पटना: राजधानी के कदम कुआं स्थित हिंदी साहित्य सम्मेलन भवन में शताब्दी सम्मान समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में पूरे भारत से हिंदी के 100 युवा साहित्यकारों को सम्मानित किया गया. केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सभी युवा साहित्यकारों को सर्टिफिकेट और प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया.
'हिंदी दिलों को जोड़ने वाली भाषा'
कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान केंद्रीय मंत्री और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हिंदी दिलों को जोड़ने वाली भाषा है. हिंदी अपनी सरलता और मिठास के कारण ही देश ही नहीं पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो रही है. उन्होंने कहा कि हम हिंदी को जितना ही सरल बनाएंगे वह उतनी ही वह लोगों के बीच स्वीकार की जाएगी.
-
अंतरराष्ट्रीय अंगदान दिवस: अबतक 400 से ज्यादा लोग कर चुके हैं अंगदान
— ETV Bharat Bihar (@etvbharatbihar) August 11, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
https://t.co/K7JNC2Sb6W
">अंतरराष्ट्रीय अंगदान दिवस: अबतक 400 से ज्यादा लोग कर चुके हैं अंगदान
— ETV Bharat Bihar (@etvbharatbihar) August 11, 2019
https://t.co/K7JNC2Sb6Wअंतरराष्ट्रीय अंगदान दिवस: अबतक 400 से ज्यादा लोग कर चुके हैं अंगदान
— ETV Bharat Bihar (@etvbharatbihar) August 11, 2019
https://t.co/K7JNC2Sb6W
देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद की आत्मकथा पढ़ने का आग्रह
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जैसे पूरी और रोटी को अंग्रेजी ने अपना लिया है वैसे ही मोबाइल, इंटरनेट जैसे शब्दों को हिंदी को अपना लेना चाहिए. रविशंकर प्रसाद ने कार्यक्रम में मौजूद देशभर से आए सभी युवा साहित्यकारों से पहले राष्ट्रपति देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद की आत्मकथा पढ़ने का आग्रह किया, जिसे डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने जेल में बैठकर हिंदी में लिखा था.
राजभाषा अधिनियम में 1967 के संशोधन को रद्द करने की मांग
इस सम्मान समारोह में हिंदी को सरकार के कामकाज की भाषा बनाने का प्रस्ताव भी पारित हुआ. केंद्रीय मंत्री को इस प्रस्ताव की जानकारी दी गई. कार्यक्रम में मौजूद हिंदी के विद्वानों ने कहा कि राजभाषा अधिनियम 1963 में साल 1967 में किया गया संशोधन हिंदी के प्रति भारी अपराध था. इसी कारण हिंदी राजभाषा घोषित किए जाने के बावजूद राजकाज की भाषा का दर्जा हासिल नहीं कर सकी. हिंदी के साहित्यकारों ने इस संशोधन को भारत सरकार तत्काल प्रभाव से रद्द करने की मांग की.