पटना: बिहार के लाखों नियोजित शिक्षक पिछले कई सालों से लगातार अपनी सेवा शर्त को लेकर आंदोलन करते रहे हैं. सरकार के तमाम आश्वासनों के बावजूद अब तक नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त का मामला नहीं सुलझ पाया है. अगले साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं और इसके पहले नियोजित शिक्षकों ने सरकार को आंदोलन की चेतावनी दी है.
बड़े आंदोलन की चेतावनी
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने कहा कि बार-बार सरकार से निवेदन और पत्राचार के बावजूद नियोजित शिक्षकों की सालों पुरानी मांग अब तक पूरी नहीं की गई. हाल ही में एक बैठक के जरिए माध्यमिक शिक्षक संघ ने सरकार को अल्टीमेटम जारी कर 15 जनवरी तक का समय दिया है. 15 जनवरी तक यदि नीतीश सरकार ने नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त नहीं लागू किया, तो वे अगले विधानमंडल सत्र में राज्यव्यापी आंदोलन करेंगे. इस दौरान सभी शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक काम बंद कर दिए जाएंगे, जिसकी पूरी जवाबदेही सरकार की होगी.
'नियोजित शिक्षकों के साथ अन्याय'
अभिषेक कुमार ने कहा कि सरकार ने लगभग 13 सालों से नियोजित शिक्षकों की प्रोन्नति, भविष्य निधि, पेंशन और वेतन विसंगति दूर करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है. पटना हाईकोर्ट ने सभी नियोजित शिक्षकों को ईपीएफ का लाभ देने का निर्णय सुनाया था, लेकिन अब तक सरकार इसे भी लागू नहीं कर सकी. सरकार नियोजित शिक्षकों के साथ अन्याय कर रही है.
सरकार की बढ़ सकती है मुश्किलें
गौरतलब है कि बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे समय में यदि सरकार और नियोजित शिक्षकों के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हुई, तो यह सरकार के लिए मुश्किल भरा समय हो सकता है. अब देखना है कि नीतीश सरकार शिक्षकों की शर्तें मानती है या फिर शिक्षक आंदोलन करते हैं.
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