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दो-दो नदी पार कर जनता दरबार पहुंचे फरियादी.. फिर भी नहीं मिले CM नीतीश.. ये है इनकी मांग - Complaint about not getting old age pension from CM Nitish

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में सोमवार को छपरा के बलियाचक दियारा से कुछ लोग जनहित की मांग को लेकर पटना पहुंचे, लेकिन निबंधन नहीं होने के कारण उन्हें निराश होकर लौटना पड़ा. पढ़ें पूरी खबर...

नीतीश के जनता दरबार में शिकायत लेकर पहुंचे लोग
नीतीश के जनता दरबार में शिकायत लेकर पहुंचे लोग
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Published : Oct 4, 2021, 8:44 PM IST

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) जनता दरबार (Janta Darbar) में सोमवार को लोगों की समस्याओं को सुना. दूर-दूर से फरियादी अपनी फरियाद लेकर उनसे मिलने पहुंचे हैं, लेकिन उन्हें काफी समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में छपरा (Chapra) से आये एक शख्स और कुछ महिलाएं बड़ी मुश्किल से जनता दरबार में शिकायत लेकर पहुंची, लेकिन नीतीश कुमार से अपनी समस्याओं की गुहार नहीं लगा पाये.

इसे भी पढ़ें : जनता दरबार के बाहर पहुंची कटिहार की बाढ़ पीड़ित महिलाएं, 2003 से बेघर हैं सभी

छपरा जिले के बरियारचक दियारा से पहुंचे राजा राम राय ने बताया कि 7 शहीद में से एक राजेंद्र सिंह उन्हीं के बगल के गांव के हैं. उनके नाम पर गांव में पीपा पुल और अस्पताल बने. जिससे हम लोगों की आवाजाही में सुविधा होगी. राजा राम राय का कहना है कि 2016 से पहले जनता दरबार में बिना किसी परेशानी के हम लोग मुख्यमंत्री से मिल चुके हैं. लेकिन अब ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बारे में जानकारी नहीं थी. इसलिए हम लोग मुख्यमंत्री से अपनी समस्या की गुहार नहीं लगा पाए.

देखें वीडियो

बरियाचक दियारा निवासी राजा राम राय ने बताया कि गांव में पीपा पुल नहीं होने की वजह से दो-दो नदी पार करके शहर आना पड़ता है. वहीं छपरा से ही आए गीता देवी और उनके साथ अन्य महिलाओं ने कहा कि हमलोगों के पास राशन कार्ड नहीं हैं. विधवा पेंशन भी नहीं मिल रहा है. मुख्यमंत्री से गुहार लगाने पहुंचे हैं लेकिन ऑनलाइन निबंधन के बारे में जानकारी नहीं थी.

जनता दरबार के बाहर भी ऐसे अनेक मामले को लोग लेकर पहुंचते हैं. मुख्यमंत्री से मिलने की उम्मीद से पहुंचते हैं, लेकिन ऑनलाइन निबंधन नहीं होने की वजह से जनता दरबार के पास पहुंचकर उन्हें निराशा हाथ लगती है. क्योंकि ना तो रजिस्ट्रेशन कराया है और ना ही जनता दरबार के लिए उन्हें बुलाया गया है. ऐसे में जिला प्रशासन के लोग उन्हें लौटने की सलाह देते हैं और जब बुलाया जाएगा तभी आने की बात कहते हैं.

दरअसल, जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम प्रत्येक महीने के पहले तीन सोमवार को आयोजित होता है. एक दिन में मुख्यमंत्री कई लोगों से मिलते है और उनकी समस्याएं सुनते हैं. हर सोमवार को अलग-अलग विभाग की समस्याएं ली जाती हैं. जनता दरबार में जिस दिन जिस विभाग की समस्या सुनी जाती है, उस दिन उस विभाग के तमाम पदाधिकारी और मंत्री मौजूद रहते हैं.

यह भी पढ़ें- 'सर..हमारी नहीं.. आपकी जमीन पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा, पुलिस से है साठ-गांठ'

प्रथम सोमवार : गृह राजस्व एवं भूमि सुधार, कारा, मद्य निषेध उत्पाद निबंधन विभाग, निगरानी विभाग और खान एवं भूतत्व विभाग के मामले लिए जाएंगे.

द्वितीय सोमवार : स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, पिछड़ा अति पिछड़ा विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी, सूचना प्रावैधिकी कला संस्कृति, वित्त, श्रम संसाधन व अन्य विभाग.

तृतीय सोमवार : ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, पंचायती राज, ऊर्जा, पथ निर्माण, पीएचईडी, गन्ना विकास, सहकारिता, पशु व मत्स्य संसाधन, जल संसाधन, लघु जल संसाधन, नगर विकास, सूचना एवं जन संपर्क विभाग, वन एवं पर्यावरण, भवन निर्माण व अन्य विभाग.

जनता दरबार में कोरोना गाइडलाइन (Corona Guideline) का सख्ती से पालन किया जा रहा है. बाहर से जो भी शिकायतकर्ता जनता दरबार में आ रहे हैं, उनकी कोरोना जांच के साथ वैक्सीनेशन भी किया जा रहा है. हालांकि जनता दरबार में जहां पहले बड़ी संख्या में लोग पहुंचते थे, वहीं अब कोरोना के कारण सीमित संख्या में ही लोगों को आने की अनुमति दी जा रही है.

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) जनता दरबार (Janta Darbar) में सोमवार को लोगों की समस्याओं को सुना. दूर-दूर से फरियादी अपनी फरियाद लेकर उनसे मिलने पहुंचे हैं, लेकिन उन्हें काफी समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में छपरा (Chapra) से आये एक शख्स और कुछ महिलाएं बड़ी मुश्किल से जनता दरबार में शिकायत लेकर पहुंची, लेकिन नीतीश कुमार से अपनी समस्याओं की गुहार नहीं लगा पाये.

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छपरा जिले के बरियारचक दियारा से पहुंचे राजा राम राय ने बताया कि 7 शहीद में से एक राजेंद्र सिंह उन्हीं के बगल के गांव के हैं. उनके नाम पर गांव में पीपा पुल और अस्पताल बने. जिससे हम लोगों की आवाजाही में सुविधा होगी. राजा राम राय का कहना है कि 2016 से पहले जनता दरबार में बिना किसी परेशानी के हम लोग मुख्यमंत्री से मिल चुके हैं. लेकिन अब ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बारे में जानकारी नहीं थी. इसलिए हम लोग मुख्यमंत्री से अपनी समस्या की गुहार नहीं लगा पाए.

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बरियाचक दियारा निवासी राजा राम राय ने बताया कि गांव में पीपा पुल नहीं होने की वजह से दो-दो नदी पार करके शहर आना पड़ता है. वहीं छपरा से ही आए गीता देवी और उनके साथ अन्य महिलाओं ने कहा कि हमलोगों के पास राशन कार्ड नहीं हैं. विधवा पेंशन भी नहीं मिल रहा है. मुख्यमंत्री से गुहार लगाने पहुंचे हैं लेकिन ऑनलाइन निबंधन के बारे में जानकारी नहीं थी.

जनता दरबार के बाहर भी ऐसे अनेक मामले को लोग लेकर पहुंचते हैं. मुख्यमंत्री से मिलने की उम्मीद से पहुंचते हैं, लेकिन ऑनलाइन निबंधन नहीं होने की वजह से जनता दरबार के पास पहुंचकर उन्हें निराशा हाथ लगती है. क्योंकि ना तो रजिस्ट्रेशन कराया है और ना ही जनता दरबार के लिए उन्हें बुलाया गया है. ऐसे में जिला प्रशासन के लोग उन्हें लौटने की सलाह देते हैं और जब बुलाया जाएगा तभी आने की बात कहते हैं.

दरअसल, जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम प्रत्येक महीने के पहले तीन सोमवार को आयोजित होता है. एक दिन में मुख्यमंत्री कई लोगों से मिलते है और उनकी समस्याएं सुनते हैं. हर सोमवार को अलग-अलग विभाग की समस्याएं ली जाती हैं. जनता दरबार में जिस दिन जिस विभाग की समस्या सुनी जाती है, उस दिन उस विभाग के तमाम पदाधिकारी और मंत्री मौजूद रहते हैं.

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प्रथम सोमवार : गृह राजस्व एवं भूमि सुधार, कारा, मद्य निषेध उत्पाद निबंधन विभाग, निगरानी विभाग और खान एवं भूतत्व विभाग के मामले लिए जाएंगे.

द्वितीय सोमवार : स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, पिछड़ा अति पिछड़ा विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी, सूचना प्रावैधिकी कला संस्कृति, वित्त, श्रम संसाधन व अन्य विभाग.

तृतीय सोमवार : ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, पंचायती राज, ऊर्जा, पथ निर्माण, पीएचईडी, गन्ना विकास, सहकारिता, पशु व मत्स्य संसाधन, जल संसाधन, लघु जल संसाधन, नगर विकास, सूचना एवं जन संपर्क विभाग, वन एवं पर्यावरण, भवन निर्माण व अन्य विभाग.

जनता दरबार में कोरोना गाइडलाइन (Corona Guideline) का सख्ती से पालन किया जा रहा है. बाहर से जो भी शिकायतकर्ता जनता दरबार में आ रहे हैं, उनकी कोरोना जांच के साथ वैक्सीनेशन भी किया जा रहा है. हालांकि जनता दरबार में जहां पहले बड़ी संख्या में लोग पहुंचते थे, वहीं अब कोरोना के कारण सीमित संख्या में ही लोगों को आने की अनुमति दी जा रही है.

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