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बोले तेजस्वी यादव- 'सरकार लगवाए रघुवंश-रामविलास की प्रतिमा, जयंती पर हो राजकीय समारोह का आयोजन'

राजद के कद्दावर नेता डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह (Raghuvansh Prasad Singh) की आज पहली पुण्यतिथि है. इस मौके पर वैशाली और मुजफ्फरपुर में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है. इसमें नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी शामिल होंगे. इस दौरान तेजस्वी ने रामविलास पासवान और रघुवंश प्रसाद सिंह दोनों की प्रतिमा लगवाने की सरकार से मांग की. पढ़िए पूरी खबर-

first death anniversary of raghuvansh prasad
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Published : Sep 13, 2021, 3:26 PM IST

Updated : Sep 13, 2021, 4:15 PM IST

पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री व राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह (Raghuvansh Prasad Singh) की सोमवार को पहली पुण्यतिथि (First Death Anniversary) है. इसको लेकर वैशाली, मुजफ्फरपुर में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है. कार्यक्रम में शामिल होने के लिए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) भी अपने आवास से रवाना हुए. इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बात की और एक बार फिर से महंगाई के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा. साथ ही उन्होंने सरकार से मांग की है कि रामविलास पासवान और रघुवंश प्रसाद सिंह दोनों की प्रतिमा लगवाई जाए.

यह भी पढ़ें- रघुवंश सिंह की राह पर जगदानंद, RJD में फिर दोहराई जाएगी 'एक लोटा पानी' वाली कहानी?

इस दौरान तेजस्वी यादव ने कहा कि रामविलास पासवान और रघुवंश प्रसाद सिंह दो नेता की प्रतिमा को लगाने की मांग हमने वर्तमान सरकार से की है. सरकार को इस मांग पर ध्यान देना चाहिए.

देखें वीडियो

रामविलास पासवान और रघुवंश प्रसाद सिंह दोनों लोगों की प्रतिमा सरकार को लगानी चाहिए. इन दोनों नेताओं की जयंती के अवसर पर राजकीय समारोह का भी आयोजन करने की भी हम वर्तमान सरकार से मांग करते हैं. रघुवंश प्रसाद सिंह जी के बेटे आये थे आज उसी कार्यक्रम में हम जा रहे हैं.- तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष

इस दौरान नेता प्रतिपक्ष ने डीजल पेट्रोल के बढ़ते मूल्य को लेकर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि बीजेपी को पहले मंहगाई डायन लगती थी. अब वही मंहगाई भौजाई लगने लगी है. आम जनता बढ़ती मंहगाई से तंग है और वर्तमान सरकार को इसकी कोई परवाह नहीं है. सरकार में बैठे लोग बिहार में आकर कुछ से कुछ बयान देते हैं. जनता देख रही है किस तरह ये काम कर रहे हैं और पूंजीपतियों का साथ दे रहे हैं.

बता दें कि डॉक्टर रघुवंश प्रसाद का जन्म 6 जून 1946 को वैशाली जिले के शाहपुर गांव में हुआ था. उन्होंने एलएस कॉलेज और राजेंद्र कॉलेज से उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद गणित विषय से पीएचडी की डिग्री ली. उसके बाद उन्होंने 1969 से 1974 तक सीतामढ़ी के गोयनका कॉलेज में प्रोफेसर के पद पर रहते हुए गणित पढ़ाया. पहली बार शिक्षक आंदोलन के दौरान 1970 में जेल गए और पहली बार 1977 में सीतामढ़ी के बेलसंड विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने.

वे बेलसंड विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक चुने गए. कर्पूरी ठाकुर की सरकार में उन्हें बिजली मंत्री का पद मिला. 1994 से 1995 तक विधान परिषद में कार्यकारी सभापति रहे. 1995 से 1996 तक राज्य सरकार में आपदा, बिजली और पुनर्वास विभाग के मंत्री रहे. 1996 में वैशाली से लोकसभा चुनाव जीते और 1998 तक राज्य मंत्री के पद पर रहे. 1998 में दोबारा और 1999 में तीसरी बार सांसद चुने गए. 2004 में चौथी बार रघुवंश प्रसाद लोकसभा पहुंचे और 5 साल ग्रामीण विकास मंत्री रहे. 2009 में 15वीं लोकसभा के लिए वैशाली से पांचवीं बार सांसद चुने गए.

इस तरह रघुवंश बाबू 5 बार वैशाली से सांसद रह चुके थे. मंत्री रहते हुए वे वैशाली के विकास के लिए हमेशा आवाज उठाते रहे. उन्होंने अपने अंतिम समय में भी बिहार सरकार पत्र लिखकर वैशाली में 15 अगस्त और 26 जनवरी को सीएम के द्वारा झंडोत्तोलन की इच्छा जाहिर की थी. वहीं, लॉकडाउन के दौरान उन्होंने खेती किसानी को मनरेगा के दायरे में लाने की मांग की थी.

यह भी पढ़ें- आज रघुवंश प्रसाद सिंह की पहली पुण्यतिथि, मुजफ्फरपुर में श्रद्धांजलि देंगे तेजस्वी

यह भी पढ़ें- RJD के दिवंगत नेता रघुवंश प्रसाद सिंह के बेटे JDU में हुए शामिल, नीतीश कुमार का बड़ा दांव

पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री व राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह (Raghuvansh Prasad Singh) की सोमवार को पहली पुण्यतिथि (First Death Anniversary) है. इसको लेकर वैशाली, मुजफ्फरपुर में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है. कार्यक्रम में शामिल होने के लिए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) भी अपने आवास से रवाना हुए. इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बात की और एक बार फिर से महंगाई के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा. साथ ही उन्होंने सरकार से मांग की है कि रामविलास पासवान और रघुवंश प्रसाद सिंह दोनों की प्रतिमा लगवाई जाए.

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इस दौरान तेजस्वी यादव ने कहा कि रामविलास पासवान और रघुवंश प्रसाद सिंह दो नेता की प्रतिमा को लगाने की मांग हमने वर्तमान सरकार से की है. सरकार को इस मांग पर ध्यान देना चाहिए.

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रामविलास पासवान और रघुवंश प्रसाद सिंह दोनों लोगों की प्रतिमा सरकार को लगानी चाहिए. इन दोनों नेताओं की जयंती के अवसर पर राजकीय समारोह का भी आयोजन करने की भी हम वर्तमान सरकार से मांग करते हैं. रघुवंश प्रसाद सिंह जी के बेटे आये थे आज उसी कार्यक्रम में हम जा रहे हैं.- तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष

इस दौरान नेता प्रतिपक्ष ने डीजल पेट्रोल के बढ़ते मूल्य को लेकर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि बीजेपी को पहले मंहगाई डायन लगती थी. अब वही मंहगाई भौजाई लगने लगी है. आम जनता बढ़ती मंहगाई से तंग है और वर्तमान सरकार को इसकी कोई परवाह नहीं है. सरकार में बैठे लोग बिहार में आकर कुछ से कुछ बयान देते हैं. जनता देख रही है किस तरह ये काम कर रहे हैं और पूंजीपतियों का साथ दे रहे हैं.

बता दें कि डॉक्टर रघुवंश प्रसाद का जन्म 6 जून 1946 को वैशाली जिले के शाहपुर गांव में हुआ था. उन्होंने एलएस कॉलेज और राजेंद्र कॉलेज से उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद गणित विषय से पीएचडी की डिग्री ली. उसके बाद उन्होंने 1969 से 1974 तक सीतामढ़ी के गोयनका कॉलेज में प्रोफेसर के पद पर रहते हुए गणित पढ़ाया. पहली बार शिक्षक आंदोलन के दौरान 1970 में जेल गए और पहली बार 1977 में सीतामढ़ी के बेलसंड विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने.

वे बेलसंड विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक चुने गए. कर्पूरी ठाकुर की सरकार में उन्हें बिजली मंत्री का पद मिला. 1994 से 1995 तक विधान परिषद में कार्यकारी सभापति रहे. 1995 से 1996 तक राज्य सरकार में आपदा, बिजली और पुनर्वास विभाग के मंत्री रहे. 1996 में वैशाली से लोकसभा चुनाव जीते और 1998 तक राज्य मंत्री के पद पर रहे. 1998 में दोबारा और 1999 में तीसरी बार सांसद चुने गए. 2004 में चौथी बार रघुवंश प्रसाद लोकसभा पहुंचे और 5 साल ग्रामीण विकास मंत्री रहे. 2009 में 15वीं लोकसभा के लिए वैशाली से पांचवीं बार सांसद चुने गए.

इस तरह रघुवंश बाबू 5 बार वैशाली से सांसद रह चुके थे. मंत्री रहते हुए वे वैशाली के विकास के लिए हमेशा आवाज उठाते रहे. उन्होंने अपने अंतिम समय में भी बिहार सरकार पत्र लिखकर वैशाली में 15 अगस्त और 26 जनवरी को सीएम के द्वारा झंडोत्तोलन की इच्छा जाहिर की थी. वहीं, लॉकडाउन के दौरान उन्होंने खेती किसानी को मनरेगा के दायरे में लाने की मांग की थी.

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Last Updated : Sep 13, 2021, 4:15 PM IST
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