्पाद विभाग एवं पुलिस लगातार शराब तस्करों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है.

बता दें कि 5 अप्रैल 2016 से अब तक पूर्ण शराबबंदी के बावजूद बिहार में शराब के सिंडिकेट पर काबू पाना पुलिस के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रही है. पुलिस की कड़ाई के बावजूद शराब की सप्लाई हो रही है. हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कहा था कि अधिकांश लोग शराबबंदी के पक्ष में हैं लेकिन कुछ लोग गड़बड़ कर रहे हैं. शराब तस्करी पर लगाम कसने को लेकर पुलिस प्रशासन सख्त है, लेकिन प्रदेश में शराब का कारोबार खूब फल-फूल रहा है.

दरअसल, बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून लागू हो सके, इसके लिए राज्य सरकार ने कई कड़े कानून बनाए हैं. पिछले 5 साल में ढाई से तीन लाख लोग शराबबंदी कानून के तहत जेल जा चुके हैं. पुलिस शराब पीने वाले लोगों की गिरफ्तारियां भी कर रही है. इसके साथ-साथ राज्य के अंदर और अन्य राज्यों के बड़े शराब माफियाओं की भी गिरफ्तारियां की गई है. इसके बाद भी बिहार में शराब के अवैध कारोबार पर लगाम नहीं लग पा रहा है.

ये भी पढ़ें- असम से 50 लाख की शराब लेकर पहुंचा था बिहार, ठिकाने पर पहुंचने से पहले ही उत्पाद विभाग ने यूं दबोचा

किशनगंज: राज्य में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद शराब तस्करी का धंधा जोरों पर है. ताजा मामला किशनगंज (Kishanganj) जिले का है. जहां उत्पाद विभाग की टीम ने भारी मात्रा में विदेशी शराब (Liquor Recovered In Car) के साथ एक कार को जब्त किया है. हालांकि इस दौरान अंधेरे का फायदा उठाकर तस्कर मौके से फरार हो गया. विभाग ने किशनगंज-बहादुरगंज मुख्य सड़क के धनपुरा रंगामनी गांव के पास गुप्त सूचना के आधार ये कार्रवाई की.

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उत्पाद अधीक्षक सत्तार अंसारी ने जानकारी देते हुए बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि बंगाल से शराब की तस्करी कर एक ऑल्टो कार में किशनगंज के रास्ते बिहार के अन्य जिले ले जायी जा रही है. सूचना मिलते ही उत्पाद टीम धनपुरा के पास जाल बिछाकर वाहन आने का इंतजार करने लगी. तस्कर टीम को देखते ही वाहन छोड़कर अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गया.

उत्पाद अधीक्षक सत्तार अंसारी ने जानकारी देते हुए बताया कि कार को जब्त कर लिया है. तलाशी के दौरान कार में भारी मात्रा में विदेशी शराब की बरामदगी की गई है. कार में छिपाकर शराब को रखा गया था. बता दें इन दिनों शराब तस्करों ने लिए किशनगंज तस्करी का कॉरिडोर बना हुआ है. वहीं उत्पाद विभाग एवं पुलिस लगातार शराब तस्करों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है.

बता दें कि 5 अप्रैल 2016 से अब तक पूर्ण शराबबंदी के बावजूद बिहार में शराब के सिंडिकेट पर काबू पाना पुलिस के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रही है. पुलिस की कड़ाई के बावजूद शराब की सप्लाई हो रही है. हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कहा था कि अधिकांश लोग शराबबंदी के पक्ष में हैं लेकिन कुछ लोग गड़बड़ कर रहे हैं. शराब तस्करी पर लगाम कसने को लेकर पुलिस प्रशासन सख्त है, लेकिन प्रदेश में शराब का कारोबार खूब फल-फूल रहा है.

दरअसल, बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून लागू हो सके, इसके लिए राज्य सरकार ने कई कड़े कानून बनाए हैं. पिछले 5 साल में ढाई से तीन लाख लोग शराबबंदी कानून के तहत जेल जा चुके हैं. पुलिस शराब पीने वाले लोगों की गिरफ्तारियां भी कर रही है. इसके साथ-साथ राज्य के अंदर और अन्य राज्यों के बड़े शराब माफियाओं की भी गिरफ्तारियां की गई है. इसके बाद भी बिहार में शराब के अवैध कारोबार पर लगाम नहीं लग पा रहा है.

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