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पटना विश्वविद्यालय के सीनेट की बैठक में दी गई वशिष्ठ नारायण सिंह को श्रद्धांजलि - वशिष्ठ नारायण सिंह

महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण के निधन पर पटना विवि के कुलपति रास बिहारी सिंह ने शोक जताया. उन्होंने कहा कि वशिष्ठ नारायण की याद में यूनिवर्सिटी में एक चेयर के निर्माण का निर्णय लिया जाएगा.

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Published : Nov 14, 2019, 7:13 PM IST

पटना: महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का पीएमसीएच में निधन हो गया. पटना यूनिवर्सिटी में सीनेट की बैठक में उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई. यूनिवर्सिटी के कुलपति रास बिहारी सिंह ने शोक जताते हुए इसे यूनिवर्सिटी के लिए अपूरणीय क्षति बताया है.

'छात्रों को उनके जीवन से मिले सीखने का मौका'
पटना विश्वविद्यालय के कुलपति रास बिहारी सिंह ने कहा कि जल्द ही वशिष्ठ नारायण की याद में यूनिवर्सिटी में एक चेयर के निर्माण का निर्णय लिया जाएगा. इससे विज्ञान के छात्रों को उनके जीवन से कुछ सीखने का मौका मिलेगा. उन्होंने कहा कि वह इस बात को लेकर एसोसिएशन में भी चर्चा करेंगे, ताकि आने वाले समय में यूनिवर्सिटी के छात्रों को उनके जीवन के बारे में जानने का मौका मिले.

वशिष्ठ नारायण के बारे में जानकारी देते पटना विवि के कुलपति

आइंस्टीन को दी थी चुनौती
बता दें कि डॉ. वशिष्ठ नारायण सिंह ने आइंस्टीन के सिद्धांत (E = mc2) और गौस की थ्योरी, जो गणित में रेयरेस्ट जीनियस कहा जाता है, उसको चैलेंज किया था. कहा जाता है कि एक बार अपोलो मिशन के समय, डॉक्टर वशिष्ठ नारायण सिंह नासा में थे. वहां अचानक कम्प्यूटर में खराबी आई तो उन्होंने अपनी उंगलियों से ही गिनना शुरू कर दिया और उनकी गिनती सही साबित हुई थी.

पटना: महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का पीएमसीएच में निधन हो गया. पटना यूनिवर्सिटी में सीनेट की बैठक में उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई. यूनिवर्सिटी के कुलपति रास बिहारी सिंह ने शोक जताते हुए इसे यूनिवर्सिटी के लिए अपूरणीय क्षति बताया है.

'छात्रों को उनके जीवन से मिले सीखने का मौका'
पटना विश्वविद्यालय के कुलपति रास बिहारी सिंह ने कहा कि जल्द ही वशिष्ठ नारायण की याद में यूनिवर्सिटी में एक चेयर के निर्माण का निर्णय लिया जाएगा. इससे विज्ञान के छात्रों को उनके जीवन से कुछ सीखने का मौका मिलेगा. उन्होंने कहा कि वह इस बात को लेकर एसोसिएशन में भी चर्चा करेंगे, ताकि आने वाले समय में यूनिवर्सिटी के छात्रों को उनके जीवन के बारे में जानने का मौका मिले.

वशिष्ठ नारायण के बारे में जानकारी देते पटना विवि के कुलपति

आइंस्टीन को दी थी चुनौती
बता दें कि डॉ. वशिष्ठ नारायण सिंह ने आइंस्टीन के सिद्धांत (E = mc2) और गौस की थ्योरी, जो गणित में रेयरेस्ट जीनियस कहा जाता है, उसको चैलेंज किया था. कहा जाता है कि एक बार अपोलो मिशन के समय, डॉक्टर वशिष्ठ नारायण सिंह नासा में थे. वहां अचानक कम्प्यूटर में खराबी आई तो उन्होंने अपनी उंगलियों से ही गिनना शुरू कर दिया और उनकी गिनती सही साबित हुई थी.

Intro:पटना विश्वविद्यालय के सीनेट की बैठक में दी गई वशिष्ठ नारायण सिंह को श्रद्धांजलि ।
पटना यूनिवर्सिटी के कुलपति रास बिहारी सिंह ने कहा कि यह पटना विश्वविद्यालय के लिए बहुत बड़ा नुकसान है जिसकी भरपाई नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि हम उनके लिए क्या कर सकते हैं यह बहुत जल्द हम लोग निर्णय लेंगे, ताकि विज्ञान के छात्रों को उनके जीवन से सीखने का मौका मिले।


Body:पटना विश्वविद्यालय के कुलपति रास बिहारी सिंह ने कहा कि छात्रों को वशिष्ठ नारायण सिंह के बारे में जानने का मौका मिले और उनसे व्वे सीख ले इसके लिए हम प्रयास करेंगे कि उनके नाम पर पटना विश्वविद्यालय में एक चेयर हो। रास बिहारी सिंह ने कहा कि वे इस बात को लेकर अली मिनी एसोसिएशन में भी चर्चा करेंगे कि वशिष्ठ नारायण सिंह को पटना विश्वविद्यालय के छात्र के रूप में किस तरह आगे आने वाले छात्र उनके जीवन से सीख ले यह योजना तैयार की जाएगी।


Conclusion:रास बिहारी सिंह कुलपति पटना विश्वविद्यालय
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