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चिराग के 'आशीर्वाद' के बाद होगा केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार? 'वेट एंड वाच' के मोड में BJP - bihar politics

जुलाई में केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार होने की बात कही जा रही है. इधर LJP में हुए विवाद ने फिलहाल विस्तार में अड़चन पैदा कर दी है. ऐसे में सबकी नजर 5 जुलाई पर है. पढ़ें इस खबर में कि 5 जुलाई पर सबकी नजर क्यों है...

Chirag Paswan Ashirwad Yatra
Chirag Paswan Ashirwad Yatra
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Published : Jun 30, 2021, 10:43 AM IST

पटना: 5 जुलाई बिहार की सियासत के लिए अहम दिन है. इस दिन आरजेडी का स्थापना दिवस है, साथ ही एलजेपी संस्थापक राम विलास पासवान ( Ram Vilas Paswan ) का जन्मदिन भी है. और इसी दिन चिराग पासवान ( Chirag Paswan Ashirwad Yatra ) अपने पिता के जयंती पर 'आशीर्वाद यात्रा' करने जा रहे हैं और इसकी शुरुआत बिहार के वैशाली से करेंगे. माना जा रहा है कि चिराग के इस यात्रा पर सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष की भी नजर है.

ये भी पढ़ें- तेजस्वी की नसीहत : चिराग गोलवलकर के विचारों के खिलाफ खड़े होकर ही अपने पिता की विरासत को बढ़ा सकते हैं

कौन किसके साथ?
जब से एलजेपी ( LJP Split ) में विवाद हुआ है, तब से सबके मन में एक ही सवाल उठ रहा है कि चिराग और पारस ( Chirag Vs Paras ) के साथ कौन है? हालांकि अभी तक खुल कर कोई भी सामने नहीं आया है लेकिन न्यौता तो दोनों को दिया जा रहा है. इन सबके बीच सबकी नजर बीजेपी पर है. अभी तक बीजेपी इस मुद्दे पर चुप है. बताया जा रहा है कि चिराग के इस यात्रा के बाद बीजेपी अपना पत्ता खोलेगी कि वो किसके साथ है.

'आशीर्वाद' के कारण नहीं होगा मंत्रिमंडल विस्तार?
एलजेपी में हुए टूट और चाचा पशुपति पारस ( Pashupati Paras ) के साथ हुए अनबन के बाद पहली बार चिराग बिहार ( Bihar News ) पहुंचेंगे. चिराग अपने पिता रामाविलास पासवान के कर्मभूमि और चाचा के संसदीय क्षेत्र हाजीपुर ( Hajipur ) से आशीर्वाद यात्रा निकालेंगे. माना जा रहा है कि चिराग के आशीर्वाद यात्रा के कारण ही बीजेपी ने 5 जुलाई तक केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार कुछ दिनों के लिए टाल दिया है. क्योंकि बीजेपी भी देखना चाहती है कि चिराग में रामविलास वाली बात है कि नहीं.

ये भी पढ़ें- LJP में टूट के बाद यूं ही नहीं हो रही 'दलित पॉलिटिक्स' पर बहस, सत्ता के लिए जरूरी है इस वोट बैंक पर मजबूत पकड़

5 जुलाई तक चुनाव आयोग का फैसला!
जानकार बताते हैं कि चिराग पासवान का राजनीतिक भविष्य इस यात्रा से ही तय होगा. यही कारण है कि चिराग के साथ उनके समर्थक भी अपनी पूरी ताकत लगा दिया है. बीजेपी समेत बिहार के सभी राजनीतिक दलों की नजर इस यात्रा पर है. खबर ये भी है कि चाच-भतीजा पार्टी को लेकर जो विवाद चल रहा है, उस पर चुनाव आयोग भी 5 जुलाई के आसपास फैसला सुनाएगी.

पीएम मोदी के 'खास' से चिराग कर चुके हैं मुलाकात
इधर, एलजपी नेता चिराग पासवान बदले सियासी हालात में आशीर्वाद यात्रा निकालने से पहले पीएम मोदी के एक करीबी नेता से अहमदाबाद में मुलाकात किया है. बिहार आने से पहले मोदी के खास से मुलाकात को सियासी पंडित गंभीरता से ले रहे हैं. खबरों के अनुसार, चिराग ने साफ कर दिया है अगर उन्हें सपोर्ट नहीं मिलता है तो वे अपने रुख पर पुनर्विचार करेंगे.

ये भी पढ़ें- अहमदाबाद में भाजपा के वरिष्ठ नेता से मिले चिराग? LJP नेता ने बताया निजी दौरा

वेट एंड वाच के मोड में BJP
गौरतलब है कि चिराग पासवान 5 जुलाई को पिता रामविलास पासवान की जयंती के अवसर पर हाजीपुर से 'आशीर्वाद यात्रा' शुरू करने जा रहे हैं. एक तरह से कहा जाय तो वे 'शक्ति परीक्षण' करने जा रहे हैं. यही कारण है कि बीजेपी के साथ-साथ अन्य पार्टी पूरी तरह 'वेट एंड वाच' के मोड में है. अगर उस दिन सब ठीक रहा तो आगे बिहार की सियासत बदली-बदली नजर आएगी.

अब तक LJP में क्या हुआ है
एलजेपी में पारस गुट की तरफ से बगावत के बाद चिराग पासवान की LJP की तरफ से पारस गुट से जुड़े सांसदों को बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है, लेकिन एलजेपी पर पारस गुट ने भी अपना दावा कर दिया है. इससे पहले एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान चुनाव आयोग में पारस गुट के खिलाफ शिकायत कर चुके हैं. इसके अलावा चिराग ने लोकसभा स्पीकर से भी मुलाकात कर खुद की पार्टी का पक्ष और पारस गुट की शिकायत की. साथ ही स्पीकर से अनुरोध किया कि पशुपति पारस को लोकसभा में एलजेपी संसदीय दल का नेता बनाये जाने के फैसले की समीक्षा करें, क्योंकि ये पार्टी संविधान के खिलाफ है.

पटना: 5 जुलाई बिहार की सियासत के लिए अहम दिन है. इस दिन आरजेडी का स्थापना दिवस है, साथ ही एलजेपी संस्थापक राम विलास पासवान ( Ram Vilas Paswan ) का जन्मदिन भी है. और इसी दिन चिराग पासवान ( Chirag Paswan Ashirwad Yatra ) अपने पिता के जयंती पर 'आशीर्वाद यात्रा' करने जा रहे हैं और इसकी शुरुआत बिहार के वैशाली से करेंगे. माना जा रहा है कि चिराग के इस यात्रा पर सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष की भी नजर है.

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कौन किसके साथ?
जब से एलजेपी ( LJP Split ) में विवाद हुआ है, तब से सबके मन में एक ही सवाल उठ रहा है कि चिराग और पारस ( Chirag Vs Paras ) के साथ कौन है? हालांकि अभी तक खुल कर कोई भी सामने नहीं आया है लेकिन न्यौता तो दोनों को दिया जा रहा है. इन सबके बीच सबकी नजर बीजेपी पर है. अभी तक बीजेपी इस मुद्दे पर चुप है. बताया जा रहा है कि चिराग के इस यात्रा के बाद बीजेपी अपना पत्ता खोलेगी कि वो किसके साथ है.

'आशीर्वाद' के कारण नहीं होगा मंत्रिमंडल विस्तार?
एलजेपी में हुए टूट और चाचा पशुपति पारस ( Pashupati Paras ) के साथ हुए अनबन के बाद पहली बार चिराग बिहार ( Bihar News ) पहुंचेंगे. चिराग अपने पिता रामाविलास पासवान के कर्मभूमि और चाचा के संसदीय क्षेत्र हाजीपुर ( Hajipur ) से आशीर्वाद यात्रा निकालेंगे. माना जा रहा है कि चिराग के आशीर्वाद यात्रा के कारण ही बीजेपी ने 5 जुलाई तक केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार कुछ दिनों के लिए टाल दिया है. क्योंकि बीजेपी भी देखना चाहती है कि चिराग में रामविलास वाली बात है कि नहीं.

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5 जुलाई तक चुनाव आयोग का फैसला!
जानकार बताते हैं कि चिराग पासवान का राजनीतिक भविष्य इस यात्रा से ही तय होगा. यही कारण है कि चिराग के साथ उनके समर्थक भी अपनी पूरी ताकत लगा दिया है. बीजेपी समेत बिहार के सभी राजनीतिक दलों की नजर इस यात्रा पर है. खबर ये भी है कि चाच-भतीजा पार्टी को लेकर जो विवाद चल रहा है, उस पर चुनाव आयोग भी 5 जुलाई के आसपास फैसला सुनाएगी.

पीएम मोदी के 'खास' से चिराग कर चुके हैं मुलाकात
इधर, एलजपी नेता चिराग पासवान बदले सियासी हालात में आशीर्वाद यात्रा निकालने से पहले पीएम मोदी के एक करीबी नेता से अहमदाबाद में मुलाकात किया है. बिहार आने से पहले मोदी के खास से मुलाकात को सियासी पंडित गंभीरता से ले रहे हैं. खबरों के अनुसार, चिराग ने साफ कर दिया है अगर उन्हें सपोर्ट नहीं मिलता है तो वे अपने रुख पर पुनर्विचार करेंगे.

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वेट एंड वाच के मोड में BJP
गौरतलब है कि चिराग पासवान 5 जुलाई को पिता रामविलास पासवान की जयंती के अवसर पर हाजीपुर से 'आशीर्वाद यात्रा' शुरू करने जा रहे हैं. एक तरह से कहा जाय तो वे 'शक्ति परीक्षण' करने जा रहे हैं. यही कारण है कि बीजेपी के साथ-साथ अन्य पार्टी पूरी तरह 'वेट एंड वाच' के मोड में है. अगर उस दिन सब ठीक रहा तो आगे बिहार की सियासत बदली-बदली नजर आएगी.

अब तक LJP में क्या हुआ है
एलजेपी में पारस गुट की तरफ से बगावत के बाद चिराग पासवान की LJP की तरफ से पारस गुट से जुड़े सांसदों को बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है, लेकिन एलजेपी पर पारस गुट ने भी अपना दावा कर दिया है. इससे पहले एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान चुनाव आयोग में पारस गुट के खिलाफ शिकायत कर चुके हैं. इसके अलावा चिराग ने लोकसभा स्पीकर से भी मुलाकात कर खुद की पार्टी का पक्ष और पारस गुट की शिकायत की. साथ ही स्पीकर से अनुरोध किया कि पशुपति पारस को लोकसभा में एलजेपी संसदीय दल का नेता बनाये जाने के फैसले की समीक्षा करें, क्योंकि ये पार्टी संविधान के खिलाफ है.

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