पटना: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) ने शहीद जुब्बा सहनी (Shaheed Jubba Sahni) की तुलना लालू प्रसाद यादव और खुद से करते हुए दावा किया कि उनके काम को राजद आगे बढ़ा रहा है. हमारे दिल में अमर शहीद के प्रति जो सम्मान है, उसे किसी को बताने की जरुरत नहीं है. उन्होंने कहा कि आप मुझे तेजस्वी यादव के नाम से बुलाएं या तेजस्वी निषाद के नाम से, हमें तो नफरत और भेदभाव की राजनीति के खिलाफ लड़ना (fight against hatred and discrimination politics) होगा.
लालू प्रसाद ने लड़ी सामाजिक न्याय की लड़ाई: प्रदेश कार्यालय में शहीद जुब्बा सहनी के शहादत दिवस पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि जो काम 42 के दौर में जुब्बा सहनी ने किया और देश की आजादी की जरुरत बतायी, वही काम 90 के दौर में लालू प्रसाद ने किया. उन्होंने सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ी. जुब्बा सहनी को अंग्रेजों ने फांसी की सजा दी और लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को जेल की सजा मिली. उन्होंने कहा कि जुब्बा सहनी अभी होते तो युवाओं के रोजगार की बात करते. हम उन्हीं के काम को आगे बढ़ा रहे हैं.
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पाना चाहता हूं निषाद समाज का सम्मान: पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने अपने कार्यकाल में मुजफ्फरपुर में जुब्बा सहनी के नाम पर पार्क स्थापित किया था. जल कर भी हटाया था. केंद्र में दिवंगत कैप्टन जयनारायण निषाद को मंत्री बनाकर समाज को राजनीति की मुख्य धारा में जोड़ा था. उन्होंने कहा कि निषाद समाज ने मेरे माता-पिता को पंद्रह साल तक सम्मान दिया. उन्होंने कहा कि मैं भी वही सम्मान पाना चाहता हूं. दोहरी शिक्षा नीति के कारण अमीरों और गरीबों के बच्चों को पढ़ने के असमान अवसर मिल रहे हैं. इससे गैर बराबरी पनप रही है.
ध्यान भटकाने के लिए समाज सुधार यात्रा: उन्होंने कहा कि मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ही मुख्यमंत्री समाज सुधार यात्रा कर रहे हैं. तेजस्वी यादव अपने संबोधन में कहा कि देश में 1990 के बाद कोई घोटाला ही नहीं हुआ? चारा घोटाला (fodder scam) को लालू प्रसाद ने ही सामने लाया था. एक जुर्म की एक सजा होती है लेकिन लालू प्रसाद को तो बिना जुर्म के लिए ही कई बार सजा दी जा रही है. तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार पर भी तंज कसा. उन्होंने कहा कि नेता के पास आने के लिए लोगों अप्वाइंटमेंट लेगा.
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जनता दरबार लगाते हैं तो कहते हैं कि ऑनलाइन आवेदन करो, उसमें से चुनेंगे, तब बुलाएंगे मिलने. लालू यादव का दरबार खुला रहता था. नीतीश कुमार को जनता के बीच जाते देखा है कभी? मुख्यमंत्री समाज सुधार यात्रा पर जाते हैं लेकिन जहां महिलाओं के साथ रेप हो रहा है, अफसरशाही है, वहां अफसरों के लिए सुधार यात्रा निकालनी चाहिए.
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