पटना: बिहार में जातीय जनगणना पर सियासत (Politics on Caste Census in Bihar) फिर से तेज होने लगी है. मुख्य विपक्षी दल आरजेडी ने इसको लेकर सरकार से सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग (Tejashwi Demand from Nitish on Caste Census) की है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) का आरोप है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार टालमटोल का रवैया अपना रहे हैं.
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नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि जातीय जनगणना के मसले पर नीतीश कुमार ढुलमुल रवैया अपना रहे हैं. मुख्यमंत्री को इसी सत्र के दौरान सर्वदलीय बैठक बुलाकर जातीय जनगणना के मसले पर अंतिम फैसला लेना चाहिए. उन्होंने दावा किया कि जातीय जनगणना बिहार के हित में है, इससे विकास की राह प्रशस्त होगी.
"अब तो भारत सरकार जातीय जनगणना कराने से मना कर रही है, लेकिन नीतीश कुमार जी इस मुद्दे पर आरजेडी के समर्थन में थे. हम उनसे मांग करते हैं कि इसी सत्र में उन्हें ऐलान करना चाहिए कि बिहार सरकार अपने खर्च पर जातीय जनगणना कराएगी. यह बिहार के हित में होगी"- तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष
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दरअसल जातीय जनगणना को लेकर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. केंद्र सरकार ने सीधे तौर पर जातीय जनगणना कराने से मना कर दिया था. एक बार फिर संसद में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने जातीय जनगणना कराने से इनकार कर दिया है.
नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा था, 'महाराष्ट्र और ओडिशा की सरकारों ने आगामी जनगणना में जातीय विवरण एकत्रित करने का अनुरोध किया है. भारत सरकार ने नीतिगत मामले के रूप में फैसला किया है कि अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के अतिरिक्त कोई जातीय जनगणना नहीं होगी.'
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