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CM नीतीश को सुशील मोदी का समर्थन, सियासत में उबाल के बाद सुमो की मंशा पर उठ रहे सवाल - Sushil Modi supports CM Nitish

सुशील मोदी ने ट्वीट कर एक बार फिर से नीतीश कुमार को 2020 में भी कैप्टन बने रहने की बात कही थी. अब इसे लेकर विशेषज्ञ सुमो की मंशा पर सवाल खड़े कर रहे हैं. पूर्व मंत्री वृषिण पटेल कहते हैं कि सुशील मोदी ने सीएम पद के लिए खुद ही खुद को अयोग्य बना लिया है.

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Published : Sep 12, 2019, 10:11 PM IST

पटना: डिप्टी सीएम सुशील मोदी का सीएम नीतीश कुमार को लेकर शुरू से ही सॉफ्ट कॉर्नर रहा है. सुमो हमेशा पार्टी लाइन के विरोध के बावजूद नीतीश कुमार के पक्ष में ही फैसला लेते रहे हैं. अब एक बार फिर से डिप्टी सीएम नीतीश के पक्ष में मजबूती से खड़े होते दिख रहे हैं. उनकी इस मंशा पर अब विशेषज्ञ भी सवाल खड़ा कर रहे हैं.

मोदी और शाह के समर्थकों के निशाने पर सुमो
कभी नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल बताने वाले सुशील मोदी पार्टी में हमेशा से नरेंद्र मोदी और अमित शाह के समर्थकों के निशाने पर रहे हैं. नरेंद्र मोदी को पीएम उम्मीदवार बनाए जाने के बाद से ही नीतीश कुमार ने एनडीए से नाता तोड़ लिया था हालांकि वे आरजेडी के साथ महागठबंधन में तालमेल नहीं बना सके और फिर से एनडीए के साथ जुड़ गए. इसके पीछे भी सुशील मोदी का बड़ा हाथ माना जाता है. बिहार के विकास में भी नीतीश और सुशील मोदी की जोड़ी की खूब चर्चा होती है, लेकिन एक कदम आगे बढ़कर हमेशा नीतीश की तारीफ करने के कारण सुमो की आलोचना भी होती रही है.

सुशील मोदी ने बताया नीतीश को कैप्टन
बिहार में 2020 में विधानसभा चुनाव है. बीजेपी के कई नेता चाहते हैं इस बार मुख्यमंत्री पार्टी की ओर से हो, और इस सिलसिले में कई नेताओं ने बयान भी दिए है. एमएलसी संजय पासवान ने तो नीतीश से बतौर सीएम बिहार को सुशील मोदी के हवाले करने की मांग कर डाली. इस पर काफी बवाल भी मचा था. इसी के बाद सुशील मोदी ने ट्वीट कर एक बार फिर से नीतीश कुमार को 2020 में भी कैप्टन बने रहने की बात कह दी.

इसे भी पढ़ें- तेजस्वी यादव के ट्वीट पर बीजेपी की नसीहत, कहा- अपने गिरेबां में झांके राजद

सुमो की मंशा पर उठ रहे सवाल

अब इसको लेकर विशेषज्ञ सुशील मोदी की मंशा पर सवाल खड़ा कर रहे हैं. ए एन सिन्हा इंस्टिट्यूट के पूर्व निदेशक डीएम दिवाकर कहते है कि सुमो को लगता है कि अगर कोई नया मुख्यमंत्री बन गया तो उनकी डिप्टी सीएम वाली कुर्सी भी छीन सकती है. इसीलिए नीतीश कुमार को सीएम बनाने की बात कहते नजर आ रहे है.
'खुद ही खुद को अयोग्य बनाया'
पूर्व मंत्री वृषिण पटेल कहते हैं कि सुशील मोदी ने सीएम पद के लिए खुद ही खुद को अयोग्य बना लिया है. उन्हें लगता है कि नीतीश के सीएम ना रहने पर उनका राजनीतिक भविष्य खत्म हो जाएगा. यही वजह है कि वे लगातार नीतीश का साथ देते नजर आ रहे हैं.

CM नीतीश को सुशील मोदी का समर्थन

2005 से नीतीश सीएम की कुर्सी पर काबिज
बता दें कि बिहार में 2005 से नीतीश कुमार सीएम की कुर्सी पर काबिज हैं. सुशील मोदी भी बीच के कुछ सालों को छोड़कर लगातार डिप्टी सीएम रहे हैं. 2015 में नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ विधानसभा का चुनाव लड़ा था. नीतीश तो सीएम बन गए लेकिन सुशील मोदी सीएम बनते बनते रह गए और डिप्टी सीएम भी नहीं बन पाए थे.

पटना: डिप्टी सीएम सुशील मोदी का सीएम नीतीश कुमार को लेकर शुरू से ही सॉफ्ट कॉर्नर रहा है. सुमो हमेशा पार्टी लाइन के विरोध के बावजूद नीतीश कुमार के पक्ष में ही फैसला लेते रहे हैं. अब एक बार फिर से डिप्टी सीएम नीतीश के पक्ष में मजबूती से खड़े होते दिख रहे हैं. उनकी इस मंशा पर अब विशेषज्ञ भी सवाल खड़ा कर रहे हैं.

मोदी और शाह के समर्थकों के निशाने पर सुमो
कभी नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल बताने वाले सुशील मोदी पार्टी में हमेशा से नरेंद्र मोदी और अमित शाह के समर्थकों के निशाने पर रहे हैं. नरेंद्र मोदी को पीएम उम्मीदवार बनाए जाने के बाद से ही नीतीश कुमार ने एनडीए से नाता तोड़ लिया था हालांकि वे आरजेडी के साथ महागठबंधन में तालमेल नहीं बना सके और फिर से एनडीए के साथ जुड़ गए. इसके पीछे भी सुशील मोदी का बड़ा हाथ माना जाता है. बिहार के विकास में भी नीतीश और सुशील मोदी की जोड़ी की खूब चर्चा होती है, लेकिन एक कदम आगे बढ़कर हमेशा नीतीश की तारीफ करने के कारण सुमो की आलोचना भी होती रही है.

सुशील मोदी ने बताया नीतीश को कैप्टन
बिहार में 2020 में विधानसभा चुनाव है. बीजेपी के कई नेता चाहते हैं इस बार मुख्यमंत्री पार्टी की ओर से हो, और इस सिलसिले में कई नेताओं ने बयान भी दिए है. एमएलसी संजय पासवान ने तो नीतीश से बतौर सीएम बिहार को सुशील मोदी के हवाले करने की मांग कर डाली. इस पर काफी बवाल भी मचा था. इसी के बाद सुशील मोदी ने ट्वीट कर एक बार फिर से नीतीश कुमार को 2020 में भी कैप्टन बने रहने की बात कह दी.

इसे भी पढ़ें- तेजस्वी यादव के ट्वीट पर बीजेपी की नसीहत, कहा- अपने गिरेबां में झांके राजद

सुमो की मंशा पर उठ रहे सवाल

अब इसको लेकर विशेषज्ञ सुशील मोदी की मंशा पर सवाल खड़ा कर रहे हैं. ए एन सिन्हा इंस्टिट्यूट के पूर्व निदेशक डीएम दिवाकर कहते है कि सुमो को लगता है कि अगर कोई नया मुख्यमंत्री बन गया तो उनकी डिप्टी सीएम वाली कुर्सी भी छीन सकती है. इसीलिए नीतीश कुमार को सीएम बनाने की बात कहते नजर आ रहे है.
'खुद ही खुद को अयोग्य बनाया'
पूर्व मंत्री वृषिण पटेल कहते हैं कि सुशील मोदी ने सीएम पद के लिए खुद ही खुद को अयोग्य बना लिया है. उन्हें लगता है कि नीतीश के सीएम ना रहने पर उनका राजनीतिक भविष्य खत्म हो जाएगा. यही वजह है कि वे लगातार नीतीश का साथ देते नजर आ रहे हैं.

CM नीतीश को सुशील मोदी का समर्थन

2005 से नीतीश सीएम की कुर्सी पर काबिज
बता दें कि बिहार में 2005 से नीतीश कुमार सीएम की कुर्सी पर काबिज हैं. सुशील मोदी भी बीच के कुछ सालों को छोड़कर लगातार डिप्टी सीएम रहे हैं. 2015 में नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ विधानसभा का चुनाव लड़ा था. नीतीश तो सीएम बन गए लेकिन सुशील मोदी सीएम बनते बनते रह गए और डिप्टी सीएम भी नहीं बन पाए थे.

Intro:पटना-- बिहार में 2005 से नीतीश कुमार सीएम की कुर्सी पर काबिज हैं और सुशील मोदी भी कुछ सालों को छोड़कर लगातार डिप्टी सीएम बने हुए हैं । 2015 में नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ विधानसभा का चुनाव लड़े थे । नीतीश कुमार तो सीएम बन गए लेकिन सुशील मोदी सीएम बनते बनते रह गए और डिप्टी सीएम भी नहीं बन पाए। नीतीश कुमार को लेकर सुशील मोदी सॉफ्ट कॉर्नर शुरू से रहा है सुशील मोदी हमेशा पार्टी नेताओं के विरोध के बावजूद नीतीश कुमार के पक्ष में ही फैसला लेते रहे हैं अब एक बार फिर से नीतीश कुमार के पक्ष में मजबूती से खड़े होते दिख रहे हैं ऐसे में विशेषज्ञ भी उनकी मंशा पर सवाल खड़ा कर रहे हैं।
पेश है एक रिपोर्ट----


Body: कभी नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल बताने वाले सुशील मोदी पार्टी में हमेशा से नरेंद्र मोदी और अमित शाह के समर्थक नेताओं के निशाने पर रहे हैं। लेकिन नीतीश कुमार की छत्रछाया के कारण बिहार में सुशील मोदी आज भी बीजेपी के सबसे बड़े नेता बने हुए हैं। नरेंद्र मोदी को पीएम उम्मीदवार बनाए जाने के बाद से ही नीतीश कुमार ने एनडीए से नाता तोड़ लिया था हालांकि नीतीश कुमार आरजेडी के साथ महागठबंधन में तालमेल नहीं बना सके और फिर से एनडीए के साथ जुड़ गए और इसके पीछे सुशील मोदी का बड़ा हाथ माना जाता है जिस प्रकार से सुशील मोदी ने तेजस्वी यादव के संपत्तियों का खुलासा किया उसके बाद ही यह स्थिति बनी और नीतीश कुमार फिर से बीजेपी के साथ बिहार में सरकार बनाना पड़ा, जो अब तक चल रही है और सुशील मोदी फिर से डिप्टी सीएम बन गए । ऐसे तो बिहार के विकास में भी नीतीश और सुशील मोदी की जोड़ी की खूब चर्चा होती है लेकिन नीतीश कुमार का एक कदम आगे बढ़कर हमेशा तारीफ करने के कारण सुशील मोदी की आलोचना भी होती रही है अब एक बार फिर से क्योंकि 2020 में विधानसभा चुनाव होना है बीजेपी के कई नेता चाहते हैं बीजेपी अपना मुख्यमंत्री दे इसको लेकर कई नेताओं ने बयान भी दिया एमएलसी संजय पासवान ने तो सुशील मोदी को ही सीएम के रूप में बिहार को हवाले करने की मांग की इस पर काफी बवाल भी मचा और इसी के बाद सुशील मोदी ने ट्वीट कर एक बार फिर से नीतीश कुमार को 2020 में भी कैप्टन बनाने की बात कह दी । अब इसको लेकर विशेषज्ञ सुशील मोदी की मंशा पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। पूर्व मंत्री वृषिण पटेल करें हैं कि सुशील मोदी ने खुद सीएम पद के लिए अपने को आयोग्य कर दिया है, वही ए एन सिन्हा इंस्टिट्यूट के पूर्व निदेशक डीएम दिवाकर का कहना है सुशील मोदी को लगता है कि यदि कोई नया मुख्यमंत्री बन गया तो उनका डिप्टी सीएम वाली कुर्सी भी छीन सकती है और इसीलिए नीतीश कुमार को सीएम बनाने की बात कह रहे हैं।
बाइट्स-- वृषिण पटेल, पूर्व मंत्री
डीएम दिवाकर पूर्व निदेशक एएन सिन्हा इंस्टिट्यूट


Conclusion: ऐसे बीजेपी के बड़े नेता 2020 में बिहार का कौन चेहरा होगा इस पर अभी भी सुशील मोदी के साथ नहीं दिख रहे हैं नरेंद्र मोदी और अमित शाह के फैसले को मानने की बात कर रहे हैं अब क्योंकि केंद्र में अरुण जेटली भी नहीं है ऐसे में नरेंद्र मोदी और अमित शाह का क्या फैसला होता है उसी पर सब कुछ तय होना है इसलिए सुशील मोदी के लिए नीतीश कुमार की तारीफ करने के बाद भी नीतीश कुमार इंडिया का चेहरा घोषित होंगे यह संशय में है।
अविनाश, पटना।
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