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जज ने जैसे ही लालू को दोषी बताया, फूट-फूटकर रोने लगे समर्थक.. कुछ ऐसा था माहौल - CBI Court Convicted Lalu Yadav

रांची की सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने जैसे ही लालू प्रसाद यादव को दोषी करार दिया. उस वक्त लालू समर्थकों में मायूसी छा गई. यहां तक की उनके कई समर्थकों ने अपने आंसू तक नहीं रोक पाए. पढ़ें पूरी खबर

लालू प्रसाद यादव को दोषी करार
लालू प्रसाद यादव को दोषी करार
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Published : Feb 15, 2022, 9:41 PM IST

पटना/रांची : चारा घोटाले के पांचवें मामले में रांची स्थित सीबीआई की स्पेशल कोर्ट (CBI Court Convicted Lalu Yadav ) ने मंगलवार को जैसे ही लालू प्रसाद यादव को दोषी करार दिया, अदालत के बाहर हजारों की संख्या में जमा उनके समर्थकों में मायूसी पसर गयी. लंबे समय तक लालू प्रसाद यादव के निजी सचिव रहे विनोद श्रीवास्तव की आंखों से आंसू बहने लगे. कई अन्य समर्थक रोने लगे.

ये भी पढ़ें- RJD को बड़ा झटका: लालू के दोषी करार होते ही दिनभर रांची से पटना तक मची रही हलचल

वहीं, अदालत के बाहर मौजूद रहे राष्ट्रीय जनता दल के प्रधान राष्ट्रीय महासचिव अब्दुल बारी सिद्दिकी ने मायूसी जाहिर करते हुए कहा कि लालू जी आजीवन गरीबों-पिछड़ों के लिए संघर्ष करते रहे. सिद्दिकी ने कहा कि अदालत के फैसले पर वह कोई टिप्पणी नहीं करेंगे, लेकिन हम अपने नेता के गिरते स्वास्थ्य को लेकर बेहद चिंतित हैं.

पार्टी के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व मंत्री श्याम रजक भी अदालत के बाहर खड़े थे. जैसे ही लालू प्रसाद को दोषी करार दिये जाने की खबर बाहर आई, वह चुपचाप कुछ कहे बगैर गाड़ी में जाकर बैठ गये. बाद में उन्होंने पत्रकारों से कहा कि अदालत के फैसले का सम्मान है, लेकिन हम सभी लोग जानते हैं कि लालू प्रसाद यादव कैसे ईमानदारी के साथ हर व्यक्ति को उसका अधिकार दिलाने की लड़ाई लड़ते रहे.

बिहार और झारखंड के अलग-अलग इलाकों से बड़ी संख्या में लालू प्रसाद के समर्थक सोमवार को ही रांची पहुंच गये थे. अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए साढ़े ग्यारह बजे का वक्त तय कर रखा था. इसके एक-डेढ़ घंटे पहले से ही लालू के समर्थक अदालत परिसर के बाहर इकट्ठा थे.

लालू प्रसाद यादव और राजद के वरिष्ठ नेताओं ने पहले ही सबको हिदायत दे रखी थी कि अदालत परिसर में या बाहर कोई भी नारेबाजी नहीं करेगा. सबको कहा गया था कि अदालत के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं करेगा. हुआ भी ऐसा ही. फैसला आने पर समर्थकों में मायूसी पसर गयी, लेकिन किसी ने कोई नारेबाजी नहीं की.

लालू प्रसाद यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती सोमवार से ही रांची में हैं. वह रांची के स्टेट गेस्ट हाउस में हैं. उन्होंने टीवी पर निगाहें लगा रखी थीं. पिता को न्यायिक हिरासत में भेजे जाने की खबर सुनकर वह मायूस हो गयीं. फैसला आने के बाद उन्होंने पत्रकारों से बात करने से इनकार कर दिया. हालांकि इसके पहले सोमवार को उन्होंने रांची पहुंचने के बाद कहा था कि लालू जी इन दिनों काफी बीमार रहते हैं.

फैसला आने के बाद लालू प्रसाद यादव की ओर से अदालत से दरख्वास्त लगाई गई कि खराब स्वास्थ्य को देखते हुए उन्हें जमानत दी जाये या चिकित्सकों की निगरानी में रिम्स भेजा जाये. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके शशि ने अपराह्न दो बजे इस आवेदन पर सुनवाई करते हुए उन्हें होटवार स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल भेजने का आदेश दिया.

अदालत ने उनके मेडिकल पीटिशन को भी स्वीकार कर लिया. जेल में आवश्यक कागजी कार्यवाही पूरी होने के बाद लालू यादव को रिम्स ले जाया जायेगा. लगभग ढाई बजे लालू प्रसाद यादव को जब होटवार जेल ले जाया जाने लगा तो उनके पीछे समर्थकों के गाड़ियों का काफिला चल पड़ा. हालांकि जेल से लगभग आधा किलोमीटर पहले ही सभी बाहरी गाड़ियां रोक दी गयीं. खबर लिखे जाने तक रांची के खेलगांव से होटवार जेल के रास्ते में बड़ी संख्या में लोग मौजूद हैं.

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पटना/रांची : चारा घोटाले के पांचवें मामले में रांची स्थित सीबीआई की स्पेशल कोर्ट (CBI Court Convicted Lalu Yadav ) ने मंगलवार को जैसे ही लालू प्रसाद यादव को दोषी करार दिया, अदालत के बाहर हजारों की संख्या में जमा उनके समर्थकों में मायूसी पसर गयी. लंबे समय तक लालू प्रसाद यादव के निजी सचिव रहे विनोद श्रीवास्तव की आंखों से आंसू बहने लगे. कई अन्य समर्थक रोने लगे.

ये भी पढ़ें- RJD को बड़ा झटका: लालू के दोषी करार होते ही दिनभर रांची से पटना तक मची रही हलचल

वहीं, अदालत के बाहर मौजूद रहे राष्ट्रीय जनता दल के प्रधान राष्ट्रीय महासचिव अब्दुल बारी सिद्दिकी ने मायूसी जाहिर करते हुए कहा कि लालू जी आजीवन गरीबों-पिछड़ों के लिए संघर्ष करते रहे. सिद्दिकी ने कहा कि अदालत के फैसले पर वह कोई टिप्पणी नहीं करेंगे, लेकिन हम अपने नेता के गिरते स्वास्थ्य को लेकर बेहद चिंतित हैं.

पार्टी के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व मंत्री श्याम रजक भी अदालत के बाहर खड़े थे. जैसे ही लालू प्रसाद को दोषी करार दिये जाने की खबर बाहर आई, वह चुपचाप कुछ कहे बगैर गाड़ी में जाकर बैठ गये. बाद में उन्होंने पत्रकारों से कहा कि अदालत के फैसले का सम्मान है, लेकिन हम सभी लोग जानते हैं कि लालू प्रसाद यादव कैसे ईमानदारी के साथ हर व्यक्ति को उसका अधिकार दिलाने की लड़ाई लड़ते रहे.

बिहार और झारखंड के अलग-अलग इलाकों से बड़ी संख्या में लालू प्रसाद के समर्थक सोमवार को ही रांची पहुंच गये थे. अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए साढ़े ग्यारह बजे का वक्त तय कर रखा था. इसके एक-डेढ़ घंटे पहले से ही लालू के समर्थक अदालत परिसर के बाहर इकट्ठा थे.

लालू प्रसाद यादव और राजद के वरिष्ठ नेताओं ने पहले ही सबको हिदायत दे रखी थी कि अदालत परिसर में या बाहर कोई भी नारेबाजी नहीं करेगा. सबको कहा गया था कि अदालत के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं करेगा. हुआ भी ऐसा ही. फैसला आने पर समर्थकों में मायूसी पसर गयी, लेकिन किसी ने कोई नारेबाजी नहीं की.

लालू प्रसाद यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती सोमवार से ही रांची में हैं. वह रांची के स्टेट गेस्ट हाउस में हैं. उन्होंने टीवी पर निगाहें लगा रखी थीं. पिता को न्यायिक हिरासत में भेजे जाने की खबर सुनकर वह मायूस हो गयीं. फैसला आने के बाद उन्होंने पत्रकारों से बात करने से इनकार कर दिया. हालांकि इसके पहले सोमवार को उन्होंने रांची पहुंचने के बाद कहा था कि लालू जी इन दिनों काफी बीमार रहते हैं.

फैसला आने के बाद लालू प्रसाद यादव की ओर से अदालत से दरख्वास्त लगाई गई कि खराब स्वास्थ्य को देखते हुए उन्हें जमानत दी जाये या चिकित्सकों की निगरानी में रिम्स भेजा जाये. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके शशि ने अपराह्न दो बजे इस आवेदन पर सुनवाई करते हुए उन्हें होटवार स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल भेजने का आदेश दिया.

अदालत ने उनके मेडिकल पीटिशन को भी स्वीकार कर लिया. जेल में आवश्यक कागजी कार्यवाही पूरी होने के बाद लालू यादव को रिम्स ले जाया जायेगा. लगभग ढाई बजे लालू प्रसाद यादव को जब होटवार जेल ले जाया जाने लगा तो उनके पीछे समर्थकों के गाड़ियों का काफिला चल पड़ा. हालांकि जेल से लगभग आधा किलोमीटर पहले ही सभी बाहरी गाड़ियां रोक दी गयीं. खबर लिखे जाने तक रांची के खेलगांव से होटवार जेल के रास्ते में बड़ी संख्या में लोग मौजूद हैं.

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