पटना: राजधानी पटना सहित बिहार के कई क्षेत्रों में गुरुवार को मकर संक्रांति के मौके पर गंगा समेत कई नदियों, जलाशयों में हजारों लोगों ने डुबकी लगाई. इस मौके पर श्रद्धालु गंगा स्नान के बाद दान-पुण्य करने लगे.
पटना में गंगा स्नान के लिए लोग तड़के ही गंगा तट पर जुट गए थे. पटना में कोहरा रहने के बावजूद लोग गंगा के विभिन्न घाटों पर स्नान करने पहुंचे. ऐसी मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन गंगा में स्नान करने और गंगा तट पर तिल का दान करने से सारे पाप कट जाते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.
पटना में गंगा घाटों पर उमड़ी भीड़
मकर संक्रांति के मौके पर पटना सिटी के कई गंगा घाटों पर गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई. ठंढ और कोहरे को लेकर गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में इस बार कुछ कमी देखी गयी. पटना सिटी के गायघाट, कंगनघाट पर श्रधालुओं का नजारा देखते ही बन रहा था.
ठंड का दिखा असर
खगड़िया जिले के गंगा नदी घाटों पर मकर संक्रांति के मौके पर आज सुबह से स्नान करने के लिए श्रधालु पहुंचने लगे. पछुआ हवा और भीषण ठंढ का असर गंगा स्नान पर भी दिखा. काफी कम संख्या में लोग नदी में डुबकी लगाने के लिए पहुंचे. वहीं एसडीआरएफ की टीम लगातार गंगा नदी में गस्त करती रही. श्रधालु परवत्ता के अगुआनी गंगा घाट, गोगरी घाट और मानसी के एकनिया घाट और शहर के कई घाट पर श्रद्धालु गंगा स्नान किए.
क्या कहते हैं पंडित
विद्वानों के मुताबिक इसी दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में जाते हैं और दक्षिणायन से उत्तरायण हो जाते हैं. पंडितों का कहना है कि सूर्य के धनु से मकर राशि में जाने से 'खरमास' भी समाप्त हो जाता है और शुभ कार्य प्रारंभ हो जाते हैं.
मकर संक्रांति के दिन चूड़ा-दही तथा तिलकुट खाने की भी परंपरा है. इस दिन तिल खाने और तिल दान में देने को भी शुभ माना जाता है.
मकर संक्रांति के मौके पर बक्सर, वैशाली, भागलपुर, भोजपुर, बेगूसराय समेत कई क्षेत्रों में भी लोगों ने नदियों व जलाशयों में डूबकी लगााई. लोग मंदिरों में भी पहुंचकर पूजा अर्चना कर रहे हैं और दान-पुण्य कर रहे हंै. इस कारण मंदिरों में भारी भीड़ देखी जा रही है.