पटना: आरजेडी के साथ सरकार बनाने के बाद नीतीश कुमार की मुश्किल कम होती नहीं दिख रही हैं. बाहुबली आनंद मोहन (Anand Mohan) पर अभी बवाल खत्म नहीं हुआ था कि इसी बीच बिहार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह (Bihar Law Minister kartikeya singh) पर बेहद चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. बिहार के कानून मंत्री पर हुए खुलासे से हड़कंप मच गया है. इस बीच, बीजेपी नेता सुशील मोदी ने कार्तिकेय सिंह को कानून मंत्री बनाए जाने को लेकर सवाल (Sushil Modi on kartikeya singh) उठाए. एक इंटरव्यू के दौरान सुशील मोदी ने यहां तक कह दिया कि अनंत सिंह से डरते हैं नीतीश (nitish afraid of anant singh) कुमार इसलिए कार्तिकेय सिंह को कानून मंत्री बनने से नहीं रोका.
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सुशील मोदी ने नीतीश पर बोला हमला : इस बीच, बिहार बीजेपी के बड़े नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने नीतीश सरकार पर हमला (Sushil Modi attacks nitish government) बोला है. उन्होंने कहा कि इस घटना के लिए नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं, जिन्हें सारी जानकारी थी. नीतीश कुमार के कहने पर ही ऐसा हुआ है. अगर सीएम को इस बारे में जानकारी नहीं थी तो अब वह कार्तिकेय को बर्खास्त कर दें. ऐसी घटना पहले भी हुई है, जिसमें मंत्रियों को बर्खास्त किया गया था. इसलिए इस बार भी बर्खास्त करने की कार्रवाई करें. उन्होंने कहा कि कार्तिकेय सिंह को कानून मंत्री बनाने के पीछे नीतीश कुमार का बड़ा मकसद है. दरअसल, जिन लोगों पर मुकदमें हैं, उनके ऊपर से नीतीश कुमार केस वापस लेना चाहते हैं.
''बिहार के क़ानून मंत्री (कार्तिकेय सिंह) पर 2014 में अपहरण का मामला दर्ज़ है, जिसको उन्होंने अपने हलफनामे में भी स्वीकार किया है उसी मामले में इनको 16 अगस्त को आत्मसमर्पण करना था लेकिन वे शपथ लेने चले गए. यह सब मुख्यमंत्री की जानकारी में था. मुख्यमंत्री जब किसी को शपथ दिलवाता है तो उसका पहले पुलिस वेरिफिकेशन होता है. उसका आपराधिक रिकॉर्ड खंगाला जाता है. क्या नीतीश कुमार को यह बात मालूम नहीं था कि कार्तिकेय सिंह के खिलाफ वारंट है. सीएम नीतीश बाढ़ मोकामा इलाके से आते हैं और उन्हें कार्तिकेय सिंह के बारे में पहले से नहीं पता था.'' - सुशील मोदी, बीजेपी नेता व राज्यसभा सांसद
बता दें कि इससे पहले सुशील कुमार मोदी ने सोमवार को कई ट्वीट किए. उन्होंने लिखा- 'महागठबंधन सरकार के मंत्रिमंडल में बाहुबलियों की भरमार कर नीतीश कुमार ने बिहार में डरावने दिनों की वापसी सुनिश्चित कर दी. सुरेन्द्र यादव, ललित यादव, रमाकांत यादव और कार्तिकेय कुमार जैसे विधायक मंत्री बनाये गए, जिनके नाम से इलाके में लोग कांपते हैं. इन लोगों पर आर्म्स ऐक्ट के मुकदमे हैं.'
अनंत सिंह के हैं बेहद 'खास' है कार्तिकेय सिंह: बता दें कि कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह आरजेडी के पूर्व विधायक अनंत सिंह (RJD Leader Anant Singh) के बेहद खास हैं. बताया जाता है कि अनंत सिंह के जेल में रहने पर कार्तिकेय सिंह उर्फ 'कार्तिकेय मास्टर' ही मोकामा से लेकर पटना तक उनके सारे काम को देखते हैं. इस साल उन्होंने आरजेडी से चुनाव लड़ा और एमएलसी बन गए. वर्ष 2005 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद कार्तिक मास्टर और अनंत सिंह की दोस्ती परवान चढ़ी थ. आगे अनंत सिंह के चुनावी रणनीतिकार के रूप में कार्तिकेय ने खुद को साबित किया. राजनीति में सक्रिय होने से पहले कार्तिकेय स्कूल में शिक्षक थे. वे मोकामा के रहनेवाले हैं और उनके गांव का नाम शिवनार है. कार्तिक मास्टर की पत्नी रंजना कुमारी लगातार दो बार मुखिया बनीं.
कार्तिकेय सिंह किडनैपिंग केस में हैं वारंटी : साल 2014 में राजीव रंजन की किडनैपिंग हुई थी. इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया था. राजीव रंजन की किडनैपिंग मामले में एक आरोपी बिहार के कानून मंत्री कार्तिक सिंह भी हैं. बिहटा थाना में उनके खिलाफ मामला दर्ज है. जिनके खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया हुआ है. धारा 164 के तहत बयान में नाम आया है. कार्तिकेय सिंह ने अभी तक ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है ना ही जमानत के लिए अर्जी दी है. कल यानी 16 अगस्त को इनको कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वो मंत्री पद की शपथ ले रहे थे.
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दानापुर कोर्ट के आदेश की कॉपी- 'न हो कोई कार्रवाई' : इस बीच दानापुर कोर्ट के आदेश की कॉपी सामने आई है, जिसमें मोकामा के थाना प्रभारी को आदेश दिया गया है कि कार्तिकेय सिंह के खिलाफ एक सितंबर तक किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई न की जाए. अदालत का ये आदेश 12 अगस्त का है.