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भ्रष्टाचार के खिलाफ पोल खोलनेवाले कुलपति प्रोफेसर कुद्दुस ने दिया इस्तीफा

बिहार के मौलाना मजहरुल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद कुद्दुस ने इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कुलाधिपति सह राज्यपाल को मेल के जरिये इस्तीफा दिया है. उन्होंने इस्तीफा देने का कारण व्यक्तिगत बताया है. पढ़ें रिपोर्ट...

कुलपति प्रोफेसर कुद्दुस ने दिया इस्तीफा
कुलपति प्रोफेसर कुद्दुस ने दिया इस्तीफा
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Published : Dec 17, 2021, 10:18 PM IST

पटनाः बिहार के मौलाना मजहरुल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद कुद्दुस ने इस्तीफा (Vice Chancellor Professor Mohammad Quddus Resigned) दे दिया. उन्होंने शुक्रवार को कुलाधिपति सह राज्यपाल को अपना इस्तीफा भेजा है. राजभवन को भेजे गए मेल में उन्होंने इस्तीफे का कारण व्यक्तिगत बताया है. उत्तर पुस्तिका खरीद एवं सुरक्षा एजेंसी की नियुक्ति (Answer Book Purchase and Appointment of Security Agency) के मामले में वित्तीय अनियमितता (Corruption Cases on VC in Bihar) बरतने के आरोप समेत कई अन्य गंभीर आरोप प्रो. कुद्दुस ने विवि के तत्कालीन प्रभारी कुलपति प्रोफेसर एसपी सिंह पर लगाया था.

इसे भी पढ़ें- मधुबनी जज पर हमलाः आरोपी पुलिस अधिकारियों को भेजा गया जेल, ADJ से भी कई घंटे तक पूछताछ

प्रो. कुद्दुस ने 22 अगस्त 2021 को कुलपति का कार्यभार संभाला था. उसके बाद से ही वे वित्तीय अनियमितता का मामला उजागर कर रहे थे. विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार का मामला उजागर करते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा था. प्रोफेसर कुद्दुस के पत्र को मुख्यमंत्री ने राजभवन भेज दिया था और जांच कराने का आग्रह किया था. इस पत्र को लेकर काफी विवाद भी हुआ था.

प्रोफेसर कुद्दुस ने अरबी फारसी विश्वविद्यालय के रहे प्रभारी कुलपति प्रो. एसपी सिंह के कई निर्णय पर सवाल उठाए थे. उत्तर पुस्तिका की खरीद से लेकर सुरक्षा गार्ड एजेंसी को अधिक भुगतान मामले को उठाकर सुर्खियों में आ गए थे. लेकिन अचानक प्रोफेसर कुद्दुस के इस्तीफे से कई तरह के सवाल उठने लगे हैं.

बता दें कि प्रो. कुद्दुस ने करोड़ों रुपए के वित्तिय घोटाले का जिक्र करते हुए कुलाधिपति और मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था. पूर्ववर्ती कुलपति मोहम्मद एजाज अहमद पर उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्होंने बिना वित्तीय स्वीकृति के विश्वविद्यालय में 40 लोगों को नौकरी पर रख लिया. इसके साथ ही उन्होंने राशि को भी डायवर्ट कर वेतन मद में छह करोड़ रुपए निकालने का काम किया है. वहीं छह प्रतिशत अधिक देकर कुलपति ने ऑउटसोर्सिंग पर गार्ड रख लिए. कॉपी की छपाई की कीमत भी 07 रुपया से बढ़ाकर 16 रुपया कर दिया. ऐसे कई आरोप उन्होंने लगाए थे.

गौरतलब है कि मिथिला विवि के कुलपति प्रो. एसपी सिंह ने एमएम हक अरबी-फारसी विवि के कुलपति प्रो. कुद्दुस के खिलाफ मानहानि का दावा कर दिया था. प्रो सिंह के वकील ने प्रो. कुद्दुस को 5.10 करोड़ के मानहानि का नोटिस भेजा था. वहीं प्रो. कुद्दुस ने आरोप लगाया था कि सारे मामले सामने आने के बाद भी भ्रष्टाचारियों पर कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है. प्रो एसपी सिंह ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए प्रो. कुद्दुस को 5.10 करोड़ रुपये के मानहानि का नोटिस भेजा था.

इसे भी पढ़ें- भ्रष्टाचार के आरोपों से बिहार में गिरी कुलपति पद की गरिमा, उच्च शिक्षा पर पड़ा बुरा असर

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पटनाः बिहार के मौलाना मजहरुल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद कुद्दुस ने इस्तीफा (Vice Chancellor Professor Mohammad Quddus Resigned) दे दिया. उन्होंने शुक्रवार को कुलाधिपति सह राज्यपाल को अपना इस्तीफा भेजा है. राजभवन को भेजे गए मेल में उन्होंने इस्तीफे का कारण व्यक्तिगत बताया है. उत्तर पुस्तिका खरीद एवं सुरक्षा एजेंसी की नियुक्ति (Answer Book Purchase and Appointment of Security Agency) के मामले में वित्तीय अनियमितता (Corruption Cases on VC in Bihar) बरतने के आरोप समेत कई अन्य गंभीर आरोप प्रो. कुद्दुस ने विवि के तत्कालीन प्रभारी कुलपति प्रोफेसर एसपी सिंह पर लगाया था.

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प्रो. कुद्दुस ने 22 अगस्त 2021 को कुलपति का कार्यभार संभाला था. उसके बाद से ही वे वित्तीय अनियमितता का मामला उजागर कर रहे थे. विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार का मामला उजागर करते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा था. प्रोफेसर कुद्दुस के पत्र को मुख्यमंत्री ने राजभवन भेज दिया था और जांच कराने का आग्रह किया था. इस पत्र को लेकर काफी विवाद भी हुआ था.

प्रोफेसर कुद्दुस ने अरबी फारसी विश्वविद्यालय के रहे प्रभारी कुलपति प्रो. एसपी सिंह के कई निर्णय पर सवाल उठाए थे. उत्तर पुस्तिका की खरीद से लेकर सुरक्षा गार्ड एजेंसी को अधिक भुगतान मामले को उठाकर सुर्खियों में आ गए थे. लेकिन अचानक प्रोफेसर कुद्दुस के इस्तीफे से कई तरह के सवाल उठने लगे हैं.

बता दें कि प्रो. कुद्दुस ने करोड़ों रुपए के वित्तिय घोटाले का जिक्र करते हुए कुलाधिपति और मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था. पूर्ववर्ती कुलपति मोहम्मद एजाज अहमद पर उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्होंने बिना वित्तीय स्वीकृति के विश्वविद्यालय में 40 लोगों को नौकरी पर रख लिया. इसके साथ ही उन्होंने राशि को भी डायवर्ट कर वेतन मद में छह करोड़ रुपए निकालने का काम किया है. वहीं छह प्रतिशत अधिक देकर कुलपति ने ऑउटसोर्सिंग पर गार्ड रख लिए. कॉपी की छपाई की कीमत भी 07 रुपया से बढ़ाकर 16 रुपया कर दिया. ऐसे कई आरोप उन्होंने लगाए थे.

गौरतलब है कि मिथिला विवि के कुलपति प्रो. एसपी सिंह ने एमएम हक अरबी-फारसी विवि के कुलपति प्रो. कुद्दुस के खिलाफ मानहानि का दावा कर दिया था. प्रो सिंह के वकील ने प्रो. कुद्दुस को 5.10 करोड़ के मानहानि का नोटिस भेजा था. वहीं प्रो. कुद्दुस ने आरोप लगाया था कि सारे मामले सामने आने के बाद भी भ्रष्टाचारियों पर कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है. प्रो एसपी सिंह ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए प्रो. कुद्दुस को 5.10 करोड़ रुपये के मानहानि का नोटिस भेजा था.

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