पटना: नीतीश की उपेंद्र कुशवाहा को पार्टी में लाने की मंशा है. ऐसे में जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह का भी कहना है कि उपेंद्र कुशवाहा के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष की मुलाकात हुई है. लेकिन दोनों के बीच क्या बातचीत हुई है, उसकी जानकारी नहीं है. हालांकि बीजेपी फिलहाल इस मामले में खुलकर कुछ भी बोलने से बच रही है.
नीतीश की उपेंद्र कुशवाहा को पार्टी में लाने के पीछे की मंशा
नीतीश कुमार के मन में क्या चल रहा है यह तो पार्टी के नेता खुलकर बताने से बच रहे हैं. लेकिन जिस प्रकार से जदयू विधानसभा चुनाव में तीसरे नंबर की पार्टी बनी है. साफ है नीतीश कुमार अब लव कुश वोट को एक साथ करने के समर्थन में हैं. मुस्लिम के बड़े चेहरे को भी अपने साथ लाना चाहते हैं. फिलहाल उपेंद्र कुशवाहा के साथ तालमेल एक बार फिर बनती दिख रही है. नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा के बीच बैठक भी हो गई है और लगातार दोनों के बीच बातचीत भी हो रही है.
'नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा के बीच क्या बातचीत हुई है इसकी जानकारी नहीं है लेकिन उपेंद्र कुशवाहा जदयू में आते हैं तो प्रसन्नता होगी और यह पार्टी के लिए अच्छे संकेत भी हैं क्योंकि पहले भी उपेंद्र कुशवाहा काफी नजदीक रह चुके हैं.'- वशिष्ठ नारायण सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, जदयू
उपेंद्र कुशवाहा के जदयू के साथ करीब होते रिश्ते पर बीजेपी खुलकर बोलने से बच रही है.
![उपेंद्र कुशवाहा पर बीजेपी की प्रतिक्रिया](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/9785037_196_9785037_1607256120549.png)
'यह उन दोनों के बीच का मामला है बीजेपी का कोई लेना देना नहीं है.'- नवल यादव, बीजेपी एमएलसी
उपेंद्र कुशवाहा, नीतीश के साथ लंबे समय तक रहे हैं
उपेंद्र कुशवाहा पहले भी नीतीश कुमार के साथ रह चुके हैं. लेकिन दो बार नाराज होकर नीतीश कुमार से अलग भी हो चुके हैं. और यह तीसरी बार होगा, जब नीतीश के साथ उपेंद्र दिखेंगे. नीतीश कुमार पहले भी उपेंद्र कुशवाहा को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी दे चुके हैं और राज्यसभा भी भेज चुके हैं इस बार भी जदयू के साथ आएंगे तो उन्हें एमएलसी बना सकते हैं और फिर मंत्री भी. लेकिन जिस प्रकार से उपेंद्र कुशवाहा केंद्र सरकार के खिलाफ बयान देते रहे हैं ऐसे में यह भी देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी का रुख क्या रहता है