नई दिल्ली/पटना: शॉटगन शत्रुघ्न सिन्हा ने अब कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी पर जमकर अपनी भड़ास निकाली. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी ने लोकशाही के बजाय तानाशाही का रुख अख्तियार कर लिया. इसीलिए दुखी मन से उसका साथ छोड़ना पड़ा.
वन मैन शो और टू मैन आर्मी
शत्रुघ्न सिन्हा ने पार्टी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि पार्टी में वन मैन शो और टू मैन आर्मी का रुप आ गया है. जिन लोगों ने पार्टी को खड़ा किया, जो पार्टी के कर्णधार हैं उन सभी को दरकिनार कर दिया गया. लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी जैसे वरिष्ठ नेताओं को बिल्कुल अलग-थलग कर दिया गया. यशवंत सिन्हा, जशवंत सिन्हा, अरुण शौरी के साथ भी बुरा बर्ताव किया गया.
मुगल नीति पर चल रही है पार्टी
शॉटगन ने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी अब मुगल नीति पर चलने लगी है.कई बार कोशिशों के बाद भी मुझे पार्टी से नहीं निकाला गया, लेकिन बिना मुझसे चर्चा किए हुए रविशंकर प्रसाद को टिकट दे दिया गया. जब तक लड़ सकता था, लड़ा और उसके बाद मैंने दुखी मन से पार्टी को अलविदा कहा. इस उम्मीद के साथ कि देश की मुख्यधारा के साथ जुड़ी हुई कांग्रेस पार्टी के साथ जुड़कर विकास के काम कर सकूंगा.
जनता का आशिर्वाद हमेशा ही मेरे साथ
कांग्रेस नेता ने कहा कि पटना की जनता पर पूरा भरोसा है. वहां कि जनता -जनार्दन ही मेरे लिए सबसे बड़ी स्टार है.मुझे जनता का बहुत प्यार मिला, उनका आशिर्वाद हमेशा ही मेरे साथ रहा है. इसीलिए इस बात का फैसला मैं जनता पर ही छोड़ता हूं, जनता जो भी फैसला सुनाएगी, जिसे भी जिताएगी वो मुझे मंजूर होगा.
संख्याबल के साथ कोई भी बन सकता है पीएम
राहुल गांधी के पीएम बनने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जिसके पास भी संख्याबल है वह पीएम बन सकता है. राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष के तौर पर अच्छा काम कर रहे हैं. उनके पास विजन हैं, वे टैलेंटेड है और कांग्रेस को मजबूत बना रहे हैं. अध्यक्ष बनने के एक महीने के अंदर ही उन्होंने 3 राज्यों में कांग्रेस को जीत दिलाई.
राहुल गांधी में भविष्य का नेता देख रही है जनता
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के दो लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने पर भी शत्रु ने प्रतिक्रिया जाहिर की. उन्होंने कहा कि ये बहुत ही अच्छी बात है. जो राहुल ने सोचा वो हमारे दूसरे वरिष्ठ नेताओं को करना चाहिए था. बीजेपी द्वारा इसका विरोध उनकी दोहरी मानसिकता को दर्शाता है. पीएम मोदी खुद भी दो जगहों से चुनाव लड़ चुके हैं. इसमें ना तो कोई बड़ी बात है और ना ही कोई बुरी बात. जनता उनमें भविष्य का नेता देख रही है, ये अच्छी बात है.