पटना: बिहार के नियोजित शिक्षक अब वार्ड स्तर पर लोगों को कोरोना वायरस से लड़ने के लिए जागरूक करेंगे. साथ ही शिक्षक लोगों को बचाव का तरीका भी बताएंगे. हालांकि इन सबके बीच उनकी हड़ताल भी जारी रहेगी. साथ ही शिक्षकों ने कोरोना वायरस से अलर्ट के बावजूद माध्यमिक शिक्षक संघ ने इंटर और मैट्रिक की कॉपियों के मूल्यांकन में शिक्षकों को लगाए जाने पर सवाल खड़े किए हैं.
कोरोना वायरस से लड़ने को शिक्षक तैयार
पटना में बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति की राज्य स्तरीय बैठक में हुए फैसले की जानकारी देते हुए मीडिया प्रभारी मनोज कुमार ने बताया कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए शिक्षक तैयार हैं. लेकिन इनके साथ-साथ पहले से घोषित कार्यक्रम के तहत हड़ताली शिक्षक विधायक, विधान पार्षद, मंत्री और मुख्यमंत्री का घेराव कार्यक्रम जारी रखेंगे. मनोज कुमार ने कहा कि 15 मार्च से 31 मार्च तक प्रखंड स्तर पर सभी हड़ताली शिक्षक धरना स्थल से समूह बनाकर 'चलो गांव की ओर' कार्यक्रम के तहत गांव-गांव जाकर आम लोगों का हस्ताक्षर लेगें. लोगों को कोरोना वायरस से बचाव के तरीके बताएंगे.
सरकार की मदद को तैयार शिक्षक
ईटीवी भारत से बातचीत में शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के संयोजक बृजनंदन शर्मा ने कहा कि सरकार अगर कोरोना को लेकर एहतियात बरत रही है, तो शिक्षक भी सरकार के इस काम में मदद करने को तैयार है. लेकिन हमारी हड़ताल भी पहले की तरह ही जारी रहेगी.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना
वही शिक्षक नेता आनंद कौशल सिंह ने कहा की बहुत चतुराई से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 31 मार्च तक कोरोना के बहाने शिक्षकों के हड़ताल को प्रभावित करने की कोशिश की है लेकिन हम पीछे हटने वाले नहीं हैं. हम अपनी मांगों पर कायम हैं. वही 'बिहार बचाओ शिक्षा बचाओ' महासम्मेलन को लेकर बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के राज्य महासचिव नागेंद्र नाथ शर्मा ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण 23 मार्च को प्रस्तावित सम्मेलन को स्थगित करते हुए इससे अगले महीने करने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार को हम पत्र लिखेंगे कि अप्रैल महीने में जिस दिन भी गांधी मैदान खाली हो उस दिन प्रशासन हमें हमारे महासम्मेलन के लिए गांधी मैदान आवंटित करे.