पटना: राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन (RJD Spokesperson Chittaranjan Gagan) ने जातीय जनगणना कराने के लिए बिहार कैबिनेट की स्वीकृति को बिहार की जनता की जीत बताते हुए कहा कि त्रुटिहीन जनगणना सुनिश्चित करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. जनगणना विरोधी तत्वों को ऐसा कोई भी मौका मिलने की गुंजाइश नहीं होनी चाहिए, जिससे वे जनगणना कार्य को किसी भी रूप में प्रभावित कर सकें. अथवा जनगणना रिपोर्ट को सार्वजनिक करने में अवरोधक होगा.
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'जातीय जनगणना की मांग को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा दिल्ली तक पदयात्रा करने की घोषणा और राजद के दबाव में भाजपा द्वारा भले ही समर्थन कर दिया गया है पर उसके नेताओं द्वारा दिए जा रहे बयानों में काफी भिन्नता देखी जा रही है. जिससे उनके नियत पर शंका होना लाजिमी है. भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी कह रहे हैं कि भाजपा जातीय जनगणना का विरोधी नहीं है तो केन्द्र की भाजपा सरकार क्यों नहीं राष्ट्रीय स्तर पर जातीय जनगणना करवा रही है. मोदी जी राज्यसभा में क्यों नहीं इस सवाल को उठा रहे हैं. कर्नाटक में भाजपा की सरकार है फिर अभी तक वहां हुए जातीय जनगणना की रिपोर्ट को क्यों नहीं जारी की गयी है.' - चित्तरंजन गगन, राजद प्रवक्ता
RJD प्रवक्ता ने बीजेपी पर साधा निशाना: राजद प्रवक्ता ने कहा कि जातीय जनगणना के बारे में भाजपा नेताओं द्वारा न केवल भ्रामक बयान दिए जा रहे हैं बल्कि साम्प्रदायिक सद्भावना को प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है. राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद की दशकों पुरानी मांग और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव की चहलकदमी के फलस्वरूप राज्य सरकार द्वारा लिया गया यह ऐतिहासिक फैसला किसी के खिलाफ नही है. बल्कि इससे राज्य के सर्वांगीण विकास को एक नई दिशा मिलेगी.
2023 तक जातीय जनगणना को पूरा करने का लक्ष्य: गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक आयोजित हुई थी. जिसमें बिहार में जातीय जनगणना की स्वीकृति दे दी गई थी. बैठक में फरवरी, 2023 तक जाति आधारित गणना पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है और इस पर 500 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान लगाया गया है. एक जून को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में जाति आधारित जनगणना के लिए सर्वदलीय बैठक हुई थी. जिसमें सबकी सहमति बनी थी और उसके बाद ही कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पारित किया गया.
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