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बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने सरकार को दी चेतावनी, कहा- मांगें नहीं मानी तो होगा उग्र आंदोलन

बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ का कहना है कि 15 जनवरी तक यदि नीतीश सरकार ने नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त नहीं लागू किया, तो नियोजित शिक्षक अगले विधानमंडल सत्र में राज्यव्यापी आंदोलन करेंगे.

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Published : Dec 26, 2019, 1:56 PM IST

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संघ

पटना: बिहार के लाखों नियोजित शिक्षक पिछले कई सालों से लगातार अपनी सेवा शर्त को लेकर आंदोलन करते रहे हैं. सरकार के तमाम आश्वासनों के बावजूद अब तक नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त का मामला नहीं सुलझ पाया है. अगले साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं और इसके पहले नियोजित शिक्षकों ने सरकार को आंदोलन की चेतावनी दी है.

बड़े आंदोलन की चेतावनी
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने कहा कि बार-बार सरकार से निवेदन और पत्राचार के बावजूद नियोजित शिक्षकों की सालों पुरानी मांग अब तक पूरी नहीं की गई. हाल ही में एक बैठक के जरिए माध्यमिक शिक्षक संघ ने सरकार को अल्टीमेटम जारी कर 15 जनवरी तक का समय दिया है. 15 जनवरी तक यदि नीतीश सरकार ने नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त नहीं लागू किया, तो वे अगले विधानमंडल सत्र में राज्यव्यापी आंदोलन करेंगे. इस दौरान सभी शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक काम बंद कर दिए जाएंगे, जिसकी पूरी जवाबदेही सरकार की होगी.

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अभिषेक कुमार, प्रवक्ता, बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ

'नियोजित शिक्षकों के साथ अन्याय'
अभिषेक कुमार ने कहा कि सरकार ने लगभग 13 सालों से नियोजित शिक्षकों की प्रोन्नति, भविष्य निधि, पेंशन और वेतन विसंगति दूर करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है. पटना हाईकोर्ट ने सभी नियोजित शिक्षकों को ईपीएफ का लाभ देने का निर्णय सुनाया था, लेकिन अब तक सरकार इसे भी लागू नहीं कर सकी. सरकार नियोजित शिक्षकों के साथ अन्याय कर रही है.

उग्र आंदोलन की चेतावनी

सरकार की बढ़ सकती है मुश्किलें
गौरतलब है कि बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे समय में यदि सरकार और नियोजित शिक्षकों के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हुई, तो यह सरकार के लिए मुश्किल भरा समय हो सकता है. अब देखना है कि नीतीश सरकार शिक्षकों की शर्तें मानती है या फिर शिक्षक आंदोलन करते हैं.

यह भी पढ़ें- बांका में 'मीठा जहर' पीने को मजबूर हैं लोग, एक लाख की आबादी हो रही है प्रभावित

पटना: बिहार के लाखों नियोजित शिक्षक पिछले कई सालों से लगातार अपनी सेवा शर्त को लेकर आंदोलन करते रहे हैं. सरकार के तमाम आश्वासनों के बावजूद अब तक नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त का मामला नहीं सुलझ पाया है. अगले साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं और इसके पहले नियोजित शिक्षकों ने सरकार को आंदोलन की चेतावनी दी है.

बड़े आंदोलन की चेतावनी
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने कहा कि बार-बार सरकार से निवेदन और पत्राचार के बावजूद नियोजित शिक्षकों की सालों पुरानी मांग अब तक पूरी नहीं की गई. हाल ही में एक बैठक के जरिए माध्यमिक शिक्षक संघ ने सरकार को अल्टीमेटम जारी कर 15 जनवरी तक का समय दिया है. 15 जनवरी तक यदि नीतीश सरकार ने नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त नहीं लागू किया, तो वे अगले विधानमंडल सत्र में राज्यव्यापी आंदोलन करेंगे. इस दौरान सभी शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक काम बंद कर दिए जाएंगे, जिसकी पूरी जवाबदेही सरकार की होगी.

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अभिषेक कुमार, प्रवक्ता, बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ

'नियोजित शिक्षकों के साथ अन्याय'
अभिषेक कुमार ने कहा कि सरकार ने लगभग 13 सालों से नियोजित शिक्षकों की प्रोन्नति, भविष्य निधि, पेंशन और वेतन विसंगति दूर करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है. पटना हाईकोर्ट ने सभी नियोजित शिक्षकों को ईपीएफ का लाभ देने का निर्णय सुनाया था, लेकिन अब तक सरकार इसे भी लागू नहीं कर सकी. सरकार नियोजित शिक्षकों के साथ अन्याय कर रही है.

उग्र आंदोलन की चेतावनी

सरकार की बढ़ सकती है मुश्किलें
गौरतलब है कि बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे समय में यदि सरकार और नियोजित शिक्षकों के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हुई, तो यह सरकार के लिए मुश्किल भरा समय हो सकता है. अब देखना है कि नीतीश सरकार शिक्षकों की शर्तें मानती है या फिर शिक्षक आंदोलन करते हैं.

यह भी पढ़ें- बांका में 'मीठा जहर' पीने को मजबूर हैं लोग, एक लाख की आबादी हो रही है प्रभावित

Intro:बिहार के लाखों नियोजित शिक्षक पिछले कई वर्षों से लगातार अपनी सेवा शर्त को लेकर आंदोलन करते रहे हैं। सरकार के तमाम आश्वासनों के बावजूद अब तक नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त का मामला नहीं सुलझ पाया है। अगले साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं और इसके पहले नियोजित शिक्षकों ने सरकार को आंदोलन की चेतावनी दी है।


Body:बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने कहा कि बार-बार सरकार से निवेदन और पत्राचार के बावजूद नियोजित शिक्षकों की वर्षों पुरानी मांग पूरी नहीं हो रही है। हाल ही में एक बैठक के जरिए सरकार को माध्यमिक शिक्षक संघ ने अल्टीमेटम जारी किया है और 15 जनवरी तक का वक्त दिया है। 15 जनवरी तक अगर नीतीश सरकार नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त नहीं लागू करती तो नियोजित शिक्षक अगले विधानमंडल सत्र में बड़े आंदोलन पर जाने को विवश हो जाएंगे।
अभिषेक कुमार ने कहा कि बिहार सरकार 15 जनवरी तक बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ की मांगों पर फैसला और वार्ता करके सम्मानजनक समझौता नहीं करती है तो राज्यव्यापी आंदोलन प्रारंभ किया जाएगा और इस बीच सभी गैर शैक्षणिक और शैक्षणिक कार्य विवादित होंगे जिसकी पूरी जवाबदेही सरकार की होगी।
उन्होंने कहा कि सरकार ने लगभग 13 सालों से नियोजित शिक्षकों की प्रोन्नति, भविष्य निधि, पेंशन और वेतन विसंगति दूर करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है। सबसे अन्याय पूर्ण स्थिति यह है कि पटना हाई कोर्ट ने सभी नियोजित शिक्षकों को ईपीएफ का लाभ देने का निर्णय सुनाया लेकिन अब तक सरकार इसे लागू नहीं कर सकी है।


Conclusion:बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। सरकार और नियोजित शिक्षकों के बीच अगर टकराव की स्थिति होती है तो यह सरकार के लिए मुश्किल भरा हो सकता है। अब देखना है कि नीतीश सरकार शिक्षकों की शर्ते मानती है या फिर शिक्षक आंदोलन करते हैं।

अभिषेक कुमार प्रवक्ता बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ
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