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पटना ODF घोषित होने के बावजूद सैकड़ों बस्ती में नहीं है शौचालय, खुले में शौच जाने को मजबूर हैं ग्रामीण

लोहिया स्वच्छता अभियान (Lohiya Swachhta Abhiyan Bihar) के तहत खुले में शौच मुक्त के दावे मसौढ़ी में फेल नजर आ रहा है. एक तरफ सरकार ने पूरे पटना जिला को ओडीएफ घोषित कर दिया है. लेकिन पटना से सटे ग्रामीण इलाकों (Rural Areas of Patna) में हालात यह है कि आज भी घरों में शौचालय नहीं है.

खुले में शौच जाने को मजबूर हैं ग्रामीण
खुले में शौच जाने को मजबूर हैं ग्रामीण
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Published : Feb 26, 2022, 4:50 PM IST

पटना: राजधानी पटना खुले में शौच मुक्त (Patna Open Defecation Free) के सरकार के दावे पूरी तरह से फेल नजर आ रहा है. लोहिया स्वच्छता अभियान के तहत गांव-गांव में घर-घर शौचालय देने के साथ ही पूरे पटना जिला को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है. लेकिन इसकी जमीनी हकीकत अगर देखनी हो तो पटना के ग्रामीण इलाके मसौढ़ी को देख लें. जहां पर आज भी सैकड़ों ऐसी बस्ती हैं जहां पर शौचालय नहीं (There is no Toilet in Rural Areas of Patna) हैं. लोग आज भी खुले में शौच जाने को मजबूर हैं.

ये भी पढ़ें- पटनासिटी: पांच दिन से लापता युवक का कुएं से मिला शव, परिजनों ने जताई हत्या की आशंका

लगातार शौचालय बनवाने की मांग को लेकर अब यहां के लोगों के बीच आक्रोश पनप रहा है. लोगों का गुस्सा चरम पर दिख रहा है और अब लोग उग्र आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं. मसौढ़ी प्रखंड के लखनौर बेदौलीली पंचायत के चेथौल पोखर गांव में लगभग 400 से अधिक आबादी वाला गांव है. जहां पर एक भी घर में शौचालय नहीं है. जिसके चलते लोग मजबूरन खुले में शौच जाने को विवश हैं. रात के अंधेरे में तो किसी तरह से लोग चले जाते हैं लेकिन दिन के उजाले में बहुत तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

चेथौल पोखर के सुनीता कुमारी, देवमणि देवी, राजमती देवी, सुरेश मांझी, मनोहर मांझी आदि लोगों ने कहा कि लगातार प्रखंड मुख्यालय के चक्कर काट-काट कर परेशान हैं लेकिन अभी तक हमारे घरों में शौचालय नहीं बना है. लोग शौचालय बनवाने के नाम पर पैसा मांगते हैं. मसौढ़ी प्रखंड के प्रखंड समन्वयक अभय कुमार ने बताया कि सरकार ने वैसे महादलित बस्ती जिसके पास जमीन नहीं है. कम्युनिटी शौचालय बनाने का निर्देश मिला है. जगह-जगह चिन्हित कर शौचालय बनाए जाएंगे.

इस संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी अमरेश कुमार ने कहा कि वैसे गांवों को चिन्हित किया जा रहा है जहां पर शौचालय नहीं बना है. वहां कम्युनिटी शौचालय बनाने का निर्देश दिए गए हैं. गौरतलब है कि राजधानी पटना के ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लोगों को खुले में शौच जाना पड़ता है, हालांकि फाइलों में पटना जिले को खुले में शौच मुक्त जिला (ODF) घोषित कर दिया गया है. लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि, पटना के ग्रामीण इलाकों में कई ऐसे महादलित टोले हैं, जहां आज तक शौचालय नहीं बना है. आज भी लोग खुले में शौच जाने को विवश हैं.

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पटना: राजधानी पटना खुले में शौच मुक्त (Patna Open Defecation Free) के सरकार के दावे पूरी तरह से फेल नजर आ रहा है. लोहिया स्वच्छता अभियान के तहत गांव-गांव में घर-घर शौचालय देने के साथ ही पूरे पटना जिला को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है. लेकिन इसकी जमीनी हकीकत अगर देखनी हो तो पटना के ग्रामीण इलाके मसौढ़ी को देख लें. जहां पर आज भी सैकड़ों ऐसी बस्ती हैं जहां पर शौचालय नहीं (There is no Toilet in Rural Areas of Patna) हैं. लोग आज भी खुले में शौच जाने को मजबूर हैं.

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लगातार शौचालय बनवाने की मांग को लेकर अब यहां के लोगों के बीच आक्रोश पनप रहा है. लोगों का गुस्सा चरम पर दिख रहा है और अब लोग उग्र आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं. मसौढ़ी प्रखंड के लखनौर बेदौलीली पंचायत के चेथौल पोखर गांव में लगभग 400 से अधिक आबादी वाला गांव है. जहां पर एक भी घर में शौचालय नहीं है. जिसके चलते लोग मजबूरन खुले में शौच जाने को विवश हैं. रात के अंधेरे में तो किसी तरह से लोग चले जाते हैं लेकिन दिन के उजाले में बहुत तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

चेथौल पोखर के सुनीता कुमारी, देवमणि देवी, राजमती देवी, सुरेश मांझी, मनोहर मांझी आदि लोगों ने कहा कि लगातार प्रखंड मुख्यालय के चक्कर काट-काट कर परेशान हैं लेकिन अभी तक हमारे घरों में शौचालय नहीं बना है. लोग शौचालय बनवाने के नाम पर पैसा मांगते हैं. मसौढ़ी प्रखंड के प्रखंड समन्वयक अभय कुमार ने बताया कि सरकार ने वैसे महादलित बस्ती जिसके पास जमीन नहीं है. कम्युनिटी शौचालय बनाने का निर्देश मिला है. जगह-जगह चिन्हित कर शौचालय बनाए जाएंगे.

इस संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी अमरेश कुमार ने कहा कि वैसे गांवों को चिन्हित किया जा रहा है जहां पर शौचालय नहीं बना है. वहां कम्युनिटी शौचालय बनाने का निर्देश दिए गए हैं. गौरतलब है कि राजधानी पटना के ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लोगों को खुले में शौच जाना पड़ता है, हालांकि फाइलों में पटना जिले को खुले में शौच मुक्त जिला (ODF) घोषित कर दिया गया है. लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि, पटना के ग्रामीण इलाकों में कई ऐसे महादलित टोले हैं, जहां आज तक शौचालय नहीं बना है. आज भी लोग खुले में शौच जाने को विवश हैं.

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