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बच्चों को कैसे बचाएं कोरोना की तीसरी लहर से ...डॉक्टर से जानिए

पूरे देश में कोरोना की तीसरी लहर (third wave of corona) तेज हो गई है. बिहार में इसके मामले बढ़ रहे हैं. बच्चों में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर अभिभावक चिंतित हैं. चिकित्सा जगत के विशेषज्ञों का कहना है कि इसको लेकर घबराने की जरुरत नहीं है. पढ़ें पूरी खबर.

जयप्रभा मेदांता के डायरेक्टर डॉ अरुण कुमार
जयप्रभा मेदांता के डायरेक्टर डॉ अरुण कुमार
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Published : Dec 29, 2021, 6:57 PM IST

पटनाः कोविड-19 संक्रमण के नए वैरिएंट ओमीक्रोन के खतरे (Omicron In Bihar) के बीच बिहार में कोरोना की रफ्तार तेज (Increasing Corona Cases in Bihar) हो गई है. इस बार बच्चों में संक्रमण के मामले काफी देखने को मिल रहे हैं. ऐसे में जिन घरों में बच्चे रहते हैं, वहां अभिभावक चिंतित हैं कि कहीं कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का बुरा असर बच्चों पर ना हो जाए. इस धारणा को लेकर चिकित्सा जगत के विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों का इम्यून सिस्टम काफी मजबूत होता है. बच्चों में कोरोना की तीसरी लहर (Coronas Third Wave Effect on Children in Bihar) के प्रभाव को लेकर घबराने की नहीं जरूरत है. लेकिन कोरोना से बचाव के लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी है.


इन्हें भी पढ़ें-बिहार में कोरोना के मामलों में इजाफा, ओमीक्रोन के बढ़ते खतरे के बीच विभाग ने की 6 टीमें गठित

पटना स्थित जय प्रभा मेदांता सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. अरुण कुमार ने बच्चों पर कोरोना की तीसरी लहर के प्रभाव को लेकर लोगों से सतर्क रहने की अपील की. उन्होंने कहा कि सभी पहले से जानते हैं कि बरसात के मौसम में और ठंड के मौसम में आमतौर पर बच्चों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. खासकर चेस्ट इन्फेक्शन का खतरा अधिक बढ़ता है. ऐसे में इससे बचाव के लिए जो पुराने तरीके हैं, वह अपनाना चाहिए. जैसे कि ठंड के मौसम में बच्चों को गर्म कपड़े पहनाएं, बच्चों के खान-पान पर ध्यान दें, पोषण युक्त भोजन दें, भीड़-भाड़ वाली जगह पर बच्चों को ना जाने दें.

जानिए बच्चों को कोरोना की तीसरी लहर से कैसे बचाएं

डॉ. अरुण कुमार ने आगे कहा कि अगर बच्चों को सर्दी खांसी और बुखार है तो अभिभावक देर ना करें. अविलंब शिशु रोग विशेषज्ञ से दिखाएं. चिकित्सीय परामर्श के अनुसार ही दवाइयों का प्रयोग करें. बहुत घबराने की आवश्यकता नहीं, सही समय पर इलाज होगा तो बच्चे स्वस्थ होंगे.

इन्हें भी पढ़ें-ओमीक्रोन को लेकर IMA की सलाह: डरने की जरूरत नहीं, मास्क और हैंड सैनिटाइजर का करते रहे प्रयोग

डॉ. अरुण कुमार ने आगे कहा कि कई लोग वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने के बाद बेफिक्र हो गए हैं. कोरोना गाइडलाइन्स का पालन नहीं कर रहे हैं. यह गलत है. वैक्सीन सिर्फ संक्रमण की गंभीरता को शरीर में कम करता है. यह संक्रमण से पूर्ण बचाव नहीं देता है. उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि मैंने वैक्सीन का दोनों डोज लिया था और इसके बावजूद वह संक्रमित हुआ था. उनके जैसे ऐसे बहुतेरे उदाहरण हैं. इसलिए बेफिक्र होने की जरूरत नहीं है.

उन्होंने कहा कि वैक्सीन की दोनों खुराक लगवाने के बावजूद कोरोना से बचाव के जो नियम हैं, उसे गंभीरता से पालन करें. घर से बाहर निकलते हैं तो चेहरे पर मास्क का प्रयोग करें और नियमित अंतराल पर हैंड वॉश करते रहें. इसके अलावा भीड़-भाड़ वाली जगह पर ना जाएं. उन्होंने कहा कि यह नियम हमें अभी आने वाले कई वर्षों तक अपनाने होंगे, क्योंकि कोरोना इतनी जल्दी जाने वाला नहीं है.

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पटनाः कोविड-19 संक्रमण के नए वैरिएंट ओमीक्रोन के खतरे (Omicron In Bihar) के बीच बिहार में कोरोना की रफ्तार तेज (Increasing Corona Cases in Bihar) हो गई है. इस बार बच्चों में संक्रमण के मामले काफी देखने को मिल रहे हैं. ऐसे में जिन घरों में बच्चे रहते हैं, वहां अभिभावक चिंतित हैं कि कहीं कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का बुरा असर बच्चों पर ना हो जाए. इस धारणा को लेकर चिकित्सा जगत के विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों का इम्यून सिस्टम काफी मजबूत होता है. बच्चों में कोरोना की तीसरी लहर (Coronas Third Wave Effect on Children in Bihar) के प्रभाव को लेकर घबराने की नहीं जरूरत है. लेकिन कोरोना से बचाव के लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी है.


इन्हें भी पढ़ें-बिहार में कोरोना के मामलों में इजाफा, ओमीक्रोन के बढ़ते खतरे के बीच विभाग ने की 6 टीमें गठित

पटना स्थित जय प्रभा मेदांता सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. अरुण कुमार ने बच्चों पर कोरोना की तीसरी लहर के प्रभाव को लेकर लोगों से सतर्क रहने की अपील की. उन्होंने कहा कि सभी पहले से जानते हैं कि बरसात के मौसम में और ठंड के मौसम में आमतौर पर बच्चों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. खासकर चेस्ट इन्फेक्शन का खतरा अधिक बढ़ता है. ऐसे में इससे बचाव के लिए जो पुराने तरीके हैं, वह अपनाना चाहिए. जैसे कि ठंड के मौसम में बच्चों को गर्म कपड़े पहनाएं, बच्चों के खान-पान पर ध्यान दें, पोषण युक्त भोजन दें, भीड़-भाड़ वाली जगह पर बच्चों को ना जाने दें.

जानिए बच्चों को कोरोना की तीसरी लहर से कैसे बचाएं

डॉ. अरुण कुमार ने आगे कहा कि अगर बच्चों को सर्दी खांसी और बुखार है तो अभिभावक देर ना करें. अविलंब शिशु रोग विशेषज्ञ से दिखाएं. चिकित्सीय परामर्श के अनुसार ही दवाइयों का प्रयोग करें. बहुत घबराने की आवश्यकता नहीं, सही समय पर इलाज होगा तो बच्चे स्वस्थ होंगे.

इन्हें भी पढ़ें-ओमीक्रोन को लेकर IMA की सलाह: डरने की जरूरत नहीं, मास्क और हैंड सैनिटाइजर का करते रहे प्रयोग

डॉ. अरुण कुमार ने आगे कहा कि कई लोग वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने के बाद बेफिक्र हो गए हैं. कोरोना गाइडलाइन्स का पालन नहीं कर रहे हैं. यह गलत है. वैक्सीन सिर्फ संक्रमण की गंभीरता को शरीर में कम करता है. यह संक्रमण से पूर्ण बचाव नहीं देता है. उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि मैंने वैक्सीन का दोनों डोज लिया था और इसके बावजूद वह संक्रमित हुआ था. उनके जैसे ऐसे बहुतेरे उदाहरण हैं. इसलिए बेफिक्र होने की जरूरत नहीं है.

उन्होंने कहा कि वैक्सीन की दोनों खुराक लगवाने के बावजूद कोरोना से बचाव के जो नियम हैं, उसे गंभीरता से पालन करें. घर से बाहर निकलते हैं तो चेहरे पर मास्क का प्रयोग करें और नियमित अंतराल पर हैंड वॉश करते रहें. इसके अलावा भीड़-भाड़ वाली जगह पर ना जाएं. उन्होंने कहा कि यह नियम हमें अभी आने वाले कई वर्षों तक अपनाने होंगे, क्योंकि कोरोना इतनी जल्दी जाने वाला नहीं है.

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