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जातीय जनगणना: विपक्ष ने HAM पर उठाये सवाल- 'मांझी कहते कुछ हैं और करते कुछ और हैं' - पटना न्यूज

बिहार में जातीय जनगणना को लेकर घमासान मचा हुआ है. बिहार सरकार (Bihar Government) में शामिल हम पार्टी भी जातीय जनगणना की मांग कर रही है, लेकिन हम के प्रधान महासचिव संतोष सुमन द्वारा पीएम से मुलाकात कर. 10 मांगे मांगी गई थी. जिसमें जातीय जनगणना को शामिल नहीं किया गया था. जिसको लेकर विपक्ष अब उनपर सवाल उठाने लगा है.

बिहार में जातीय जनगणना पर छिड़ा संग्राम
बिहार में जातीय जनगणना पर छिड़ा संग्राम
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Published : Aug 8, 2021, 8:44 PM IST

Updated : Aug 8, 2021, 9:52 PM IST

पटना: बिहार में जातीय जनगणना (Caste Census) को लेकर राजनीतिक संग्राम छिड़ा हुआ है. वहीं कुछ दिन पहले हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के प्रधान महासचिव संतोष सुमन द्वारा प्रधानमंत्री (PM Narendra Modi) से मुलाकात कर 10 मांगे मांगी गई .लेकिन उसमें जातीय जनगणना का जिक्र नहीं था. इसको लेकर विपक्ष हम पर सवाल उठाने लगा है, जिसपर हम ने सफाई दी है.

ये भी पढ़ें- जातीय जनगणना की सियासत के बीच, 'सवर्णों' पर पकड़ मजबूत करने की कवायद

विपक्ष लगातार जातीय जनगणना कराने की मांग कर रहा है. केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्षी दल धरना प्रदर्शन करने में भी लगे हुए हैं. वहीं कुछ दिन पहले हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रधान महासचिव संतोष सुमन द्वारा प्रधानमंत्री से मुलाकात कर 10 मांगे मांगी गई. लेकिन उसमें जातीय जनगणना का जिक्र नहीं था. हम के इस स्टैंड पर विपक्ष अब जीतन राम मांझी पर सवाल उठा रहा है. वहीं विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे सवाल पर हमने सफाई दी है.

विपक्ष द्वारा बिहार में जातीय जनगणना की मांग को लेकर आवाज उठाई जा रही है इन सबके बीच हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रधान महासचिव जीतन राम मांझी के बेटे बिहार सरकार के मंत्री संतोष सुमन ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की है. मुलाकात के दौरान संतोष सुमन ने 10 मांगे केंद्र सरकार से मांगी है. इन मांगों में जातीय जनगणना का कहीं जिक्र नहीं होने को लेकर विपक्ष अब जीतन राम मांझी पर हमलावर है.

ये भी पढ़ें- एक बार फिर 'मैदान छोड़' नेता साबित हुए तेजस्वी, सिर्फ ट्विटर पर चमकाते हैं राजनीति: नीरज कुमार

'एनडीए सरकार में चाहे जेडीयू हो या हम दोनों दल दबाव में कार्य कर रहे हैं. फिर भी यह दोनों दल जातीय जनगणना को लेकर बीजेपी से अपनी अलग राय रखते हैं. लेकिन जब हम पार्टी के नेताओं से प्रधानमंत्री की मुलाकात होती हैं. तो वह जातीय जनगणना की जिक्र नहीं करते हैं.' : राजेश राठौर, कांग्रेस प्रवक्ता

'जब जीतन राम मांझी जातीय जनगणना की पर्सनल मांग की है. तो वह 10 सूत्री जो मांगे उन्होंने मांगी है. उन मांगों में जातीय जनगणना का जिक्र क्यों नहीं किया. इससे साफ हो गया है. कि आज की राजनीति में जीतन राम मांझी की पार्टी फंसी हुई है. मांझी दुविधा में फंसे हुए हैं. कि वह नीतीश कुमार के साथ रहे या पीएम नरेंद्र मोदी के साथ.' : राजेश राठौर, कांग्रेस प्रवक्ता

देखें वीडियो


ये भी पढ़ें- जातिगत जनगणना की मांग को लेकर RJD का सड़क पर प्रदर्शन, कहा- 'मंडल कमीशन की अनुशंसा को लागू करे सरकार'
संतोष सुमन द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात 10 सूत्री मांगों को लेकर दिए गए पत्र पर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे हैं. सवाल को लेकर हम प्रवक्ता ने सफाई दी है.

'जातीय जनगणना के पक्ष में हमारे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी शुरू से ही हैं. क्योंकि वह दलितों के सबसे बड़े चेहरे हैं. बिहार ही नहीं देश के पैमाने पर उनकी पहचान है. और वह दलित के हितैषी भी हैं.' : विजय यादव, प्रवक्ता, हम

ये भी पढ़ें- जातीय जनगणना की मांग को लेकर बक्सर की सड़कों पर RJD कार्यकर्ता, सरकार के खिलाफ की नारेबाजी

'जीतन राम मांझी जातीय जनगणना को लेकर पहला आवाज उठाए हैं. जातीय जनगणना को लेकर हमारे पार्टी के नेता जीतन राम मांझी, सीएम नीतीश कुमार से भी मुलाकात कर अपना एजेंडा साफ कर दिया है. हम सीएम नीतीश कुमार के विचारों से प्रभावित हैं और उनके साथ जातीय जनगणना की मांग करते हैं.' : विजय यादव, प्रवक्ता, हम

उन्होंने ये भी कहा कि जातीय जनगणना को लेकर हमारे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लगातार सर्वदलीय बैठक की भी मांग करते रहे हैं. पिछले दिनों पार्टी के प्रधान महासचिव द्वारा जो प्रधानमंत्री से मुलाकात हुई है. उस मुलाकात के दौरान जो 10 सूत्री मांगों को लेकर हम लोगों ने जो ज्ञापन प्रधानमंत्री को सौंपा है.

ये भी पढ़ें- जातीय जनगणना पर राजनीति, अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग संघ ने दी आरक्षण मार्च निकालने की चेतावनी

उसमें सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण के साथ दलित का विकास कैसे हो इसकी वकालत की है. रहा जातीय जनगणना को लेकर तो हमारा विचार स्पष्ट है. हम सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में जब भी डेलिगेशन पीएम से मुलाकात करेगा हम उसमें शामिल रहेंगे.

बताते चलें कि जातीय जनगणना को लेकर राजद लगातार सरकार को घेरने में लगा हुआ है. वहीं राजद द्वारा जाति जनगणना को लेकर केंद्र सरकार से लगातार मांग की जा रही है. राजद द्वारा की जा रही मांग को लेकर सीएम नीतीश कुमार भी विपक्षी नेताओं के बयानों के साथ सुर में सुर मिला रहे हैं.

ये भी पढ़ें- 'CM नीतीश को अगर बिहार की जनता की फिक्र है तो इस्तीफा देकर RJD के साथ आएं'

ऐसे में अब हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा जातीय जनगणना को लेकर सीएम नीतीश कुमार के सुर के साथ सुर मिलाने में लगा हुआ है. देखने वाली बात होगी कि जातीय जनगणना को लेकर बिहार की राजनीति दलों के डेलिगेशन कब प्रधानमंत्री से मुलाकात करता है.

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पटना: बिहार में जातीय जनगणना (Caste Census) को लेकर राजनीतिक संग्राम छिड़ा हुआ है. वहीं कुछ दिन पहले हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के प्रधान महासचिव संतोष सुमन द्वारा प्रधानमंत्री (PM Narendra Modi) से मुलाकात कर 10 मांगे मांगी गई .लेकिन उसमें जातीय जनगणना का जिक्र नहीं था. इसको लेकर विपक्ष हम पर सवाल उठाने लगा है, जिसपर हम ने सफाई दी है.

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विपक्ष लगातार जातीय जनगणना कराने की मांग कर रहा है. केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्षी दल धरना प्रदर्शन करने में भी लगे हुए हैं. वहीं कुछ दिन पहले हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रधान महासचिव संतोष सुमन द्वारा प्रधानमंत्री से मुलाकात कर 10 मांगे मांगी गई. लेकिन उसमें जातीय जनगणना का जिक्र नहीं था. हम के इस स्टैंड पर विपक्ष अब जीतन राम मांझी पर सवाल उठा रहा है. वहीं विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे सवाल पर हमने सफाई दी है.

विपक्ष द्वारा बिहार में जातीय जनगणना की मांग को लेकर आवाज उठाई जा रही है इन सबके बीच हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रधान महासचिव जीतन राम मांझी के बेटे बिहार सरकार के मंत्री संतोष सुमन ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की है. मुलाकात के दौरान संतोष सुमन ने 10 मांगे केंद्र सरकार से मांगी है. इन मांगों में जातीय जनगणना का कहीं जिक्र नहीं होने को लेकर विपक्ष अब जीतन राम मांझी पर हमलावर है.

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'एनडीए सरकार में चाहे जेडीयू हो या हम दोनों दल दबाव में कार्य कर रहे हैं. फिर भी यह दोनों दल जातीय जनगणना को लेकर बीजेपी से अपनी अलग राय रखते हैं. लेकिन जब हम पार्टी के नेताओं से प्रधानमंत्री की मुलाकात होती हैं. तो वह जातीय जनगणना की जिक्र नहीं करते हैं.' : राजेश राठौर, कांग्रेस प्रवक्ता

'जब जीतन राम मांझी जातीय जनगणना की पर्सनल मांग की है. तो वह 10 सूत्री जो मांगे उन्होंने मांगी है. उन मांगों में जातीय जनगणना का जिक्र क्यों नहीं किया. इससे साफ हो गया है. कि आज की राजनीति में जीतन राम मांझी की पार्टी फंसी हुई है. मांझी दुविधा में फंसे हुए हैं. कि वह नीतीश कुमार के साथ रहे या पीएम नरेंद्र मोदी के साथ.' : राजेश राठौर, कांग्रेस प्रवक्ता

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'जातीय जनगणना के पक्ष में हमारे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी शुरू से ही हैं. क्योंकि वह दलितों के सबसे बड़े चेहरे हैं. बिहार ही नहीं देश के पैमाने पर उनकी पहचान है. और वह दलित के हितैषी भी हैं.' : विजय यादव, प्रवक्ता, हम

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'जीतन राम मांझी जातीय जनगणना को लेकर पहला आवाज उठाए हैं. जातीय जनगणना को लेकर हमारे पार्टी के नेता जीतन राम मांझी, सीएम नीतीश कुमार से भी मुलाकात कर अपना एजेंडा साफ कर दिया है. हम सीएम नीतीश कुमार के विचारों से प्रभावित हैं और उनके साथ जातीय जनगणना की मांग करते हैं.' : विजय यादव, प्रवक्ता, हम

उन्होंने ये भी कहा कि जातीय जनगणना को लेकर हमारे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लगातार सर्वदलीय बैठक की भी मांग करते रहे हैं. पिछले दिनों पार्टी के प्रधान महासचिव द्वारा जो प्रधानमंत्री से मुलाकात हुई है. उस मुलाकात के दौरान जो 10 सूत्री मांगों को लेकर हम लोगों ने जो ज्ञापन प्रधानमंत्री को सौंपा है.

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उसमें सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण के साथ दलित का विकास कैसे हो इसकी वकालत की है. रहा जातीय जनगणना को लेकर तो हमारा विचार स्पष्ट है. हम सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में जब भी डेलिगेशन पीएम से मुलाकात करेगा हम उसमें शामिल रहेंगे.

बताते चलें कि जातीय जनगणना को लेकर राजद लगातार सरकार को घेरने में लगा हुआ है. वहीं राजद द्वारा जाति जनगणना को लेकर केंद्र सरकार से लगातार मांग की जा रही है. राजद द्वारा की जा रही मांग को लेकर सीएम नीतीश कुमार भी विपक्षी नेताओं के बयानों के साथ सुर में सुर मिला रहे हैं.

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ऐसे में अब हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा जातीय जनगणना को लेकर सीएम नीतीश कुमार के सुर के साथ सुर मिलाने में लगा हुआ है. देखने वाली बात होगी कि जातीय जनगणना को लेकर बिहार की राजनीति दलों के डेलिगेशन कब प्रधानमंत्री से मुलाकात करता है.

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Last Updated : Aug 8, 2021, 9:52 PM IST
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