पटनाः बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र ( Winter session of Bihar Legislature ) आज से शुरू हो गया. सत्र के पहले दिन आरजेडी के लिए अच्छी खबर सामने आयी. पार्टी और परिवार से नाराज चल रहे लालू प्रसाद यादव ( RJD Chief Lalu Prasad Yadav ) के बेटे तेजप्रताप यादव ( Tejpratap Yadav ) बहुत दिनों के बाद अपने 'अर्जुन' के साथ नजर आए.
दरअसल, बिहार विधानमंडल में पत्रकारों से मुखातिब होने के समय दोनों भाई ( Tejpratap and Tejashwi Yadav ) एक साथ दिखे. सबसे खास बात ये रहा कि दोनों एक साथ जरूर थे, लेकिन कृष्ण का वो तेज नहीं दिखा, जो पहले दिखता था. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव जब पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे, तेज प्रताप यादव के चेहरे पर कोई खास हावभाव नहीं दिखा.
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गौरतलब है कि बिहार विधानसभा ( Bihar Assembly ) के अंदर दोनों भाई एक साथ बैठते हैं. सदन के अंदर कई बार देखा गया है कि जब तेजस्वी यादव बोलते हैं और सत्ता पक्ष हंगामा करता है तो तेज प्रताप खड़े हो जाते थे और भाई के समर्थन में आवाज बुलंद करते थे. लेकिन कुछ दिनों से दोनों में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है.
हालांकि आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव जेल से बाहर आने के बाद जब पहली बार पटना आए थे, तो उन्होंने कहा था कि दोनों के बीच सब कुछ ठीक है. दोनों भाई एक साथ हैं. लालू यादव लाख दावा कर लें कि सब ठीक है लेकिन समय-समय पर तेज प्रताप कुछ ऐसा बोल देते हैं कि जिससे साफ हो जाता है कि दोनों में सबकुछ ठीक नहीं है.
कुछ दिनों पहले तेज प्रताप ने कहा था कि 'कुछ लोग लालू यादव को बिहार नहीं आने देना चाहते हैं. उन्हें दिल्ली में बंधक बनाकर रखा गया है.' तेज प्रताप के इस बयान पर तेजस्वी ने कहा था कि लालू यादव को कोई बंधक नहीं बना सकता है.
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इसके अलावे तेज प्रताप, यूं कहे तो उनके समर्थकों द्वारा पटना में लगाए गए पोस्टर पर भी विवाद हो चुका है. जन्माष्टमी के मौके पर राजधानी पटना की सड़कों पर पोस्टर लगाया गया था. पोस्टर में तेज प्रताप के साथ लालू यादव और राबड़ी देवी को जगह दी गई थी, लेकिन तेजस्वी यादव गायब थे.
ये तो कुछ नहीं, इसी साल छात्र आरजेडी की बैठक से संबंधित एक पोस्टर आरजेडी कार्यालय के बाहर लगाया गया था. इस पोस्टर में तेजस्वी को जगह नहीं दी गई थी. इस पोस्टर को लेकर इतना विवाद हुआ कि तेज प्रताप के 'खास' रहे आकाश यादव को आरजेडी के छात्र विंग के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया. इस बात से नाराज तेज प्रताप यादव ने नए संगठन का एलान कर दिया. जिसका नाम उन्होंने 'छात्र जनशक्ति परिषद' रखा है.
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