नई दिल्ली/पटना: केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस (Union Minister Pashupati Kumar Paras) को धमकी मिली है. इसको लेकर उन्होंने दिल्ली के पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने में एफआईआर (FIR) भी दर्ज कराई है. अपनी जान को खतरा बताते हुए उन्होंने जेड प्लस (Z+) सुरक्षा की मांग की है.
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एलजेपी नेता सह केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा कि हाल ही में संपन्न हुए बिहार दौरे के दौरान कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा मेरी सुरक्षा बाधित की गई थी. मुझे प्रदान की गई सुरक्षा इन असामाजिक तत्वों को रोकने में असमर्थ रही. सुरक्षा की दृष्टि से मेरे लिए यह असंतोषजनक स्थिति थी. इससे पहले 17 जून 2021 को भी मैं पटना गया था तो मेरे पार्टी कार्यालय में असामाजिक तत्वों द्वारा कालिख पोती गई और अभद्र व्यवहार किया गया.
पारस ने कहा कि मेरी पार्टी के प्रधान महासचिव केशव सिंह को भी 25 अगस्त को पटना में फोन पर भद्दी-भद्दी गालियां दी गई और उन्हें धमकाया गया. अनुरोध है कि केशव सिंह को भी उचित सुरक्षा दी जाए.
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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मेरे मोबाइल नंबर पर आज मुझे भद्दी-भद्दी गालियां दी गई और धमकी भी दी गई है. मैंने दिल्ली के पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई है. इससे पहले बिहार के खगड़िया स्थित मेरे गेस्ट हाउस पर डायनामाइट से भी हमला करने का प्रयास किया गया था. बिहार में मुझे वाई (Y) सिक्योरिटी पहले से मुहैया है, लेकिन हाल के कुछ महीनों में असामाजिक तत्वों के हमलों को देखते हुए यह सुरक्षा पर्याप्त नहीं है. मैं केंद्रीय गृह मंत्री से अनुरोध करता हूं कि मुझे जेड प्लस की सुरक्षा मुहैया कराई जाए. मैंने इसके लिए उनको चिट्ठी भी लिखी है.
पशुपति पारस का कहना है कि उनकी जान को खतरा है, लिहाजा उनकी सुरक्षा बढ़ाई जाए. बता दें केंद्रीय मंत्री बनने के बाद अभी पारस कुछ दिन पहले बिहार गए थे. अपने संसदीय क्षेत्र हाजीपुर में आभार यात्रा निकाल रहे थे, तभी एक महिला ने उनपर स्याही फेंक दी थी. महिला पर आरोप लग रहा है कि वह और उनके परिजन चिराग पासवान के समर्थक हैं. उधर बिहार में पशुपति पारस खेमे के नेता केशव सिंह ने चिराग पासवान गुट के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है और आरोप लगाया है कि उनको उनसे जान का खतरा है. याद दिलाएं कि एलजेपी में कुछ दिन पहले ही बड़ी टूट हुई थी. पार्टी दो खेमों में बांट गई है. एक खेमा पशुपति पारस का है और दूसरा खेमा चिराग पासवान का है. दोनों खेमा खुद को असली एलजेपी बता रहे हैं. मामला अभी चुनाव आयोग में है. पशुपति पारस और चिराग के बीच लोजपा के वर्चस्व की लड़ाई चल रही है.